Sunday 14 July 2013

भारत में चलने वाले न्यूज़ चैनल, अखबार वास्तव में भारत के है ही नहीं.

सन २००५ में एक फ़्रांसिसी पत्रकार भारत दौरे पर आया उसका नाम फ़्रैन्कोईस था उसने भारत में हिंदुत्व के ऊपर हो रहे अत्याचारों के बारे में अध्ययन किया और उसने फिर बहुत हद तक इस कार्य के लिए मीडिया को जिम्मेवार ठहराया. फिर उसने पता करना शुरू किया तो वह आश्चर्य चकित रह गया की भारत में चलने वाले न्यूज़ चैनल, अखबार वास्तव में भारत के है ही नहीं. फिर एक लम्बा अध्ययन किया उसमें निम्नलिखित जानकारी निकलकर सामने आई. विभिन्न मीडिया समूह और उनका आर्थिक श्रोत…

१- दि हिन्दू
जोशुआ सोसाईटी, बर्न, स्विट्जरलैंड, इसके संपादक एन राम, इनकी पत्नी ईसाई में बदल चुकी है.

२- एन डी टी वी
गोस्पेल ऑफ़ चैरिटी, स्पेन, यूरोप

३- सी.एन.एन, आई.बी.एन.७, सी.एन.बी.सी
१०० % आर्थिक सहयोग द्वारा साउदर्न बैपिटिस्ट चर्च

४- दि टाइम्स ऑफ़ इंडिया, नवभारत, टाइम्स नाउ
बेनेट एंड कोल्मान द्वारासंचालित, ८०% फंड वर्ल्ड क्रिस्चियन काउंसिल द्वारा, बचा हुआ २०% एक अँगरेज़ और इटैलियन द्वारा दिया जाता है. इटैलियन व्यक्ति का नाम रोबेर्ट माइन्दो है जो यु.पी.ए. अध्यक्ष सोनिया गाँधी का निकट सम्बन्धी है.

५-हिन्दुस्तान टाइम्स, दैनिक हिन्दुस्तान
मालिक बिरला ग्रुप लेकिन टाइम्स ग्रुप के साथ जोड़ दिया गया है.

६- इंडियन एक्सप्रेस
इसे दो भागो में बाँट दिया गया है, दि इंडियन एक्सप्रेस और न्यू इंडियन एक्सप्रेस (साउथ एडिसन) - Acts Ministries has major stake in the Indian express and later is still with the Indian counterpart.

७- दैनिक जागरण ग्रुप
इसके एक प्रबंधक समाजवादी पार्टी से राज्य सभा में सांसद है. यह एक मुस्लिम्वादी पार्टी है.

८- दैनिक सहारा
इसके प्रबंधन सहारासमूह देखती है इसके निदेशक सुब्रोतो राय भी समाजवादी पार्टी के बहुत मुरीद है

९- आंध्र ज्योति
हैदराबा द की एक मुस्लिम पार्टी एम् आई एम् (MIM ) ने इसे कांग्रेस के एक मंत्री के साथ कुछ साल पहले खरीद लिया

१०- स्टार टीवी ग्रुप
सेन्ट पीटर पोंतिफिसिअल चर्च, मेलबर्न,ऑस्ट्रेलिया

११- दि स्टेट्स मैन
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित

इस तरह से एक लम्बी लिस्ट हमारे सामने है जिससे ये पता चलता है की भारत की मीडिया भारतीय बिलकुल भी नहीं है और जब इनकी फंडिंग विदेश से होती है तो भला भारत के बारे में कैसे सोच सकते है. अपने को पाकसाफ़ बताने वाली मीडिया के भ्रष्टाचार की चर्चा करना यहाँ पर पूर्णतया उचित होगा. बरखा दत्त जैसे लोग जो की भ्रष्टाचार का रिकार्ड कायम किया है उनके भ्रष्टाचार की चर्चा दूर दूर तक है, इसके अलावा आप लोगो को शायद न मालूम हो पर आपको बता दू की NDTV की एंकर बरखादत्त ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है. प्रभु चावला जो की खुद रिलायंस के मामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला फिक्स कराते हुए पकडे गए उनके सुपुत्र आलोक चावला, अमर उजाला के बरेली संस्करण में घोटाला करते हुए पकडे गए. दैनिक जागरण ग्रुप ने अवैध तरीके से एक ही रजिस्ट्रेसन नम्बर पर बिहार में कई जगह पर गलत ढंग से स्थानीय संस्करण प्रकाशित किया जो की कई साल बाद में पकड़ में आया और इन अवैध संस्करणों से सरकार को २०० करोड़ का घटा हुआ. दैनिक हिन्दुस्तान ने भी जागरण के नक्शे कदम पर चलते हुए यही काम किया उसने भी २०० करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को पहुंचाया इसके लिए हिन्दुस्तान के मुख्य संपादक शशिशेखर के ऊपर मुक़दमा भी दर्ज हुआ है.

शायद यही कारण है की भारत की मीडिया भी कालेधन, लोकपाल जैसे मुद्दों पर सरकार के साथ ही भाग लेती है. सभी लोगो से अनुरोध है की इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो के पास पहुंचाएं ताकि दूसरो को नंगा करने वाले मीडिया की भी सच्चाई का पता लग सके.

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