विनोद कुमार मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सहयोग से चलाई जाने वाली www.medguideindia.com नामक वेबसाइट पर जाकर आप अपने डॉक्टर द्वारा लिखी गयी महंगी दवाई का सस्ता विकल्प (जेनेरिक: उसी फार्मूले की पर दुसरे नाम से मिलने वाली दवा) तलाश कर अपनी दवाओं के बिल में उल्लेखनीय कमी ला सकते हैं।
उदहारण के तौर पर, ब्लड प्रेशर की "Angilos H" नामक दवा की दस गोलियों के पत्ते का दाम 126 रुपए है और उसी फार्मूले (एकदम समान मात्रा में रसायन) की अन्य दवा "Lostat H" की दस गोलियों का दाम 23 रुपए है। यानी एक पत्ते पर पुरे 103 रुपये की बचत।
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एंड़ियां रगड़ते भूखे बच्चे,खुले में सड़ता धान ..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण ..!
शीश गंवाते सैनिक,लटके पड़े किसान..
कोई पूछे कह देना हो रहा..भारत निर्माण..!
गर्त में जाती विकासदर,देश गंवाता मान..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण..!
चीन ले गया जमीन, आँख दिखाता पाकिस्तान..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण..!
माल उडाते कौए-बगुले, हंसोंका अपमान..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण..!
मुंह ना खोले मौनू, मैडम ना देतीं कान..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण..!
भारत के इस निर्माण पे शक है मेरा
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आप भारत के नागरिक है इसका एक कानून है “Indian Citizenship Act” वो भी अंग्रेजो का बनाया हुआ है | आज़ादी के बाद हम उसमे संशोधन नही कर पाए | और येही कारण है अंग्रेजो ने वो कानून बनाया था इस हिसाब से के अंग्रेज भी इस देश के नागरिक हो सके | इस हिसाब से उस कानून की ड्राफ्टिंग की गयी है के विदेश से आकर लन्दन से आकर कोई आदमी भारत मे रेहने लगे और इतने साल तक रह ले तो वो भी भारत की नागरिकता का अधिकारी हो जाता है इसलिए उन्होंने ड्राफ्टिंग ऐसी की थी |
आज़ादी के बाद हमने उसमे थोडा भी संशोधन नही किया –
तो कोई भी विदेशी भारत मे आके नागरिक हो सकता है,
और नागरिक हो सकता है तो चुनाव लड़ सकता है,
चुनाव लड़ सकता है तो MP, MLA हो सकता है,
MP, MLA हो सकता है तो मिनिस्टर हो सकता है,
मिनिस्टर हो सकता है तो प्रधानमंत्री हो सकता है,
जो प्रधानमंत्री हो सकता है वो राष्ट्रपति भी हो सकता है,
तो आज़ादी का मैखोल नही तो क्या ??
दुनिया के किसी देश के संविधान मे यह व्यवस्था नही है | आप अमेरिका मे जाये रहना शुरू कर दे आपको ग्रीन कार्ड मिल जायेगा | लेकिन आप अमेरिका के राष्ट्रपति नही हो सकते जब तक आपका जन्म अमेरिका मे नही हुआ हो | आप कनाडा मे जाये, कनाडा के संविधान का अध्ययन करें, कनाडा के संविधान के अनुसार आप कनाडा की नागरिकता ले सकते है लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री नही हो सकते जब तक की आपका मूल जन्मस्थान कनाडा न हो | ब्रिटेन मे चले जाइये, फ्रांस, जर्मनी चले जाये दुनिया मे करीब 200 देश लगभग 2-3 देशो को छोड़ कर सभि देशो मे यह नियम है के जबतक की आप उस देश की धरती पर पैदा नही होते आप उस देश के संविधानिक पदों पर नही बैठ सकते | भारत मे ऐसी व्यवस्था नही है विदेश धरती पर पैदा हुआ कोई भी आदमी भारत मे आ कर नागरिकता ले सकता है और इस देश के सर्वोच्च शीर्ष संविधानिक पदों पर बैठ सकता है आप उसे रोक नही सकते | कानून है “Indian Citizenship Act” उसमे यह व्यवस्था है | अब अंग्रेजो की ज़माने की व्यवस्था है हम उसि को चला रहे है उसि को ढो रहे है |
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