Thursday 27 November 2014

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी के हाल ही में आरटीआई दाखिल करने के बाद सियासत में तमाम तरह की बयानबाजी हो रही है लेकिन जसोदाबेन ने इसका जो कारण बताया है वह बेहद चौंकाने वाला है। जसोदाबेन ने बताया कि वह सुरक्षाकर्मियों के खाने और चाय आदि का खर्च वहन नहीं कर पा रही हैं। सुरक्षाकर्मी हर जगह उनके साथ जाते हैं लेकिन उन्हें इसके लिए बेहद कम भत्ता मिलता है। भत्ता कम मिलने के कारण सुरक्षा में तैनात गार्ड्स उनसे ही चाय-नाश्ते की मांग करते हैं। जसोदाबेन का कहना है कि इससे ही परेशान होकर उन्हें आरटीआई डालनी पड़ी ताकि वह प्रोटोकॉल की जानकारी ले सकें।
सूत्रों का कहना है कि यह पूरा मामला एक हफ्ते पहले तब ज्यादा बढ़ गया जब जसोदाबेन 13 दिनों के लिए मुंबई गईं। जसोदाबेन मुंबई के मीरा रोड अपार्टमेंट में ऊपरी मंजिल पर ठहरीं। जसोदाबेन के भाई अशोक मोदी ने सुरक्षाकर्मियों को अपना रहने-खाने का इंतजाम खुद करने के लिए कहा। ड्यूटी के मुताबिक सुरक्षाकर्मी जसोदाबेन को अकेला छोड़कर नहीं जा सकते थे, लिहाजा उन्होंने अपार्टमेंट के बेसमेंट में ही अपने रहने का इंतजाम किया। लेकिन उन्होंने मेजबान से ही चाय और खाने की मांग की। जसोदाबेन का कहना है कि वह इस स्थिति में नहीं है कि 9 सुरक्षाकर्मियों को खाना और चाय दे सके। आरटीआई डालने के पीछे एक कारण यह भी था कि सुरक्षाकर्मियों को कम भत्ता मिलने के मामले को प्रमुखता से उठाया जा सके। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षाकर्मियों को इस तरह के मामले में खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है।
जसोदाबेन के घर ऊंझा में 12 घंटे ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मियों के पास बैठने या आराम करने की भी जगह नहीं है। उन्हें जसोदाबेन के घर के आंगन के बाहर ही थोड़ी सी जगह किराए पर लेनी पड़ी। इसके लिए सुरक्षाकर्मियों को केवल 400 रुपए मिलते हैं। इसके अलावा जब वह ड्यूटी के दौरान ट्रैवल करते हैं तो उन्हें बाहर खाने-पीने के लिए 30 से 100 रुपए के बीच ही भत्ता मिलता है जोकि नाकाफी है।
भतीजे ने तैयार किया आरटीआई आवेदन
जब जसोदाबेन मुंबई से अहमदाबाद लौंटीं तो उन्होंने अपने भतीजे संदीप मोदी से संपर्क किया। पेशे से वकील संदीप की मदद से ही जसोदाबेन ने आरटीआई आवेदन तैयार किया। संदीप का कहना है, 'जसोदाबेन डरी हुई थीं क्योंकि सुरक्षाकर्मियों के पास ड्यूटी ऑर्डर के पेपर भी नहीं थे। सुरक्षाकर्मी शिफ्ट में काम करते हैं, इससे जसोदाबेन को अपनी सुरक्षा की भी चिंता हो रही थी। इसलिए आरटीआई में उन सभी सवालों को शामिल किया गया। इस काम में मैंने उनकी मदद की।'

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