क्या आप WTO Agreement के बौद्धिक सम्पत्ति अधिकार (Intellectual Property Rights Agreement) समझौता को जानते है ???
1 जनवरी 2005 से नई पेटेन्ट व्यवस्था लागू हो गई है। इसके पूर्व 31 दिसम्बर को केन्द्र सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिये ’अध्यादेश’ का सहारा लिया। संसद के फरवरी 2005 के बजट सत्र में सरकार ने राजनैतिक कलाबाजियों के जरिए पेटेंट बिल पारित करवा लिया है। अब भारतीय पेटेंट कानून 1970 बदल गया है।
नई पटेन्ट व्यवस्था, विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक सम्पत्ति अधिकार समझौते के तहत लागू की जा रही है। इस बौद्धिक सम्पत्ति अधिकार समझौते को जानना हम सबके लिए आवश्यक है।
ट्रिप्स समझौते के खण्ड 5 का अनुच्छेद 27 कहता है तकनीक के सभी क्षेत्रों में उत्पाद और प्रक्रिया पेटेन्ट दिये जायेंगे। स्वयं प्रजनित पौधों और पशुओं को छोड़कर जो जीव या पौधे प्रयोगशाला में जैव तकनीक द्वारा विकसित होंगे (अनुच्छेद 3.इ) उन पर भी पेटेन्ट लागू होगा। जिन जीवों को पेटेन्ट से मुक्त रखा गया है, उन पर भी चार साल बाद (समझौता लागू होने के) पुर्नविचार किया जाएगा।
ट्रिप्स समझौते के तहत खण्ड 1 के अनुच्छेद 3, 4 और 5 का कथन है कि विदेशियों की बौद्धिक सम्पति के साथ भी, अपनी ही सम्पत्ती जैसा राष्ट्रीय व्यवहार करना होगा।
नई पेटेन्ट प्रणाली के तहत औद्योगिक तकनीकी के सभी क्षेत्रों में हरेक अन्वेषण को उत्पाद और प्रक्रिया पेटेन्ट देने ही होंगे (ट्रिप्स का अनुच्छेद-27)। पेटेन्ट संरक्षण की अवधि 20 वर्ष होगी (ट्रिप्स का अनुच्छेद-33) यह नई पेटेन्ट प्रणाली अमेरिकी पेटेन्ट प्रणाली से भी अधिक दुःसह होगी। नई प्रणाली के कारण 20 वर्ष तक उत्पाद पेटेन्ट और अगले 20 वर्ष तक प्रक्रिया पेटेन्ट अधिकार होंगे। अमेरिका की तरह दवाइयों के नये कम्बीनेशनों पर, नई डोसेज पर, नये उपयोग रूपों पर भी पेटेन्ट अधिकार लागू होंगे। और ये केवल नये उत्पादों पर ही नहीं, वर्तमान उत्पादों पर भी लागू होंगे। अमेरिका में आज 85% से 90% फीसदी उत्पादों को किसी न किसी प्रकार का पेटेंट संरक्षण मिला हुआ है। इसी प्रकार भारत में भी पेटेंट और इसी तरह का संरक्षण किसी न किसी रूप में हमारे दवा उत्पादों के कम से कम 70% से 80% फीसदी पर 20 वर्ष से ज्यादा लम्बी अवधि के लिये लगाने होगें।
परिणामस्वरूप एकछत्र उत्पाद पेटेंट एकाधिकार कायम हो जाने से दवाइयो के दाम दस गुना से ज्यादा यानि 1000 फीसदी तक बढ़ जाने की सम्भावना है। जिन देशों में उत्पाद पेटेन्ट प्रणाली लागू है उनके उदाहरण से इस बात को समझा जा सकता है। मान लीजिए रेनीटीडीन - जैनेटिक दवाई ग्लैक्सो नामक बहुराष्ट्रीय कम्पनी बनाती है और इसका दस गोली का पत्ता पाकिस्तान में 260 रू. में, अमेरिका में 744.65 रूपये में, इंग्लैण्ड में 481.31 रूपये में बेचा जाता है। इन सभी देशों में उत्पाद पेटेंट प्रणाली लागू है जबकि भारत में यही दवा मात्र 29.03 रूपये में मिलती है। (यहां अभी उत्पाद पेटेंट प्रणाली लागू नहीं है) इसी तरह बहुराष्ट्रीय कम्पनी सीबा गाइगी, डाइक्लो फिनाक-वोवरान नामक दवाई की दस गोली पाकिस्तान में 55.80 रूपये, इग्लैण्ड में 95.84 