Thursday 2 May 2013

Darshan D Bhavsar....gadhe neta....

शास्त्री जी -जय जवान ,जय किसान । कोंग्रेस मर जवान ,मर किसान # देश पर मरनेवालों को विदेशों में जेल और आतंकवादियों को बिना शर्त बैल | शब्दों में गुस्से का वर्णन करना भी मुश्किल हो रहा है | जब -जब आईपीएल में एक साथ 50000 लोगों को नाचते हुए देखता हूँ , ऐसे लगता है की पेज ही बंद कर दूँ | अब मुझे कोई भी उम्मीद नहीं दिखती की युवा कभी अपनी सोच भी रख पायेगा | यह मशीन के बनाये घुंघराले बाल, यह आधी फटी जींस की पतलून , यह MTV में हिसा लेने का चस्का , यह लौंडे-बाज़ी सारा खेल ख़तम कर रहा है | इन बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने युवाओं को नपुंसक बना दिया है | हम लोगों को सेना से दूर ले गए, अच्छा-पढने के बावजूद नौकरी करने के लिए नौकर तैयार किया गया , विदेशों में तुलसी-घी के पदार्थों का पेटेंट करवाकर आपको सडी-गली मैदें की वस्तुओं का आदि बना दिया गया | 8 साल के शिवाजी ने दुश्मन को पहचान लिया था , कहाँ महाराणा 18 किलो का भाला उठाते थे और कहाँ यह थके हुए युवा पैदा हो गए | न सोचा , न समझा , किसीका भी झंडा उठा लिया उर अपने ही लोगों से दुश्मन बन बैठे | यह वामपंथी , यह कोंग्रेसी , यह समाजवादी , यह माया-लालू-पासवान-रेड्डी-करूणानिधि-ओवैसी-कुमारस्वामी-चिरंजीवी नोच रहे हैं ,भारत के चीथड़े उड़

रहे हैं |

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