Wednesday 24 August 2016

पहले अफगानिस्तान, फिर बलू‍च‍िस्तान और अब कुर्दिस्तान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है...
 भारत एशिया महाद्वीप में संघर्ष करते लोगों के लिए बड़े भाई की भूमिका अख्तियार कर चुका है।
कुर्दों ने मांगी यह मदद...
- महिला लड़ाकू ब्रिगेड की बहादुरी के लिए जानें जाने वाले कुर्दिस्तान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। इन महिला फाइटर्स से ISIS के लड़ाके भी से डरते हैं क्योंकि उनकी मान्यता है कि अगर वे महिलाओं के हाथों मारे जाएंगे तो उन्हें नर्क जाना पड़ेगा।
- इराक के स्वशासित कुर्द क्षेत्र ने भारत से मांग की है कि भारत ISIS से उसकी लड़ाई में उसे मदद दे। सीरिया से भागकर कुर्दिस्तान में शरण ले चुके 18 लाख लोगों को दवा और भोजन दे पाना अकेले उसके लिए संभव नहीं है।
 इराक भारत का मित्र देश है और कुर्दो का एक बड़ा भाग इराक का हिस्सा है। लेकिन दूसरी हकीकत ये है कि भारत ने अभी हाल ही में कुर्दिस्तान की राजधानी Erbil में अपना वाणिज्य दूतावास खोला है और ISIS के चंगुल में फंसे 39 भारतीयों को छुड़ाने में उसे कुर्दों के मदद की जरूरत है। इससे पहले मोसूल में फंसी भारतीय नर्सों को ISIS के चंगुल से छुड़ाने में भी पिछले साल कुर्दों ने भारत की मदद की थी। जब से ISIS ने भारत से लड़ाके बुलाने शुरू किए हैं, तब से भारत की पश्चिम एशिया नीति में बदलाव दिखाई पड़ रहा है। Erbil में दूतावास का खोला जाना उसी बदलाव का नतीजा है। तेल की अकूत भंडार वाले कुर्दिस्तान में कट्टर धार्मिक मान्यताओं की जगह नहीं है, वो आने वाले समय में एक आजाद मुल्क बन सकता है और भारत के लिए पश्चिम एशिया में एक साथी भी।

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