इस दर्द को महसूस करे -
जब कसाइयों के ट्रक पकड़े जाते है और गऊ माताओ को ट्रक से नीचे उतारा जाता है तो फोटो मे देखिये क्या हाल होता है।
आंखो मे आँसू होते है और अंग भंग हो जाते है। शरीर से खून की धाराए बह रही होती है। कई बार आंखो से आँसू झर झर बहने लगते है। पैरो से उठने की हिम्मत नही कर पाती।सारे शरीर मे दर्द हो रहा होता है। कभी सींग टूट जाते है और वहा से रक्त की धारा बहने लगती है और क्यी बार तो पूछ की हडी भी टूट जाती है। दिल मे गहरा दर्द महसूस कर रही होती है। गऊ रक्षक से भी घबरा जाती है गऊ माता।
"इतिहास साक्षी है मांगने से अधिकार नहीं भीख मिलती है" गौरक्षा क्रांति के लिए समस्त हिन्दू समाज को संगठित हो कर संघर्ष करना होगा, देश और समाज के गद्दारों और गौ हत्यारों को नंगा करके उनका सामाजिक बहिष्कार करना होगा, गांधी की शान्ति नामक नपुंसकता का त्याग कर अपने खोये हुए धार्मिक, सामाजिक और मौलिक अधिकारों कि पूर्ति के लिए सशक्त शंखनाद ही समय की मांग है !
जब कसाइयों के ट्रक पकड़े जाते है और गऊ माताओ को ट्रक से नीचे उतारा जाता है तो फोटो मे देखिये क्या हाल होता है।
आंखो मे आँसू होते है और अंग भंग हो जाते है। शरीर से खून की धाराए बह रही होती है। कई बार आंखो से आँसू झर झर बहने लगते है। पैरो से उठने की हिम्मत नही कर पाती।सारे शरीर मे दर्द हो रहा होता है। कभी सींग टूट जाते है और वहा से रक्त की धारा बहने लगती है और क्यी बार तो पूछ की हडी भी टूट जाती है। दिल मे गहरा दर्द महसूस कर रही होती है। गऊ रक्षक से भी घबरा जाती है गऊ माता।
"इतिहास साक्षी है मांगने से अधिकार नहीं भीख मिलती है" गौरक्षा क्रांति के लिए समस्त हिन्दू समाज को संगठित हो कर संघर्ष करना होगा, देश और समाज के गद्दारों और गौ हत्यारों को नंगा करके उनका सामाजिक बहिष्कार करना होगा, गांधी की शान्ति नामक नपुंसकता का त्याग कर अपने खोये हुए धार्मिक, सामाजिक और मौलिक अधिकारों कि पूर्ति के लिए सशक्त शंखनाद ही समय की मांग है !
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