Monday 17 October 2016


इस्लाम में औरतों की जिन्दगी को नर्क बनाने वाली
 "हलाला" का शिकार बनी मीना कुमारी उर्फ़ महजबी  ....
इस्लाम में यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के सामने तीन बार "तलाक " शब्द का उच्चारण कर दे , या कहे की मैंने तुझे तीनों तलाक दे दिए , तो तलाक हो जाती है ..क्योंकि इस कथन को उस व्यक्ति की कसम माना जाता है .जैसा की कुरान ने कहा है और अगर तुम पक्की कसम खाओगे तो उस पर अल्लाह जरुर पकड़ेगा "सूरा - मायदा 5 :89

ऐसा कई बार होता है कि व्यक्ति अपनी पत्नी को तलाक देकर बाद में पछताता है , क्योंकि औरतें गुलामों की तरह काम करती हैं , और बच्चे भी पालती हैं . कुछ पढ़ी लिखी औरतें पैसा कमा कर घर भी चलाती है . इस इसलिए लोग फिर से अपनी औरत चाहते है .
" हे नबी तू नहीं जनता कि कदाचित तलाक के बाद अल्लाह कोई नयी तरकीब सुझा दे " सूरा -अत तलाक 65 :1
और इस आयत के बाद काफी सोच विचार कर के अल्लाह ने जो उपाय निकाला है ,वह औरतों के लिए शर्मनाक है...यदि किसी ने पत्नी को तलाक दे दिया , तो उस स्त्री को रखना जायज नहीं होगा . जब तक वह स्त्री किसी दूसरे व्यक्ति से सहवास न कर ले .फिर वह व्यक्ति भी उसे तलाक दे दे . "सूरा - बकरा 2 :230
तलाक़ दी हुई अपनी बीवी को दोबारा अपनाने का एक तरीका है जिसे "हलाला" कहते है .. जिस के तहेत मत्लूका(तलाक दी गयी पत्नी ) को किसी दूसरे मर्द के साथ निकाह करना होगा और उसके साथ हम बिस्तरी (सेक्स) की शर्त लागू होगी फिर वह तलाक़ देगा, बाद इद्दत (सेक्स के बाद मासिक धर्म आये ताकि ये साबित हो सके औरत दुसरे पति के बच्चे की माँ नही बनी है ..यदि मासिक नही आये तो तलाक नही होगा) ख़त्म औरत का तिबारा निकाह अपने पहले शौहर के साथ होगा, तब जा कर दोनों तमाम जिंदगी गुज़ारेंगे.हलाला के बारे में कुरान और हदीसों में इस प्रकार लिखा है ,
मीना कुमारी को उनके शौहर कमाल अमरोही ने गुस्से में तीन तलाक दे दिया था ..बाद में पछतावा होने पर उन्होंने मीना कुमारी से फिर से निकाह किया .. लेकिन इसके लिए मीना कुमारी को हलाला जैसी शर्मनाक प्रथा से गुजरना पड़ा था .. जिसका वर्णन खुद मीना कुमारी ने किया है... मीना कुमारी का निकाह कमाल अमरोही ने अपने दोस्त (जीनत अमान के पिता) से करवाया.. फिर मीना कुमारी को अपने नए शौहर के साथ हमबिस्तर होना पड़ा ..फिर इद्दत यानी मासिक आने के बाद उन्होंने अपने नए शौहर से तीन तलाक लेकर अपने पुराने शौहर कमाल अमरोही से दुबारा निकाह किया .. मीना कुमारी ने लिखा है की मै फिर कभी कमाल से नजरे नही मिला सकी... जिस जिस्म पर सिर्फ कमाल का हक था उस जिस्म को मुझे धर्म के नाम पर दुसरे को सौपना पड़ा.. फिर मुझसे और वेश्या में क्या फर्क रहा ?

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