गोडसे के नाम पर बन रही फिल्म 'देशभक्त नाथूराम गोडसे' पर विवाद फिल्म पर बैन लगाने की मांग की गई है और मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। फिल्म हिंदू महासभा की ओर से बनाई गई है और 30 जनवरी को रिलीज होनी है।इस संबंध में अन्ना हजारे के सहयोगी सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटील ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा के खिलाफ
मुकदमा दायर किया है।
पुणे की एक सिविल कोर्ट 29 दिसंबर को यह बताएगी कि मामले पर सुनवाई उसके अधिकार क्षेत्र में है या नहीं।30 जनवरी को गांधी की पुण्यतिथि है।गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में गांधी का वध किया था।
हेमंत पाटील ने आरोप लगाया है कि फिल्म सांप्रदायिक आधार पर लोगों की भावनाएं भड़का सकती है, इसलिए इस पर बैन लगाया जाए।याचिका में पाटील ने आरोप लगाया है कि महासभा की ओर से मीडिया में कहा था कि फिल्म में गांधीबध करने वाला नाथूराम
गोडसे को देशभक्त और गांधी को हिंदू- विरोधी दिखाया गया है । हालांकि नाथूराम गोडसे की पोती हिमानी सावरकर ने फिल्म पर बैन लगाने की मांग को सरासर गलत बताया है
हाल ही मे सुप्रीम कोंर्ट न ेPK फिल्म पर ये कह कर बेन लगानेसे इंकार कर दिया था की जिसे पसंद नहीं है वो फिल्म ना देखे ,देखते है अब गोडसे की फिल्म पर कोर्ट अपने पिछले वक्तव्य की तरह रहेगा या कोर्ट भी दोगलापांति मे विश्वाश रखता है??
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मुकदमा दायर किया है।
पुणे की एक सिविल कोर्ट 29 दिसंबर को यह बताएगी कि मामले पर सुनवाई उसके अधिकार क्षेत्र में है या नहीं।30 जनवरी को गांधी की पुण्यतिथि है।गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में गांधी का वध किया था।
हेमंत पाटील ने आरोप लगाया है कि फिल्म सांप्रदायिक आधार पर लोगों की भावनाएं भड़का सकती है, इसलिए इस पर बैन लगाया जाए।याचिका में पाटील ने आरोप लगाया है कि महासभा की ओर से मीडिया में कहा था कि फिल्म में गांधीबध करने वाला नाथूराम
गोडसे को देशभक्त और गांधी को हिंदू- विरोधी दिखाया गया है । हालांकि नाथूराम गोडसे की पोती हिमानी सावरकर ने फिल्म पर बैन लगाने की मांग को सरासर गलत बताया है
हाल ही मे सुप्रीम कोंर्ट न ेPK फिल्म पर ये कह कर बेन लगानेसे इंकार कर दिया था की जिसे पसंद नहीं है वो फिल्म ना देखे ,देखते है अब गोडसे की फिल्म पर कोर्ट अपने पिछले वक्तव्य की तरह रहेगा या कोर्ट भी दोगलापांति मे विश्वाश रखता है??
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बच्चों को दुश्मनों से मुकाबला करने से लेकर भारीभरकम हथियार चलाने व नृशंस हत्या की ट्रेनिंग दे रहा है। माना जा रहा है कि ये तस्वीरें इस्लामिक स्टेट की कथित राजधानी रक्का के पास खींची गई हैं।
‘मिनी स्कूल ऑफ जिहाद’ बताकर आईएसआईएस कैसी घिनौनी हरकत कर रहा है। विचलित कर देने वाली इस तस्वीर को ‘अल शरिया’ नामक स्कूल बताया जा रहा है। ट्विटर पर आईएसआईएस समर्थकों द्वारा इसे तेजी से शेयर किया जा रहा है। एक कार्यकर्ता समूह की मानें, तो अल शरिया स्कूल में 16 साल के कम उम्र के लड़कों को विशेषकर मिलिट्री ट्रेनिंग दी जा रही है।
हैरानी की बात ये है कि आईएसआईएस बच्चों को बरगला कर हिटलर शासनकाल में दी गई यातनाओं के तरीकों की तालीम दे रहा है। यही नहीं, सुन्नी आतंकी इस्लाम के नाम पर बच्चों को आत्मघाती हमलावर बनने के लिए भी उकसा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन बच्चों को शरिया कैंप में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
अंग्रेजी वेबसाइट वाइस (जिहादी गतिविधियों को कवर करने वाले) की डॉक्यूमेंट्री में आईएसआईएस का मीडिया प्रवक्ता अबु मौसा (मर चुका) इस तरह की बातें कर चुका है।
http://timesofindia.indiatimes.com/…/articlesh…/44919220.cms
‘मिनी स्कूल ऑफ जिहाद’ बताकर आईएसआईएस कैसी घिनौनी हरकत कर रहा है। विचलित कर देने वाली इस तस्वीर को ‘अल शरिया’ नामक स्कूल बताया जा रहा है। ट्विटर पर आईएसआईएस समर्थकों द्वारा इसे तेजी से शेयर किया जा रहा है। एक कार्यकर्ता समूह की मानें, तो अल शरिया स्कूल में 16 साल के कम उम्र के लड़कों को विशेषकर मिलिट्री ट्रेनिंग दी जा रही है।
हैरानी की बात ये है कि आईएसआईएस बच्चों को बरगला कर हिटलर शासनकाल में दी गई यातनाओं के तरीकों की तालीम दे रहा है। यही नहीं, सुन्नी आतंकी इस्लाम के नाम पर बच्चों को आत्मघाती हमलावर बनने के लिए भी उकसा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन बच्चों को शरिया कैंप में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
अंग्रेजी वेबसाइट वाइस (जिहादी गतिविधियों को कवर करने वाले) की डॉक्यूमेंट्री में आईएसआईएस का मीडिया प्रवक्ता अबु मौसा (मर चुका) इस तरह की बातें कर चुका है।
http://timesofindia.indiatimes.com/…/articlesh…/44919220.cms
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