Saturday 11 May 2013

आपने महाभारत में लाक्षागृह षडयंत्र के बारे में तो सुना होगा पांडवों को बचाने के लिए उसमे खोदी गयी
वह सुरंग आज भी देख सकते हैं बरनावा या वारणावत मेरठ से ३५ किलोमीटर दूर और सरधना से १७ कि.मी बागपत जिला में। लाक्षाग्रह नामक इमारत के अवशेष यहां आज एक टीले के रूप में दिखाई देते हैं।

महाभारत में कौरव भाइयों ने पांडवों को इस महल में ठहराया था और फिर जलाकर मारने की योजना बनायी थी। किन्तु पांडवों के शुभचिंतकों ने उन्हें गुप्त रूप से सूचित कर दिया और वे निकल भागे। वे यहां से गुप्त सुरंग द्वारा निकले थे। ये सुरंग आज भी निकलती है, जो हिंडन नदी के किनारे पर खुलती है। इतिहास अनुसार पांडव इसी सुरंग के रास्ते जलते महल से सुरक्षित बाहर निकल गए थे।
 

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