प्रशासन के क्षेत्र मे भारत और INDIA का अंतर : राजीव दीक्षित Rajiv Dixit
भारत मे : भारत मे प्रशासनिक ढांचा प्रयासपूर्वक छोटा रखा जाता था, ताकि भ्रष्टाचार कम से कम हो|
इंडिया मे : प्रशासनिक ढांचा इतना विशाल और जटिल है की उसके सामने साधारण प्रजा असहाय हो जाता है, प्रशासन ने संगठित भ्रष्टाचार का रूप ले लिया है|
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भारत मे : प्रशासनिक अधिकारीयों को भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर स्वयं को निर्दोष साबित करना पड़ता था|
इंडिया मे : प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले को असहयोग और उपेक्षा करते है जिसमे पूरा तंत्र अधिकारी का साथ देता है और आरोप लगाने वाला पहुंच के बिना कभी कुछ साबित नही कर सकता|
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भारत मे : विविधता से भरे देश में स्थान विशेष की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा सके इसलिए अधिकतम निर्णय स्थानीय अधिकारी लेते थे |
इंडिया मे : अधिकांश निर्णय ऊपर के अधिकारी लेते है और निचे के अधिकारी उन्हें थोप देते हैं जैसे जहाँ तालाब खोदते है उहाँ कुएं खुदवाए जाते है |
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भारत मे : निर्णय तुरंत होते थे|
इंडिया मे : किसानों की आत्महत्या के बाद किसान के हित मे निर्णय एवं क्रियान्वयन होता है|
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भारत मे : प्रशासन विकेन्द्रित था|
इंडिया मे : प्रशासन केन्द्रित है|
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भारत मे : साधारण प्रजा न्यायवाण था|
इंडिया मे : नौकरशाही ने साधारण प्रजा को भ्रष्ट बनाया|
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भारत मे : सभि को पेटभर अन्न मिलता था|
इंडिया मे : पांच करोड़ लोगों को एक समय का अन्न नही मिलता क्रूरता यह है की हर वर्ष गोदामों मे करोडो टन अनाज सड़ जाता है|
—भारत मे : भारत मे प्रशासनिक ढांचा प्रयासपूर्वक छोटा रखा जाता था, ताकि भ्रष्टाचार कम से कम हो|
इंडिया मे : प्रशासनिक ढांचा इतना विशाल और जटिल है की उसके सामने साधारण प्रजा असहाय हो जाता है, प्रशासन ने संगठित भ्रष्टाचार का रूप ले लिया है|
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भारत मे : प्रशासनिक अधिकारीयों को भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर स्वयं को निर्दोष साबित करना पड़ता था|
इंडिया मे : प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले को असहयोग और उपेक्षा करते है जिसमे पूरा तंत्र अधिकारी का साथ देता है और आरोप लगाने वाला पहुंच के बिना कभी कुछ साबित नही कर सकता|
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भारत मे : विविधता से भरे देश में स्थान विशेष की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा सके इसलिए अधिकतम निर्णय स्थानीय अधिकारी लेते थे |
इंडिया मे : अधिकांश निर्णय ऊपर के अधिकारी लेते है और निचे के अधिकारी उन्हें थोप देते हैं जैसे जहाँ तालाब खोदते है उहाँ कुएं खुदवाए जाते है |
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भारत मे : निर्णय तुरंत होते थे|
इंडिया मे : किसानों की आत्महत्या के बाद किसान के हित मे निर्णय एवं क्रियान्वयन होता है|
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भारत मे : प्रशासन विकेन्द्रित था|
इंडिया मे : प्रशासन केन्द्रित है|
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भारत मे : साधारण प्रजा न्यायवाण था|
इंडिया मे : नौकरशाही ने साधारण प्रजा को भ्रष्ट बनाया|
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भारत मे : सभि को पेटभर अन्न मिलता था|
इंडिया मे : पांच करोड़ लोगों को एक समय का अन्न नही मिलता क्रूरता यह है की हर वर्ष गोदामों मे करोडो टन अनाज सड़ जाता है|
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