दुनिया को दोजख बना रखा है!
हे शांतिप्रिय कौम! आप म्यांमार के बाद श्रीलंका में बौद्धों से भिड़ गये! यहूदी, हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, नास्तिक- सभी से आपको समस्या है! आपके ईमान वाला आपका पहले से 54 मुल्क हैं, लेकिन वहां तो और भी कत्लेआम है!
बस सत्ताविहीन वामपंथी ही हैं, जिनसे आपकी लंगोट बंधी है! सत्ता में रहते तो कम्युनिस्ट चीन भी आपसे परेशान होकर आपकी कौम पर पाबंदी थोप रहा है! आप दुनिया में कहां शांति से रह सकते हैं बता दीजिए?
सभी जगह आपको समस्या है तो आप खुद में, अपनी किताबों में, अपने ईमान में झांकिए! ऐसा क्यों है कि आप सह-अस्तित्व को स्वीकार नहीं पाते? ऐसा तो हो नहीं सकता कि पूरी दुनिया खराब है और एक आपका ही मजहब सीधे जन्नत से उतरा है?
अरे मनुष्य बनिए! अपने मजहब में सुधारवादी आंदोलन चलाइए! आपकी कौम के जो लोग आधुनिक व सहअस्तित्व ढंग से सोच रहे हैं, आगे बढ़कर उनका समर्थन कीजिए। यह 600 ईस्वी नहीं, 2018 है! तब की व्यवस्था आज किसी पर जबरदस्ती नहीं थोपी जा सकती है। खुद शांति से रहिए और दूसरों को भी शांति से जीने दीजिए! दुनिया को दोजख बना रखा है!
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