Wednesday 3 December 2014

कहते हैं मुसलमान खुश नहीं हैं
वे गाजा में खुश नहीं हैं,
वे मिस्र में खुश नहीं हैं,
वे लीबिया में खुश नहीं हैं,
वे मोरक्को में खुश नहीं हैं,
वे बांग्लादेश मे खुश नही है,
वे ईरान में खुश नहीं है,
वे इराक में खुश नहीं है,
वे यमन में खुश नहीं है,
वे सूडान मे खुश नही है,
वे अफगानिस्तान में खुश नहीं हैं,
वे सोमालिया मे खुश नही है,
वे पाकिस्तान में खुश नहीं हैं,
वे सीरिया में खुश नहीं हैं,
वे लेबनान में खुश नहीं हैं,
वे कश्मीर में खुश नहीं हैं,
वे चेचन्या में खुश नहीं हैं,
वे पूर्वी तुर्केस्तान में खुश नहीं हैं,

पूरी दुनिया में जहां भी हैं, दूसरे इनसे त्रस्त हैं, क्योंकि ये बिना लड़े रह ही नहीं सकते......
कुछ उदाहरण......
१....चेचन्या में इनकी रूसियों से लड़ाई है,
२.....चीन(जिनजियांग) में इनकी हानों से खुनी जंग चल रही है,
३....म्यांमारमें इनका बौद्धों से दंगा है,
४......भारत में इनकी हिन्दुओं से ऐतिहासिक मारकाट है,
५.......नाईजीरिया समेत पूरे अफ्रीका में इनका ईसाईयों से सशस्त्र संघर्ष चल ही रहा है,
६.....इजरायल फिलिस्तीन में यहूदियों से दुर्दान्त जेहाद है,
पूरी दुनिया के नास्तिकों से तो इनका खून खराबे का रिश्ता है ही l
.
यानी मोटे तौर पर पूरी दुनिया में इन लोगों का बाकी इंसानों यानी गैर-मजहबी लोगों से फसाद चल रहा है और जहाँ गैर-मजहबी लोग नही हैं वहाँ अमन और भाईचारे के लिए आपस में ही जेहाद-जेहाद खेलकर अल्लाह , पाक, पैगम्बर और आसमानी किताब की तालीमों को इज्जत बख्शी जा रही है l
वर्तमान में ईराक में हो रहा खूनी खेल इनके गंदे इरादों का सटीक उदाहरण है......

भारतीय नेताओं द्वारा जोर-शोर से यह ढोल पीटा जाता है कि आतंकवाद तो बस आतंकवाद है और, उसे किसी भी मजहब से जोड़ना गलत है...! उनका कहना होता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और, दुनिया का हर मजहब ""शांति का सन्देश"" देता है...!!
.आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए लड़ने इराक गए आरिफ माजिद से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ता ने जब पूछा कि घर से क्यों भागे थे,तो . सेक्यूलरों और हमारे नेताओं के मुंह पर जोरदार तमाचा मारते हुए उस जेहादी का जवाब था-.''अल्लाह के काम पर गया था।''मौका मिलने पर ISIS में दुबारा शामिल होऊंगा 
 मजे की बात यह है कि वह आरिफ माजिद नामक ""मुस्लिम आतंकवादी"" . हिंदुस्तान इसलिए नहीं लौटा क्योंकि, आईएसआईएस के प्रति उसका भ्रम टूट गया. बल्कि , इसलिए वापस आया क्योंकि वह घायल हो गया था। जेहादी आरिफ ने बताया कि जेहाद के दौरान उसे तीन गोलियां लगी थीं, लेकिन अब वह ठीक है।
 आरिफ कल्याण के ही रहने वाले अमन टंडेल, फहाद शेख और शाहीन टंकी के साथ मई में इराक गया था और, वहां जाने के लिए ये चारों एक तीर्थयात्रियों के दल में शामिल हुए थे लेकिन, बाद में इराक पहुंचकर ये चारों गायब हो गए। बाद में परिवारवालों को फोन करके बताया कि उन्होंने इस्लामिक स्टेट के लिए हथियार उठा लिए हैं... और, वे अल्लाह के काम में लग गए हैं...!!
क्या इतने पुख्ता सबूत होने के बाद भी.... हमारे राजनेता और मनहूस सेक्यूलर अभी-भी ये पीपड़ी ही बजाएंगे कि..... आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है....?और, अगर सच में आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है तो.....फिर ISIS अथवा दुनिया के किसी भी आतंकवादी संगठन में भर्ती होने एवं उसे कहलाने वालों के नाम आरिफ. माजिद , सलीम या अब्दुल्ला ही क्यों होते हैं....?मोहन , सोहन, सुनील या विनोद क्यों नहीं....?
 मुस्लिम कहाँ खुश है ???
वे ऑस्ट्रेलिया में खुश हैं,
वे इंग्लैंड में खुश हैं,
वे फ्रांस में खुश हैं,
वे इटली में खुश हैं,
वे जर्मनी में खुश हैं,
वे स्वीडन में खुश हैं,
वे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में खुश हैं,
वे भारत में खुश हैं,
वे लगभग हर उस देश में शान्ति से जी रहे हैं, जो कि इस्लामी देश नहीं हैं ! लेकिन वो इलज़ाम किस पर लगाते है ???
न इस्लामी रहनुमाओ पर, न ही अपने नेतृत्व पर और न ही खुद पर पर, बल्कि उन सभी गैर मुस्लिम देशो पर और वहा के गैर मुस्लिम लोगो पर जिन्होने उन्हे रहने के लिए जगह दी ...........!
लेकिन ऊपर से ये मुस्लिम लोग वहा भी इस्लामीकरण का सपना देख कर उसे भी इस्लामी देश बनाने पर आमादा है जहाँ खुद ये लोग दुखी है और बाकी दुनिया तो पहले ही दुखी है इनसे पिछले 1400 सालो से................!

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एक लाइव टीवी शो की शूटिंग के दौरान गौहर खान को एक मुस्लिम युवक ने ये कहते हुए जोरदार तमाचा मारा की मुस्लिम होते हुए भी तुम इतनी शोर्ट ड्रेस क्यों पहनती हो ... यानी ये दोगले अब भारत में भी तालिबानी हुकुमत थोपना चाहते है

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