Tuesday 9 October 2018

सुलेमान के घर से हथियारों का जखीरा जप्त, 5 गिरफ्तार – रातों रात शहरों पर कब्जे की तैयारी-- 09/10/2018
आप शायद इन घटनाओं को छोटा मानकर ले रहे है, आपको बता दें की फिलीपींस में लोग सोये अगली सुबह उठे तो कईयों को मार दिया गया और शहर पर ISIS कब्ज़ा हो गया, क्यूंकि उनके पास हथियार थे
सेना को लगाना पड़ा कई दिन लगे पर ISIS ने फिलिपींस के शहर को कब्जाकर लोगों को बंधक बनाया कईयों को मारा, आतंकवाद का पूरा नंगा नाच किया, ऐसा ही सीरिया और इराक में किया गया
आप रात को सोयेंगे, कल उठेंगे तो शायद आप बंधक होंगे या आप सुनेंगे की आपके शहर को कब्जे में ले लिया गया है, पुलिस वालो को मार कर शहर पर कब्ज़ा हो चूका है, और हजारों को बंधक बनाया जा चूका है, और सेना और आतंकियों में संघर्षं चल रहा है
भारत में इसी काम की तैयारी चल रही है, कहीं से AK-47 का जखीरा, तो कहीं से सेना भी न टिके ऐसा केमिकल हथियार, तो कहीं पर बम की फैक्ट्री तो कहीं पर यूरेनियम भी मिल रहा है
अब मेरठ में पुलिस को कुछ ऐसा मिला है जिसने पुलिस को भी सक्ते में डाल दिया, दिल्ली की स्पेशल सेल ने सोमवार रात सटीक जानकारी पर मेरठ के लिसाड़ी गेट में छापा मारा, यहाँ सुलेमान नामक व्यक्ति के घर से हथियारों का जखीरा पकड़ा गया है, बताया जा रहा है की 84 पिस्टल तो बने हुए रेडी हालात में जप्त किये गए है, इसके साथ साथ सैंकड़ो पिस्टल बनाने का समान जप्त किया गया है
ये तो हथियार फैक्ट्री थी जो सुलेमान के घर के बेस मेंट में चल रही थी यहाँ से हथियार बनकर अलग अलग जगह सप्लाई होना था, इस मामले में 5 को गिरफ्तार किया गया है, सब एक ही समुदाय के है
ANI
@ANI
Delhi Police Special Cell has busted a manufacturing unit of illegal arms in Meerut and recovered raw materials. 5 persons arrested, 84 pistols recovered.
7:56 AM - Oct 9, 2018
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Suleman Meerut Arms Factory : इसके अलावा मेरठ के ही बुधना में भी छापेमारी की खबर है जहाँ से 2 को गिरफ्तार किया गया है जिनके नाम – उम्मीद अहमद और मंसूर अहमद है, इनके यहाँ भी हथियार की फैक्ट्री चल रही थी, दोनों सगे भाई है, इसके अलावा एक शख्स जिसका नाम इंतज़ार खान है वो फरार बताया जा रहा है
तैयारी पूरी चल रही है, किसी दिन किसी शहर, या कुछ शहरों पर हमला कर पुलिस वालो को कण्ट्रोल कर शहर के लोगों को बंधक बनाकर ISIS का खेल करने की, गजवा हिन्द की ये ही मानसिकता है
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हथियारों का ऐसा जखीरा बरामद किया है, जिसे देख लगता है कि भारत में भी जिहाद की बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं.
बिहार से तो ऑटोमैटिक राइफलें पकड़ी जा ही रही हैं, बंगाल में देसी बम बनाने के कारखाने घर-घर में चल रहे हैं, यूपी के मैनपुरी में भी मोर्टार बरामद हुआ है. अब खबर है कि जिहादियों का अड्डा बन चुके मेरठ में अवैध हथियारों की एक बड़ी फैक्ट्री का पर्दाफ़ाश हुआ है. फैक्ट्री में काम करने वाले मोहम्मद शब्बीर, मोहम्मद इंतियाज़, मोहम्द ओबैतद, मोहम्मद शैदुल्ला ओर नसीम को गिरफ्तार किया है. पांचों आरोपियों में से तीन मुंगेर के हथियार बनाने वाले कारीगर हैं.. आरोपियों के कब्ज़े से करीब 84 घातक हथियार और बड़ी मात्रा में हथियार बनाने वाला रॉ मैटेरियल और असलाह और औजार बरामद किया है. पुलिस अब इनके नेटवर्क से जुड़े अन्य बदमाशो की तलाश में छापेमारी कर रही है.इस फैक्टरी को चलाने वाला सरगना सैदुल्लाह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसकी कई दिनों से दिल्ली पुलिस को तलाश थी.
