Thursday 12 March 2015

सागौन

इस पौधे के तेल से सिर पर मालिश की जाए, तो बालों का झड़ना रुक जाता है
मध्य और पश्चिमी भारत में आधिकांश जगहों पर सागौन के वन देखे जा सकते हैं। सागौन की इमारती लकड़ियों को हरा सोना माना जाता है और इस बात को बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सागौन के विभिन्न अंगों में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाए जाते हैं जिसकी वजह से इसे आदिवासी अनेक हर्बल नुस्खों में अपनाते हैं। सागौन के औषधीय गुण :
1) बालों का झड़ना रुकता है
पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार सागौन के फलों से प्राप्त तेल को सिर पर लगाया जाए तो यह बालों के झड़ने के सिलसिले को रोक देता है।
2) सूजन जल्दी उतरती है
यही फॉर्मूला सूजन कम करने में भी मदद करता है। सूखी पत्तियों के घोल को सूजन वाले हिस्सों पर लगाने से भी तेजी से सूजन उतरने लगती है। दिन में कम से कम 3 बार ऐसा किया जाना चाहिए।
3) घाव ठीक होता है
4) मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं ठीक होती हैं
5) गले बैठने की दिक्कत से निजात मिलता है
6) सिरदर्द में आराम
7) एनीमिया के रोगियों को फायदा
8) पेशाब की दिक्कत ठीक होती है
घाव ठीक होता है
सागौन की छाल या तने या पत्तियों के चूर्ण को तैयार कर घाव पर लगाया जाए, तो यह घाव को जल्दी सुखाने में मदद करता है। आधुनिक विज्ञान ने भी इस बात को प्रमाणित किया है। इसकी पत्तियों में करीब 6 प्रतिशत तक टैनिन नामक रसायन पाया जाता है, जो कि घाव को सुखाने में अत्यंत मददगार साबित हो चुका है।
मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं ठीक होती हैं
ताजी पत्तियों के रस का सेवन कराने से उन महिलाओं को अत्यंत फायदा होता है जिन्हें अक्सर मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं रहती हैं।
गले बैठने की दिक्कत से निजात मिलता है
पत्तियों को उबालकर कुल्ला करने से गले के बैठने या आवाज़ बैठने की समस्या में राहत मिलती है। करीब 25 ग्राम पत्तियों को बारीक काटकर 2 कप पानी में तब तक खौलाया जाए जब तक कि सिर्फ एक कप ना बच जाए और इस पानी से कुल्ला किया जाए।
सिरदर्द में आराम
इसकी सूखी पत्तियों का चूर्ण बनाकर पानी में घोलकर लेप तैयार किया जाए और माथे पर लगाया जाए तो यह सिरदर्द में आराम देता है।
एनीमिया के रोगियों को फायदा
डांग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार इसकी पीली पत्तियां जो पतझड़ के दौरान पेड़ से गिर जाती हैं, उन्हें पानी में डालकर उबाला जाए और काढ़ा तैयार किया जाए, तो एनीमिया के रोगियों को काफी फायदा पहुंचता है।
पेशाब की दिक्कत ठीक होती है
पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार जिन्हें पेशाब होने में शिकायत हो, उन्हें इसके फूलों का काढ़ा तैयार करके पीने से लाभ मिलता है।

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