Friday 13 April 2018

पुदीना
संस्कृत में पुदीने को #पुतिहा कहा गया है अर्थात दुर्गंध का नाश करने वाला....पुदीना का स्वाद और सुंगन्ध दोनो लाजवाब हैं, वही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण...।
पुदीने को शाखा कलम व जड़,दोनो प्रकार से लगाया जा सकता हैं....।
पुदीने की पत्त‍ियों को मुख्य रूप से चटनी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.....इसकी चटपटी चटनी खाने के स्वाद को दोगुना कर देती है.... पुदीना मुख्य आहार तो नहीं है लेकिन इसकी मौजूदगी से खाने का स्वाद बढ़ जाता है... पुदीने का उपयोग दवाइयों में,सोंदर्य प्रसाधनों,च्युमगम,टूथपेस्ट,पेय प्रदार्थो,सिगरेट,पानमसाला आदि में सुंगन्ध बढ़ाने के रूप में किया जाता हैं...#अमृतधारा ओषधि में भी सतपुदिने का उपयोग किया जाता है....।
एक वर्ष पहले जब #नाथद्वारा राजस्थान गए थे तो मंदिर मार्ग पर पुदीने की चाय मिल रही थी,,पीकर देखा तो उसका टेस्ट ही कुछ अलग था...।
पुदीने की प‍त्तीयाँ औषधीय गुणों से भरपूर होती है....
हाजमे के लिए ये एक अचूक उपाय है....इसके सेवन से पाचन क्रिया भी अच्छी रहती है.अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो पुदीने की कुद पत्त‍ियों को चबा लें, इसके पानी से कुल्ल करने पर भी बदबू चली जाएगी....पुदीना त्वचा से जुड़ी कई बीमारियों में भी एक अचूक उपचार है....गर्मी में लू से बचने के लिए भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है.... इसके रस को पीकर बाहर निकलने से धूप लगने का डर भी कम रहता है.
... हैजा होने पर पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से फायदा होगा.
....उल्टी होने पर आधा कप पुदीना का रस पीने से उल्टी आना बंद हो जाएगी....पेट दर्द होने पर भी पुदीने को जीरा, काली मिर्च और हींग के साथ मिलाकर खाने से आराम होता है.....पुदीने की ताजी पत्त‍ियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे को ठंडक मिलती है....

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