रूपये, अमेरिका में 239.47 रूपये और भारत में 5.96 रूपये में बेचती है। ग्लैक्सो तथा सीबा गाइगी भारत के विपरीत अन्य तीन देशों में दस गुना से चालीस गुना यानि 1000 से 4000 फीसदी ज्यादा कीमत वसूल रही हैं। भारत में इन कम्पनियों के अतिरिक्त और भी कई कम्पनियाँ इन दवाइयों को बनाती है और इस प्रकार कीमतों में मुकाबला होने के कारण इन दवाइया की कीमतें बहुत कम हैं । अन्य तीनों देशों में केवल यही दो बहुराष्ट्रीय कम्पनियां इन दो दवाइयों को बेच रही हैं। नई प्रणाली के अन्र्तगत भारत की पेटेंट व्यवस्था भी अमेरिका, इंग्लैण्ड और पाकिस्तान जैसी हो जायेगी तथा एकाधिकार होने के कारण दवाइयों की कीमतें कई गुना (लगभग 1000 से 4000 फीसदी तक) बढ़ जायेंगी।
यह असर सिर्फ नई दवाइयों पर ही नहीं बल्कि वर्तमान दवाइयों के कम्बीनेशनों, डोसेज रूपों पर भी होगा और उनके दाम भी उसी अनुपात में बढ़ जायेंगे।
लेखक : श्री राजीव दीक्षित
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पाकिस्तान की साजिश है ! कि 1971 में भारत ने पाकिस्तान से बांग्लादेश अलग करवा दिया !
तो अब वो भारत का जम्मु और कश्मीर अलग करवाना चाहता है ! इसी लिए 1971 के बाद पाकिस्तान में जितने भी शासक हुए उन्हों ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया हे !
औरआज आतंकवाद वहाँ इतना बढ़ चूका हे की अब तक हमारे 1 lakh से ज्यादा जवान उसमे शहीद हो चुके हे| जम्मु कश्मीर हमारे देश में रहे इसके लिए हमारे देश में संविधान बदल गया है |
संविधान में एक Article 370 दाखिल किया गया..उसके तहत जम्मु कश्मीर को एक देश का दरज्जा दिया गया है |
भारत का सुप्रीम कोर्ट कोई भी फैसला सुनाये जम्मु कश्मीर में वो लागु नहीं होता |
भारत की संसद जो भी कानून बनाये जम्मु कश्मीर में वो लागु नहीं होता |
हमारी संसद जो कानून बनाती हे उस कानून का जब आप पहला पन्ना पढेंगे उसमे पहले ही वाक्य में कहा जाता हे Except Jammu and Kashmir. मतलब ये कानून बनाया जा रहा हे जम्मु कश्मीर को छोड़कर|
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हमारी सरकार ने आज़ादी के 64 साल बाद ऐसे कई कानून बनाये हे जो आप पर लागु है ,
हम पर लागु हे,सारे देश पर लागु है लेकिन जम्मु कश्मीर के ऊपर लागु नहीं है |
उनके कानून उनकी संसद में जिनको वो Assembly कहते हे वहाँ बनते है |
भारत की संसद मे नहीं बनते !
आपको शायद मालूम नहीं होगा की आज़ादी के कई सालो बाद तक जम्मु कश्मीर के मुख्यमंत्री को “सदरे रियासत “ कहा जाता था जिसको हिंदी में प्रधानमंत्री कहते है |
उनका झंडा अलग हे भारत का झंडा अलग हे |
उनका कानून अलग है भारत का कानून अलग है |
उनका संविधान अलग हे भारत का संविधान अलग हे |
फिर हमारी सरकार कहती हे की, “Jammu and Kashmir is the INTEGRAL PART OF INDIA (जम्मु कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हे )”
यह भारत सरकार हमें मुर्ख बनाने के लिए कह रही है ताकि की हम जम्मु कश्मीर को भारत मे विलय के लिए बगावत ना करे |
आपको सुनकर हेरानी होगी की भारत सरकार आपके लिए कोई भी खर्चा करे उसकी पाई पाई का हिसाब CAG (Controller Auditor General of India) रखता है !
लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगो के ऊपर हजारों साल से करोडो रुपये खर्च होता है उसका हिसाब किसी के पास नहीं है !!
क्योकि जम्मू कश्मीर का हिसाब दिल्ली में नहीं रखा जाता उनका हिसाब जम्मू कश्मीर की सरकार के पास रखा जाता है |
CAG (Controller Auditor General of India)को जब पूछा गया कि जम्मू कश्मीर कि सरकार ने आजतक कितना पैसा कहाँ खर्च किया है इसका हिसाब दो ???
तो जवाब आया हमारे पास नहीं है कश्मीर की सरकार को पूछो !!
और जब कश्मीर की सरकार को चिठी लिखी गई ! तब वहाँ से जवाब आया !कि हम किसी भारतवासी को अपना हिसाब बताने के लिए मजबूर नहीं है !!
वो मानते ही नहीं की हम भारत का अंग है ....हम जबर दस्ती कहते हे की यह भारत का अंग है |
पाकिस्तान वहा जबरदस्ती आतंकवादी भेजता हे,उनके लिए पैसे उपलब्ध कराता रहता हे|आपको क्या लगता हे पाकिस्तान (जो खुद भुखमरी के कगार पर खड़ा हे) ! जिसका 95 % बजट विदेशी कर्जे पर बनता है !! जो सुई भी खुद नहीं बना सकता !
उसमे में उतनी ताकत हे की वो 60 सालो तक आतंकवादी ओ को पैसा भेज सके?????
आपको शायद पता होगा की पाकिस्तान में इतना दम नहीं हे लेकिन पाकिस्तान को ये सब करने के लिए अमरीका उकसाता रहता है और हर साल उसको साहयता के नाम पर करोडो रूपये उपलब्ध कराता रहता है |
और पाकिस्तान वो पैसा जम्मू कश्मीर में भेजता है और आखिर वो पैसा लश्करे तैयबा,जैश ए मोहमद ,हिजबुल मुजाहिद्दीन जेसे खतरनाक आतंकवादी संगठनो को पैसा मिलता हे और वो पैसे से वो पैसे से सारे देश में बम ब्लास्ट करते है |
हमारी आर्मी की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर में जो भी सभी आतंकवादी गतिविधि करते हे वो सब विदेशो से घुसाए गए है !पाकिस्तान से और अफघानिस्तान से रोज आ रहे हैं ! और पेसो की लिए यह सब करते हे|
हमारी सरकार भी कैसी विचित्र है जम्मु कश्मीर में एक संगठन हे उसका नाम हे हुर्रियत कोन्फेरेंस यह छोटी छोटी पार्टियो का एक बड़ा समूह हे|इस हुर्रियत कोन्फेरेंस में एक आदमी हे उसका नाम हे यासीन मलिक आपने शायद टीवी पर देखा हो|उस यासीन मलिक को जानबूझ कर भारत सरकार ने सुपर हीरो बनाकर रखा है
क्यों????
भारत सरकार जब भी बातचीत करती है !यासीन मालिक से ही करती है !इन चक्करों में अखबारों में नाम आता है , टीवी की चर्चा में नाम आता है और वो चर्चा में चढ़ता ही चला जाता है वो चर्चा फिर अमरिका तक जाती हे और बाद में अमरीका की सब N.G.O. से सीधा पैसा उसको आना शरू हो जाता है !|
आप पूछेंगे की अमरीका को क्या Interest हे ?????
