Saturday 3 February 2018

अखिल भारतीय ग्राम विकास सम्मेलन भारत भारती बैतूल ।
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संस्कारमूलक भौतिक विकास चाहिए - डॉ. मोहनराव भागवत
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भारत भारती में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ग्राम विकास सम्मेलन में आज देशभर के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र के प्रभात ग्रामो में चलने गतिविधियों पर दिनभर के सत्रों में चर्चा की ।
कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए संघ के परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहनराव जी भागवत ने कहा कि
जहाँ कृषि, गौपालन, गौ संवर्द्धन होता है । जहाँ जल जंगल है । जन, जानवर जहां सुख पूर्वक रहते है वह गांव है ।
गाँव की पांच शक्तियों धार्मिक शक्ति , युवा शक्ति, मातृशक्ति, सज्जन शक्ति और संघ शक्ति के द्वारा सप्त सम्पदा भू सम्पदा, जल सम्पदा, वन सम्पदा, गौ सम्पदा, जीव सम्पदा ,ऊर्जा सम्पदा , जन सम्पदा का संरक्षण होना चाहिए तथा जन की शिक्षा , स्वास्थ्य, संस्कार, स्वावलम्बन की चिंता होनी चाहिए । वह संघ की भाषा मे प्रभात ग्राम है । ऐसे ग्राम देशभर में 318 है ।
माननीय भागवत जी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि देश मे पौने सात लाख स्थानों में साढ़े पांच लाख ग्राम है । हमे कम से कम दस प्रतिशत ग्रामो को प्रभात ग्राम बनाना होगा तब देश मे अच्छे ग्राम बनाने की लहर पैदा होगी ।
उन्होंने कहा कि ग्राम स्वावलम्बी होना चाहिए । जहर मुक्त कृषि अर्थात जैविक कृषि होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि विकास की कोई निश्चित परिभाषा नही है । यह समय के साथ बदलता जाता है । इसीलिए नई पीढ़ी को ग्राम विकास समिति से जोड़ना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि ग्राम का विकास दस पंद्रह लोगों का कार्य नही है उसके लिए पूरे गांव के लोगों को जुटना होगा ।
त्रिदिवसीय इस बैठक का 4 फरवरी को समापन होगा ।

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