ताजमहल हो या लाल किला .... यहाँ देशभर से लाखों पर्यटक आते हैं.... इनके रहने घुमने की सुविधा के लिये सरकार पैसे खर्च करती थी... रखरखाव का सारा खर्चा सरकार पर आता था.... टैक्स पेयर का पैसा बरबाद होता है.... जितना मुनाफा नहीं उससे ज्यादा लागत ... उपर से सरकारी कर्मचारियों का रखरखाव तो पुरे दुनिया में फेमस है...इनके भरोसे अगर ऐसे ही राष्ट्रीय धरोहरें छोड़ी तो यह बरबाद हो जायेंगी ... ना जाने कितने एक से बढकर एक किले हैं जो सरकार के भरोसे हैं और जीर्ण हालात में जा चुके हैं.... गिरने के कगार पर है...
इसका सरकार ने एक बेहतरीन उपाय निकाला है.... इसके रखरखाव का प्राइवटाइजेशन कर दिया है.... डालमिया ग्रुप को लालकिले के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है.... अब डालमिया ग्रुप वहाँ झाडू लगायेगा .. सिक्युरीटी देगा.. पर्यटन को बढावा देने के लिये तरह-तरह के प्रचार करेगा... कार्यक्रम आयोजित करवायेगा... दुकानें लगवायेगा... इसकी एंट्री फिस और किराया लेगा... जाहिर सी बात है कमा कर कुछ हिस्सा भारत सरकार को देगा.... तो यह फायदे का सौदा है या घाटे का???.. सरकार ने एक बोझ अपने से उतार कर किसी नागरिक को सौंप दिया ... ले भाई कमा ... और कुछ हिस्सा मुझे दे... मेरे पास और भी काम है।
लेकिन हम ठहरे पैदाइशी अल्पबुद्धी.... हमें करना है मोदी विरोध ... बात चाहे बुरी हो या अच्छी ... रखरखाव के लिये किले को किसी के हाथ में लीज पर सौंपना और किले को बेच देना दो अलग-अलग मामले हैं?.... लेकिन हमें उससे क्या? हम तो फैलायेंगे की देखो मोदी ने किला बेच दिया... राष्ट्रीय धरोहर निलाम कर दी.... हाय-हाय मार डाला ...
भाई, सरकार का काम व्यापार करना नहीं है... उसका काम है व्यवस्था बनाये रखना... नीतियाँ बनाना... कानून का पालन करवाना वगैरह वगैरह... प्राइवाइटाजेशन जरूरी है.... प्राइवेट हाथ में होने से सरकारी अस्पताल और प्राइवेट अस्पताल की हालत देख लो... सरकारी स्कूलों और प्राइवेट स्कूलों की हालत देख लो... अरे BSNL और एयरटेल+आइडीया+जीओ की हालत देख लो....।
देश को गति देना है... बिना आरक्षण हटाये अन्य वर्गों को भी अवसर देना है... नागरिकों का जीवन स्तर सुधारना है तो प्राइवेटाइजेशन जरूरी है... रोना बंद करो।
By Abhinav Pandey
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तमिलनाडु की एक जाति है, पल्लर या "देवेंद्रकुल्ला वेल्लर", वैसे तो ये किसान और मज़दूरों की पिछड़ी जाती है, जिसे Sc St केटेगरी का आरक्षण प्राप्त है।
पर एक काबिले तारीफ कदम इस समुह के करीब 1 लाख लोग उठाने जा रहे है।
वो अपनी जाति को आरक्षण से बाहर करना चाहते है।
कारण?