भारत का जो जम्मु कश्मीर हे वो अमरीका को चाहिए.....पाकिस्तान के लिए तो ये कुछ इतना काम का नहीं है | पाकिस्तान खुद अपने देश को संभाल नहीं पा रहा है ! जो हमारा छीना हुआ कश्मीर उसके पास है !वही उससे संभाला नहीं जो रहा ! जम्मु और कश्मीर को क्या संभालेगा|
अमरीका को इसलिए चाहिए क्योकि जम्मु कश्मीर की सीमा चीन से लगी हुई है |अमरीका और चीन का पुरानी दुश्मनी है |तो अमरीका की योजना हे की एक दिन चीन पर हमला करना हे जेसा इराक पे किया तो हमला करने के लिए अमरीका के जहाजों को एक ऐसा ग्राउंड चाहिए जहाँ से हवाई जहाज उड़े और चीन पर जाकर मिसाइल डाले और वो स्थान जम्मु में है !|
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आपके मन मे सवाल आएगा ! कि राजीव भाई किस आधार पर कहते है !????
कि अमेरिका को कश्मीर पर कब्जा कर वहाँ सनिक अड्डा बनाना है ????
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ध्यान से पढे !
कुछ साल पहले अमेरिका कि विदेश मंत्री हेलेरी कलिंटन भारत आई ! और हमारे यहाँ एक tv चैनल जिसका नाम आजतक है ! आजतक के प्रभु चावला ने उसका interview लिया !
और interview मे एक ऐसा सवाल पूछा ! जिसका जवाब गलती से हेलेरी कलिंटन सच बता दिया !!
(कई बार ऐसा हो जाता मुह से कोई छुपाने वाली बात सच निकाल जाती है !!)
प्रभु चावला ने पूछा !कि अमेरिका ने पिछले 50 साल मे united nation मे कश्मीर मुद्दे पर भारत का हमेशा विरोध किया है! पाकिस्तान का साथ दिया है क्यूँ ???
(आप जानते है 1952 -53 से जम्मू कश्मीर का मुद्दा नेहरू कि मूर्खता के कारण united nation मे है !
वरना युद्ध मे तो भारतीय सेनिकों ने बुरी रोंद दिया था पाकिस्तान को ! और दो दिन अगर और मिलते तो लाहोर भी भारत मे आ जाता ! तब नेहरू को internationalism याद आ गया ! और बिना मतलब के मुद्दा united nation मे ले गाया ! और तब से अमेरिका उसको दबा कर बैठा है ! और हमेशा भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देता गया !))
तो प्रभु चावला ने पूछा ! एक तरफ आप कहते है भारत से रिश्ते अच्छे बनाने है और ! आपने हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया है !
आखिर आप चाहते क्या है ?? ????????
तो हेलेरी कलिंटन ने गलती से बोल दिया कि हमारी अमेरिका की संसद मे प्रस्ताव पारित हुआ है ! कि जम्मू कश्मीर पर हमे सेनिक अड्डा बनाना है !
तो उससे पूछा प्रस्ताव कब पारित हुआ था ??
तो उसने कहा 1989 मे !!!
तो उससे पूछा प्रस्ताव नमबर ??!
तब एक दम हलेरी कलिंटन को लगा कुछ गलत बोल दिया है ! तो उसने बात को घूमा दिया !
और कहा मुझे ज्यादा नहीं मालूम ! बस ऐसा है वैसा है !!
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राजीव भाई वो interview सुन रहे थे ! तो उन्होने बिना देरी किए हुये अमेरिका मे अपने कुछ दोस्तो को फोन लगाया और कहा ! पता करो 1989 मे अमेरिका कि संसद मे ऐसा कौन सा प्रस्ताव पारित हुआ ??
जिसने कहा गया अमेरिका को जम्मू कश्मीर चाहीये वहाँ सेनिक अड्डा बनाने के लिए ??
तो पता चला प्रस्ताव का नंबर है 657 और 1989 को अमरीकी संसद मे पास हुआ !! और उसमे कहा गया है कि एक न दिन तो अमेरिका को जम्मू कश्मीर पर कब्जा कर सैनिक अड्डा बनाना ही है !
क्यूँ ??
कारण एक ही है ! जम्मू कश्मीर ही एक ऐसा area है ! जहां अमेरिका सैनिक अड्डा बनाकर चीन ,भारत और पाकिस्तान तीनों पर नजर रख सकता है ! और भविष्य मे कभी चीन हमला करना पड़े ! तो उससे बढ़िया को स्थान नहीं !
