Wednesday, 29 May 2013

आज एक एसएमएस मिला.पाकिस्तान का प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारत का प्रधान मंत्री न अवाज़ और ना शरीफ.
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एक अंग्रेज व्यापारी महाराज रणजीतसिंह दरबार में हाजिर हुआ और महाराज को अपने साथ में लाया हुआ बहुत सा कांच का बेशकीमती सामान दिखाया। उसे पूरी उम्मीद की महाराज काफी सारा सामन उससे खरीदेंगे।

महाराज ने उन सभी चीजों में से सबसे कीमती फूलदान उठाया और उसे दरबार के बीच में फेंक दिया। कांच का होने से फूलदान चकनाचूर हो गया।

महाराज ने वे सभी टुकड़े मंगवाकर गंभीर स्वर में उस व्यापारी से पूछा अब इस टूटे हुए फूलदान की क्या कीमत है। व्यापारी ने जबाब दिया- अब इसका मूल्य कुछ भी न रहा।

इसके बाद महाराज ने अपने एक सेवक को पीतल की एक दवात देकर आज्ञा दी- इसे हथौड़े से तोड़ों और फिर बाजार जाकर इसे बेच आओ। सेवक ने ऐसा ही किया। थोड़ी देर में सेवक ने दो पैसे लाकर महाराज को दे दिए।

महाराज उस व्यापारी से बोले ‘मेरा देश गरीबों का देश है, हमें ऐसी परदेशी वस्तुओं की आवश्यकता नहीं। हम तो उन देशी वस्तुओं का उपयोग करते हैं जिनका वास्तविक मूल्य कम हो लेकिन टूटने के बाद भी कुछ न कुछ मूल्य जरूर हो।

महाराज ने विदेशी व्यापारी को फूलदान के कुछ पैसे दिए और साथ ही कुछ नसीहत भी दी कि वो ये न समझे कि महाराज विदेशी कीमती चीजें नहीं खरीद सकते लेकिन मेरे लिए देश में बनी स्वदेशी चीजें ज्यादा मायने रखती हैं।
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आचार्य चाणक्य के नगर अफगानिस्तान से हिंदू मिट गया ?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है जो चाणक्य के अखंड भारत की सीमा हुआ करता था जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया आज वहा भी हिंदू नही है
बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०% हिंदू थे आज सिर्फ २०% बचे
कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले ५०% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू नही बचा
केरल मे १० साल पहले तक ६०% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ १०% हिंदू केरल मे है
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है
1569 तक ईरान का नाम पारस
या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर
मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता . लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन होता रहा ..
एक नाव मे बैठकर २१ पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है
अफनिस्तान मेँ हिन्दू खत्म हो गया पाकिस्तान बाँग्लादेश मेँ हिन्दू खत्म होने की कगार पर है और भारत मेँ भी हिन्दु घट ही रहा है इसके कारण क्या है ????
क्या कारण है कि किसी मुस्लिम बस्ति मेँ अकेले घुसने मेँ हमेँ डर लगने लगता है ??
क्या कारण है कि हमने कभी किसी भी देश पर आक्रमण नहीँ किया फिर भी लोगोँ ने हमारी सीमाओँ हमारी संस्कृति को तहस नहस किया
क्या कारण है कि आज कोई भी नेता खुल कर मुस्लिमोँ के लिये हज सब्सिडी आरक्षण बालिका विद्या धन जैसी योजनायेँ लागू करके धर्मनिरपेक्ष बन जाता है और विरोध करने वाला सामप्रदायिक
क्या कारण है कि कुछ उलेमा हाजी काजी 15 मिनट मेँ भारत तोड़ने की बात तक कर जाते हैँ और हम कुछ नहीँ कर पाते
कुछ तो कारण होँगे....

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युद्ध में उन्हीं को विजय प्राप्त होती है, जो शत्रु की निर्बलता के समय उस पर प्रहार करते हैं...!!!

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