Wednesday 3 December 2014

 मुसलमानों से जुड़े भ्रम और उनका पर्दाफाश 
1. भ्रम: आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता ।
तथ्य: आतंकवाद का धर्म इस्लाम होता है । आतंकवादी मुसलमानों को जिन्दा छोड़ देते है और गैर-मुसलमानों को चुन चुन कर मारते है । जैसे केनिया और मुंबई का 26/11 का हमला
2. भ्रम: कोई धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता ।
तथ्य: इस्लाम आतंकवाद की सीख देता है । कुरान सूरा 5:33 जो लोग अल्लाह और उसके रसूल से लड़ते है और धरती के लिए बिगाड़ पैदा करने के लिए दौड़-धूप करते है, उनका बदला तो बस यही है कि बुरी तरह से क़त्ल किए जाए या सूली पर चढ़ाए जाएँ या उनके हाथ-पाँव विपरीत दिशाओं में काट डाले जाएँ या उन्हें देश से निष्कासित कर दिया जाए। यह अपमान और तिरस्कार उनके लिए दुनिया में है और आख़िरत में उनके लिए बड़ी यातना है
3. भ्रम: मुसलमान गरीब और अनपढ़ होने से आतंकवाद में लिप्त है ।
तथ्य: ओसामा (इंजिनियर), ओवैसी (वकील), अफजल गुरु (डॉक्टर), हाफिज सइद (प्रोफ़ेसर) जैसे ज्यादातर आतंकी संपन्न और उच्च शिक्षित है । हिंदू, बौद्ध, सीख, इसाई धर्म में भी करोडो लोग गरीब और अनपढ़ है । क्या वे जेहाद, जनसंख्या विस्फोट, दंगे, बम धमाके करते है ?
4. भ्रम: एक के कारण सभी मुसलमानों को दोष देना गलत है ।
तथ्य: 99% आतंकवादी मुसलमान हि होते है । बाकी मुसलमान आतंकियों की कभी की निंदा नहीं करते है और लादेन , ओवैसी, झाकिर नाईक, अफजल गुरु दौऊद का समर्थन करते है । न ही कभी आतंकी विरोधी रैली निकालते है लेकिन पाकिस्तान और भारत सही दुसरे मुल्को में उनके समर्थन में जरूर समाज में दंगे करके बिगाड़ पैदा करते है
5. भ्रम: मुसलमान भी सेक्युलर होते है ।
तथ्य: मुसलमान अल्पसंख्यक होने पर सेक्युलरिजम का दिखावा करते है, लेकिन बहुसंख्यक होने के बाद वे गैर-मुस्लिमो कों मौत के घाट उतार देते है । जैसे की कश्मीर, पाकिस्तान, बांग्लादेश, असम । विश्व के 47 मुस्लिम बहुल राष्ट्रों में से 1 भी देश 100% सेक्युलर नहीं !
6-हमारे दोस्त मुस्लिम भी होते है
तथ्य :हिंदुस्तान में दोस्ती करना उनकी मजबूरी है वो जानते है की हम यहाँ पर कम है लेकिन जिस दिन इलाके में वो जादा हो जाता है उस दिन उस जगह को वो कश्मीर ,असम और मल्लुपुरम बना देते है जैसे कुरान की ये आयात बोलती है
गैर मुस्लिम तो चाहते है कि जिस प्रकार वे स्वयं अधर्मी है, उसी प्रकार तुम भी अधर्मी बनकर उन जैसे हो जाओ; तो तुम उनमें से अपने मित्र न बनाओ, जब तक कि वे अल्लाह के मार्ग में घरबार न छोड़े। फिर यदि वे इससे पीठ फेरें तो उन्हें पकड़ो, और उन्हें क़त्ल करो जहाँ कही भी उन्हें पाओ - तो उनमें से किसी को न अपना मित्र बनाना और न सहायक
सूरा अल निसा 4:49
ऐ ईमान लानेवालो! तुम यहूदियों और ईसाइयों को अपना मित्र (राज़दार) न बनाओ। वे (तुम्हारे विरुद्ध) परस्पर एक-दूसरे के मित्र है। तुममें से जो कोई उनको अपना मित्र बनाएगा, वह उन्हीं लोगों में से होगा। निस्संदेह अल्लाह अत्याचारियों को मार्ग नहीं दिखाता सूरा अल मैदा 5;51