आरक्षण उन्हें, एक गाली की तरह लगता है, जिसे वो अपना अपमान समझते है।
इनका कहना है,आरक्षण के चलते, समाज मे इन्हें सम्मान नही मिल रहा और राजनीतिक पार्टियां इनका दुरुपयोग कर रही है।
इस लिए 6 मई 2018 को इस जाति के 1 लाख लोग एक यात्रा निकाल कर अपनी जाति को आरक्षण मुक्त करने की शुरुवात करेंगे।
ये खबर, अभी तक मैन स्ट्रीम मीडिया में नही आई है, और शायद आएगी भी नही।
पर ये एक स्वाभिमान से भरा सराहनीय कदम है, जिससे देवेंद्रकुल्ला वेल्लार, के लोगो ने मेरे दिल मे एक सम्मान का स्थान प्राप्त किया है। --
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आखिर ये #पाकिस्तान प्रेम #कर्नाटक चुनाव में क्यो
कर्नाटक के निवर्तमान #काँग्रेसी मुख्यमंत्री #सिद्धारमैया कर्नाटक विधानसभा चुनावों के #मध्यमें क्या करने पाकिस्तान गए थे?
क्या सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान जाकर जो डील किया था मोदी जी को हटाने का और मणिशंकर आईय्यर ने जो डील किया था पाकिस्तान जाकर भाजपा को हटाकर काँग्रेस को सत्ता में लाने का क्या वही डील फाइनल करने गए थे सिद्धारमैया पाकिस्तान?
कर्नाटक के निवर्तमान #काँग्रेसी मुख्यमंत्री #सिद्धारमैया कर्नाटक विधानसभा चुनावों के #मध्यमें क्या करने पाकिस्तान गए थे?
क्या सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान जाकर जो डील किया था मोदी जी को हटाने का और मणिशंकर आईय्यर ने जो डील किया था पाकिस्तान जाकर भाजपा को हटाकर काँग्रेस को सत्ता में लाने का क्या वही डील फाइनल करने गए थे सिद्धारमैया पाकिस्तान?
या फिर राहुल गाँधी ने डोकलाम वाली घटना के समय जो चाइना एम्बेसी में जाकर डील किया था वह फाइनल हो रहा था पाकिस्तान के रास्ते?
या फिर काँग्रेसियों की राष्ट्रमाता सोनिया ने रसिया जाकर पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से अभी अभी जो वार्ता किया है उसका ही फॉलोअप है यह पाकिस्तान की यात्रा?
आखिर क्या रहस्य है सिद्धारमैया की विधानसभा चुनाव मध्य में पाकिस्तान यात्रा का? आखिर काँग्रेस कौन सा गुल खिलाने वाली है आने वाले दिनों में कर्नाटक में? क्या कर्नाटक किसी बड़े संकट का सामना करने वाला है? विषय चिंतनीय है। काँग्रेसी करामात का नमूना। -- Manish Soni
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तमिलनाडु की एक जाति है, पल्लर या "देवेंद्रकुल्ला वेल्लर", वैसे तो ये किसान और मज़दूरों की पिछड़ी जाती है, जिसे Sc St केटेगरी का आरक्षण प्राप्त है।
पर एक काबिले तारीफ कदम इस समुह के करीब 1 लाख लोग उठाने जा रहे है।
वो अपनी जाति को आरक्षण से बाहर करना चाहते है।
कारण?
आरक्षण उन्हें, एक गाली की तरह लगता है, जिसे वो अपना अपमान समझते है।
इनका कहना है,आरक्षण के चलते, समाज मे इन्हें सम्मान नही मिल रहा और राजनीतिक पार्टियां इनका दुरुपयोग कर रही है।
इस लिए 6 मई 2018 को इस जाति के 1 लाख लोग एक यात्रा निकाल कर अपनी जाति को आरक्षण मुक्त करने की शुरुवात करेंगे।
ये खबर, अभी तक मैन स्ट्रीम मीडिया में नही आई है, और शायद आएगी भी नही।
पर ये एक स्वाभिमान से भरा सराहनीय कदम है, जिससे देवेंद्रकुल्ला वेल्लार, के लोगो ने मेरे दिल मे एक सम्मान का स्थान प्राप्त किया है। --