बड़ी लुंगी जब फाईनेंस मिनिस्टर हुआ करता था तो इसने सोना इम्पोर्ट करने की ऐसी स्कीम लांच की थी जिससे देश को एक लाख करोड़ से जादा का नुक्सान हुआ .उस स्कीम के कारण नीरव मोदी जैसे फ्राडियों ने काफी मोटा माल कमाया था
यूपीए शासनकाल में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम की सोना आयात योजना में कथित भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.
संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) में शामिल भाजपा सदस्यों ने बृहस्पतिवार को पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम को अपने निशाने पर रखा जिनके वित्त मंत्री रहने के दौरान यूपीए सरकार की ओर से 80:20 सोना आयात योजना शुरू की गई थी.
पीएसी की बैठक में इस योजना में चिदंबरम की भूमिका पर सवाल उठे. सीएजी ने 2016 में पेश अपनी रिपोर्ट में इस योजना पर सवाल उठाए थे. सोना आयात योजना को यूपीए सरकार ने अगस्त 2013 में अपनी मंजूरी दी थी.
सवा लाख करोड़ रुपये का नुकसान
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार 2013 से 2015 के बीच 80:20 सोना आयात योजना की वजह से सरकारी खजाने को करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का चुना लगा था.
नीरव और मेहुल को हुआ मुनाफा
इस योजना से जिन कंपनियों को फायदा पहुंचा, उनमें नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियां भी शामिल हैं, जिन्हें इससे हजारों करोड़ों का मुनाफा हुआ.
पीएसी ने वित्त सचिव, सीबीडीटी, ईडी से गोल्ड स्कीम से जुड़े सारे तथ्य और फाइल पीएसी की उपसमिति के समक्ष 15 दिन में देने को कहा, साथ ही इस योजना में चिदंबरम की भूमिका की जानकारी देने को भी कहा गया है.
मोदी सरकार ने बंद की योजना
80:20 सोना आयात योजना की शुरुआत 2013 अगस्त में की गई थी, फिर 2014 फरवरी में इसमें बदलाव किए गए और सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि 2014 में आम चुनाव के नतीजे आने से महज दो दिन पहले 14 मई को इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया और यूपीए की हार के बाद 21 मई को इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया.
मई, 2014 में मोदी सरकार के अस्तित्व में आने के कुछ महीने बाद नवंबर में इस योजना को बंद कर दिया गया था !
बीजेपी नेता सुब्रमनियम स्वामी ने अब पी चिदंबरम के बारे में एक और खुलासा किया है, उन्होंने कहा कि पी चिदंबरम जब वित्त मंत्री थे तो नारकोटिक्स की स्मगलिंग करते थे, उनका UAE में अकाउंट भी है, बारमेर और मंदसौर में अफीक की खेती उनके धंधे का श्रोत थी, उन्होंने CBI से मांग की है कि इस स्मगलिंग की भी जांच होनी चाहिए और पी चिदंबरम को अरेस्ट किया जाना चाहिए.
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