आप मुस्लिम देशो में एक 10 ऐसे गैर मुस्लिमो के नाम बता दीजिये जिन्हें विश्व लेवल पर मुस्लिमो ने अपने बराबर बैठाला हो इराक,ईरान ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान,सऊदी अरब ,अरब अमीरात,ओमान ,क़तर ,बहेरीन ,सूडान ,सोमालिया,या अन्य कोई मुस्लिम देश जहा पर गैर मुस्लिमो को कोई हक हो या फिर उनको धार्मिक छूट हो यही सत्य है अगर मुस्लिम जादा तो वहा गैर मुस्लिम के लिए सारे द्वार बंद लेकिन कम है तो उस देश में जिहाद दंगे बम धमाके लव जिहाद करके उसको दारूल इस्लाम बनाना मुस्लिमो की मजहबी जिम्मेदारी है इस काम को इंडिया,झिझिंग (चाइना का प्रान्त )नाइजीरिया फ्रांस रूस और अन्य देशो में बखूबी अंजाम दे रहे है
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  स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था कि जब कोई हिन्दू अपना धर्म परिवर्तित कर मुसलमान बन जाता है तो ना सिर्फ एक हिन्दू कम हो जाता है बल्कि. हिन्दुओं का एक नया दुश्मन भी तैयार हो जाता है...!
हालाँकि स्वामी जी के इस कथन का उस समय के सेक्यूलरों ने पुरजोर विरोध किया था और, हो सकता है कि. आज भी करें लेकिन  स्वामी जी का कथन निर्विवाद रूप से शत-प्रतिशत सत्य है !क्योंकि आज यह बात किसी से छुपी नहीं है कि.मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (नेशनल कॉन्फ्रेंस) के संस्थापक शेख अब्दुल्ला कश्मीर को भारत में विलय से पहले एक मुस्लिम देश बनाना चाहते थे...!
 यह जानकर हर किसी को बेहद हैरानी होगी कि कश्मीर को एक मुस्लिम देश बनाने का सपना देखने वाले शेख अब्दुल्ला  कोई अरब अरब प्रदेश से आये मुस्लिम नहीं हैं बल्कि, वे एक परिवर्तित मुस्लिम हैं, और उनके परदादा ""बालमुकुंद कौल"एक कश्मीरी पंडित थे...!
 ये बात किसी और ने नहीं बल्कि शेख अब्दुल्ला ने ही  अपनी आत्मकथा में इस बारे विस्तार से बताया है आजाद कश्मीर का सपना देखने वाले शेख अब्दुल्ला ने .स्वयं अपनी आत्मकथा ‘आतिशे चीनार’ में स्वीकार किया है कि कश्मीरी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे तथा, उनके पूर्वज भी कश्मीरी पंडित ही थे और, उनके परदादा का नाम "बालमुकुंद कौल" था !अपनी किताब में उन्होंने आगे लिखा है कि श्रीनगर के निकट सूरह नामक बस्ती में शेख़़ मुहम्मद अब्दुल्लाह का जन्म हुआ था और, उनके पूर्वज मूलतः सप्रू गोत्र के कश्मीरी ब्राह्मण थे...!
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शाहजहां (१६२७-१६५८) का शासन ३१ साल रहा।
इसमें मुमताज कब मरी ?
ताज महल बनाने का विचार कब आया ? 

ताजमहल की डिजाइन बनाने में कितना समय गया ?
अमूल्य सफ़ेद पारस कहासे लाया गया ?
सफ़ेद पारस लाने में कितना समय व्यतीत हुवा ?
ताजमहल बनाने में कितना समय लगा ?
इन ३१ वर्षो में कितने वर्ष युद्ध में रहे ? 
ज़रा विचार कीजिये क्या इतना सब कुछ केवल ३१ वर्ष में संभव है ?
इतिहास इस का प्रमाण है की मुग़ल लुटेरों ने केवल हिन्दुस्थान को लूटने का काम किया चाहे वे हिन्दुस्थान की संस्कृति हो या हम हिन्दु ओ का मंदिर। इन मुग़ल लुटेरो की मानसिकता कभी थी है नहीं की ऐसी भव्य भवन का निर्माण करे।
लुंटने वाले विकास कभी नहीं करते।



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