Tuesday 22 March 2016

एक आदमी ने साफ कर दी 160 किमी लम्बी नाले से भी गंदी नदी :
इसी नदी के किनारे 500 साल पूर्व गुरु नानक देव को हुआ था अंतर्ज्ञान प्राप्त 

पंजाब के होशियारपुर में बहती काली बीन नदी कभी बेहद प्रदूषित थी। लोग उसे नदी नहीं नाला मानते थे। नहाना छोड़िए, 40 गांवों के लोग उसमें कूड़ा डालने लगे थे लेकिन एक व्यक्ति की पहल ने उस नदी को स्वच्छ करवा दिया। वह शख्स कोई और नहीं पर्यावरण कार्यकर्ता और सिख धर्मगुरू बलबीर सिंह सीचेवाल हैं। उन्हें इस काम के लिए 'हीरोज आफ एन्वायरनमेंट' की लिस्ट में शुमार किया गया।
ऐसे साफ की नदी

40 गांव की नालियों का गंदा पानी लोग नदी में मिलाते थे। इससे यह एक गंदे नाले में बदल गई थी। नतीजतन आस-पास के खेतों को पानी नहीं मिल पाता था। साल 2000 में पर्यावरण कार्यकर्ता बलबीर सिंह सीचेवाल ने इस नदी को साफ करने का काम शुरू किया था। उन्होंने अपने साथी और सहयोगी स्वयं सेवकों के साथ मिलकर सबसे पहले इसके तटों का निर्माण किया और नदी के किनारे-किनारे सड़कें बनाई। सीचेवाल ने लोगों के बीच जनजागृति अभियान चलाया। इसके तहत लोगों से अपना कूड़ाकरकट कहीं और डालने को कहा गया। नदी में मिलने वाले गंदे नालों का रुख मोड़ा गया और सबसे बड़ी बात, नदी के किनारे बसे लोगों को इसकी पवित्रता को लेकर जागरुक किया गया। जिस नदी के किनारे खड़े होने पर लोगों को नाक पर रुमाल रखना पड़ता था, अब उसी नदी के किनारे लोग पिकनिक मनाते हैं।
क्यों खास है ये नदी

काली बीन नदी होशियारपुर जिले में 160 किलोमीटर क्षेत्र में बहती है। यह वही काली बीन नदी है, जिसके किनारे 500 साल पहले गुरु नानक देव को अंतर्ज्ञान प्राप्त हुआ था और वे नानक से गुरु नानक के रूप में पहचाने जाने लगे थे।





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