Monday 25 November 2013

इस्लाम धर्म और मुसलमानों पर पाबंदी

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मित्रों अफ्रीका के एक देश अंगोला में 'शांति प्रिय' समुदाय द्वारा उत्पात मचाने के बाद वहाँ की सरकार ने अपने देश में#इस्लाम पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है..

आप मित्रों इस पर क्या कहना है कि ये गलत किया वहाँ की सरकार ने या सही किया अपने देश हित में ?

http://www.ibtimes.com/angola-bans-islam-dismantles-mosques-according-news-reports-1483660

http://guardianlv.com/2013/11/islam-banned-in-angola/

aaj tak--

इस्लाम धर्म और मुसलमानों पर पाबंदी लगाने वाला अंगोला दुनिया का पहला देश बन गया है. इस आशय की खबरें अफ्रीकी अखबारों में छपी हैं. इसके मुताबिक अफ्रीका महाद्वीप के इस तटीय देश अंगोला की कल्चर मिनिस्टर रोसा क्रूज ने कहा है कि न्याय और मानवाधिकार मंत्रालय ने इस्लाम को हमारे देश में कानूनी वैधता नहीं दी है. ऐसे में अगले नोटिस तक सभी मस्जिदें बंद रहेंगी. इसके अलावा इस तरह की खबरें भी हैं कि सरकार ने मस्जिदों को गिराए जाने का भी आदेश दे दिया है.
मंत्री रोसा के मुताबिक ये फैसला देश में पनप रहे कई अवैध धार्मिक मतों को रोकने की कड़ी में लिया गया है. मंत्री ने यह बयान देश की संसद में दिया और कहा कि अंगोला की संस्कृति के खिलाफ जो भी मत हैं, उन्हें रोकने के लिए यह जरूरी था. इस्लाम के अलावा और भी कई मतों, संप्रदायों पर कानूनी रूप से बंदी की तलवार लटक रही है. इस बारे में मंत्री ने कहा कि हमने जिन संप्रदायों की लिस्ट निकाली है, वे अगले आदेश तक पूजा नहीं कर सकते. उन्हें अपने धार्मिक स्थल और उससे जुड़ी सभी रस्मों को बंद करना होगा.
इस फैसले के बारे में अंगोला के प्रेसिडेंट जोस अडुराडो सांतोस ने कहा कि आखिरकार हमारे देश में इस्लामिक प्रभाव के अंत की आखिरी शुरुआत हो चुकी है.
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अंगोला के द्वारा अपने देश में इस्लाम पर प्रतिबन्ध लगाये जाने के खिलाफ मैंने देखा की कुछ भारतीय मुस्लिम पत्रकार इस पर बहुत ही कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे है और अंगोला को जमकर कोस करे है ... जो भी मुस्लीम इस प्रतिबन्ध को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन समजते है और साथ में ही साउदी अरब जैसे देशो को अपना गुरु मानते है, उन्हें याद होना चाहिए कि सऊदी अरब में इस्लाम के अलावा सभी अन्य धर्मो पे कई दशको से प्रतिबन्ध है | यदि कोई व्यक्ति साउदी अरब कि फलाइट में क्रॉस या भगवान् कि मूर्ति या तस्वीर या कोई धार्मिक किताब ले जाता है तो वह जब्त कर ली जाती है | यदि कोई गैर-मुस्लीम (अपने घर में भी) अपने धर्म कि पूजा करता है तो वहाँ कि पुलिस को अधिकार है कि घर पे छापा मार कर पूजा सामग्री को नष्ट कर के सब को गिरफ्तार कर सके | यदि कोई गैर-मुस्लीम अपने धर्म का प्रचार करता है तो उसे सीधे जेल ही हो जाती है | साउदी अरब में एक भी मंदिर, मठ, गुरुद्वारा या चर्च नहीं है | यदि आप एंगोला के इस कदम को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हुए उसकी आलोचना करते है, तो साथ-साथ आपको सऊदी अरब कि भी आलोचना करनी पड़ेगी |-jitendra prasad singh
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मित्रो, एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने भारत सरकार से पूछा की तेजपाल के तहलका द्वारा किया गया "गोवा थिंक फेस्ट " में आतंकी सन्गठन तालिबान के उपप्रमुख मुल्ला जईफ़ को वीजा क्यों और किसके सिफारिस पर मिला ?? जबाब था :- १- आईबी चीफ आसिफ इब्राहीम [IPS] २-विदेश मंत्रालय के प्रमुख प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन [IFS] 3- विदेश मंत्री भारत गणराज्य सलमान खुर्शीद मित्रो, ये "{सिफारिस}" अपने आप में बहुत कुछ कह जाती है .. भारत की मेनस्ट्रीम मीडिया इस गम्भीर मामले पर चुप है .. क्या केंद्र सरकार जबाब देगी ?
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झूठ या साजिश --कश्मीर भारत का अभिन्न अंग कैसे है ?

कश्मीर में तिरंगा न फहराए जाने का घटना कोई नयी नहीं है ऐसा कई बार हो चुका है. जम्मू कश्मीर राज्य के कई भागों में तो आजतक तिरंगा फहराया ही नहीं गया है. 
देश में ही खुलेआम हो रहे देशद्रोही कृत्य की आलोचना करने के बजाय मिडिया में यही झूठा बयान आता है कि -"कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है." 
सवाल ये है यही बात उत्तरप्रदेश,राजस्थान,बिहार गुजरात के लिए क्यों नहीं कहा जाता है ?
यह बयान देश को भ्रमित करने के लिए दिया जाता है. अगर वास्तव में कश्मीर भारत का अंग ही होता तो ये बात १९४७ से आज तक बार बार दोहराने की क्या जरुरत है. मतलब साफ़ है कश्मीर में ऐसा कुछ खतरनाक खेल चल रहा है जिससे देश को अनजान बनाये रखने की कोशिस हो रही है.





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