Thursday 21 September 2017

 *इसाई धर्म*
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ईसा एक है
बाइबिल एक।
फिर भी, लेटिन कैथलिक, सीरियन कैथलिक, मारथोमा, पेंटेकोस्ट, सैल्वेशन आर्मी, सेवेंथ डे एडवांटिष्ट, ऑर्थोडॉक्स, जेकोबाइट जैसे 146 फिरके आपस में किसी के भी चर्च में नहीं जाते।
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*इस्लाम धर्म*
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अल्लाह एक,
कुरान एक,
नबी एक।
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फिर भी शिया, सुन्नी, अहमदिया, सूफी, मुजाहिद्दीन जैसे 13 फिरके एक दुसरे के खून के प्यासे। सबकी अलग मस्जिदें। साथ बैठकर नमाज नहीं पढ़ सकते। धर्म के नाम पर एक-दूसरे का कत्ल करने को सदैव आमादा।
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*हिन्दू धर्म*
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1280 धर्म ग्रन्थ
10 हज़ार से ज्यादा जातियां, अनगिनत पर्व एवं त्योहार,
असंख्य देवी-देवता।
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एक लाख से ज्यादा उपजातियां, हज़ारों ऋषि-मुनि, सैकड़ों भाषाएँ।
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फिर भी सारे हिन्दू सभी मन्दिरों में जाते हैं और सारे त्योहारों को मनाते हुए आपस में शान्ति एवं शालीनता से रहते हैं।
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यह है भव्यता, सुन्दरता और खूबसूरती हिन्दू धर्म की ...... !!
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फिर क्यों न गर्व हो हिन्दुओं को हिन्दू धर्म पर .....आज कल लोगो के पास मे aadhyatmik ज्ञान की कमी होने के कारण लड़ाई बड़ रहा है. हिन्दू में अशांति फेल रही है । आपस मे एक नही हो पा रहे है। लोग आपने को ही नही जानते है कि मै कौन हूं? लोग आपने को अलग अलग जाती में हिन्दू बट गए है। कोई बोलता है में ब्राम्हण हु कोई छत्रिय, कोई वैस्य, कोई शूद्र आपने आप को नही जानने के कारण आज हिन्दू एक नही हो पाता है। मैं आत्मा हु बस इतना मान ले और जान ले तो उसी दिन से ही सभी हिन्दू एक जुट हो जाएंगे। हिन्दू एक जुट नही होने के कारण मुसलमान और ईसाई मिशनरी इसका बहुत अच्छे से फायदा उठा रहा है और हिन्दू बैठा हुए है सोया हुए है ।
जागो हिन्दू जागो।
Kuber Ram Sapaha

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