कैसे हुआ इस फैक्ट्री का पर्दाफाश
कुछ समय पहले दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने हथियार सप्लाई करने वाले कुछ तस्करों को दबोचा था. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये अवैध हथियार और कारतूस मेरठ और मुंगेर से लाकर सप्लाई किये जा रहे है.दिल्ली पुलिस दानिश नाम के आरोपी को साथ लेकर मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र के लक्खीपुरा गली नम्बर दो में पहुंची थी और पुलिस ने फुरकान नाम के मिस्त्री के घर दबिश दी तो यहां मकान के तहखाने में हथियार बनाने की एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ. इस फैक्ट्री में पुलिस ने मुंगेर के रहने वाले ओवैसी हसन, मिंटू और सिद्धू को गिरफ्तार किया है.
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 माओवादी आंदोलन के गर्भ से उदित हुआ मिटू कैम्पेन 
हिन्दू समाज को दुष्चरित्र सिद्ध करने का कुत्सित प्रयत्न
माओवादियों ने आरम्भ किया था मिटू अभियान "मिटू अरबन नक्सल" कहते हुए ट्विटर ट्रेंड आरम्भ किया गया था शहरी माओवादियों द्वारा जब गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंजाल्विस, अरुण फरेरा, और पी वारवरा राव नाम के पांच दुर्दांत शहरी माओवादियों की गिरफ्तारी हुई थी पुणे पुलिस द्वारा।
माओवादियों ने इनकी गिरफ्तारी पर लंबी चर्चा न हो इसीलिये उस समय एससीएसटी एक्ट और नोटा का मुद्दा उठाया विषय भटकाने के लिए। और अब उन पांचों को जेल भेजने वाली सुनवाई होने वाला है इसीलिये नया छिछोरापन का सिंथेटिक डिस्कोर्स मिटू नाम से चलाया जा रहा है।
मूर्खता का स्तर अच्छा खासा है भारत के हिन्दू समाज में। उसका ही लाभ उठाकर ऐसे सिंथेटिक डिस्कोर्स चलाये जा रहे हैं। उनको पता है कि कुछ भी न जानने वाला, अज्ञान में धंसा हुआ मूर्ख हिन्दू इस सिंथेटिक चर्चा को आगे बढ़ाएगा।
माना कि अनेक लोगों ने अपने जीवन में पाप-दुष्कर्म इत्यादि किया होगा। यदि कोई भी महिला ऐसे किसी भी घृणित कर्म से पीड़ित हुई है कभी भी तो उसके लिए पुलिस और न्यायपालिका की व्यवस्था है। भारत में कानून व्यवस्था है। यहाँ पाकिस्तान की तरह जंगल राज नहीं है। लोगों को पुलिस में या न्यायालय में जाकर न्याय पाने का मौलिक अधिकार भारतीय संबिधान ने उन्हें दिया हुआ है। फिर ये लोग पुलिस थाने में या जिला न्यायालय में क्यों नहीं जा रहे हैं? और सोसल मीडिया एवम मीडिया में ऐसे हंगामें की आवश्यक्ता क्या है?
किसी अपराध या बलात्कार के उपरांत पीड़ित या आरोपित का मुंह ढंककर न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने का विधान है। बलात्कार पीड़िता का नाम गुप्त रखनेका विधान है। उसका नाम बदलकर मीडिया में समाचार छापा जाता है। फिर इस सरेआम बेशर्मी का कारण क्या है? माओवादियों मार्क्सवादियों द्वारा वेश्यावृति भारत में फैलाने का कुत्सित प्रयत्न है यह मिटू कैम्पेन।
भारत में यदि पुलिस न होती, न्यायालय न होता तो यह समझा भी जा सकता था कि लोग अपनी पीड़ा के लिए न्याय पाने का प्रयत्न कर रहे हैं नई मीडिया और नए प्लेटफॉर्म पर। किन्तु जब सबके लिए न्याय का अधिकार संबिधान ने सुनिश्चित करते हुए सम्पूर्ण न्यायतंत्र विकसित किया गया है भारत में फिर ऐसा कैम्पेन भारत को अरेबियन देश या यूरोपियन देश की भाँति चरित्रहीन सिद्ध करने का प्रयास मात्र है।
~मुरारी शरण शुक्ल।







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