इसलिए अमरीका को ये चाहिए |
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तो अमरीका बंदूक चला रहा हे पाकिस्तान के कंधे पर रखके और ये बंदूक हे की जम्मु कश्मीर भारत से अलग हो जाये ! अपना खुद देश बना ले (जेसे बांग्लादेश बना )|अमरीका उसको सहाय देकर अपने प्रभाव में ले लेगा और वहा सैनिक अड्डा बनाएगा और वो सैनिक अड्डा एक दिन चीन के खिलाफ काम आयेगा|ये राजनीती चल रही हे भारत को बर्बाद करने के लिए |
अगर ये राजनीती चल रही हे भारत को बर्बाद करने के लिए !!!!
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अब आप कहेंगे कि हम क्या कर सकते है !! तो आपसे एक ही निवेदन है ! आप कुछ साल के लिए जम्मू कश्मीर जाना छोड़ दो !
आप कहेगे सारी ज़िंदगी इसी केलिए तो पैसा इख्ठा करते है कि जम्मू कश्मीर घूमने जाएँगे !
और आप कह रहे है वहाँ जाना छोड़ दो !??
मित्रो आपको मालूम नहीं ! जब आप वहाँ घूमने जाते है तो जितना tax भारत सरकार आपके ऊपर नहीं लगती उससे कई गुना ज्यादा tax जम्मू कश्मीर सरकार आपके ऊपर लगती है !!
और वो सारा पैसा कुछ हाथो से घूमता हुआ आतंकवादियो के पास जाता है ! और सरकार मे आतंकवादियो के आदमी बैठे हुई है !
वैष्णो देवी के मंदिर का सारा हिसाब किताब shrine bord संभालता है ! हर साल लाखो हिन्दू करोड़ो रुपए वहाँ चढ़ाते है !! और आप वहाँ कि सरकार से एक पैसे का हिसाब नहीं मांग सकते कि उन्होने कहाँ खर्च किया कितना खर्च किया !!!
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दोस्तो सेना जब युद्ध लड़ती है ! तो उसका मुख्य काम होता है ! दुश्मन की supply line काटना !और कश्मीर के आतंकवादियो कि supply line भारत सरकार के मिलने वाले पैसे के बाद हमारे हाथ से गुजर कर जाती है !! सिर्फ 2 या 3 साल के लिए ही हम सब भारत के लोग कश्मीर घूमने जाना छोड़ दे ! तो 100 % वहाँ सरकार कि आर्थिक कमड़ टूट जाएगी !! और जम्मू कश्मीर झकमार के हिंदुस्तान मे वापिस आ जाएगा !
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इसके इलावा आजकल वहाँ एक काम शुरू हुआ है ! कश्मीर से कुछ लोग आपके शहर आते है शाले बेचने ले किए ! आपको मालूम नहीं है कि कौन उनमे से आतंकवादी है कौन सच्चा भारतीय !! आप हाथ जोड़ कर उनको माना करे दे कि हम आपकी शाले तब तक नहीं खरीदेगे !
जब तक जम्मू कश्मीर घोषणा न कर दे ! कि वे भारत का अभिन्न अंग है !!!
यहाँ जरूर जरूर click कर देखें !!
http://youtu.be/2AbadmEh_vc
http://youtu.be/2AbadmEh_vc
1 जनवरी 2005 से नई पेटेन्ट व्यवस्था लागू हो गई है। इसके पूर्व 31 दिसम्बर को केन्द्र सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिये ’अध्यादेश’ का सहारा लिया। संसद के फरवरी 2005 के बजट सत्र में सरकार ने राजनैतिक कलाबाजियों के जरिए पेटेंट बिल पारित करवा लिया है। अब भारतीय पेटेंट कानून 1970 बदल गया है।
नई पटेन्ट व्यवस्था, विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक सम्पत्ति अधिकार समझौते के तहत लागू की जा रही है। इस बौद्धिक सम्पत्ति अधिकार समझौते को जानना हम सबके लिए आवश्यक है।
ट्रिप्स समझौते के खण्ड 5 का अनुच्छेद 27 कहता है तकनीक के सभी क्षेत्रों में उत्पाद और प्रक्रिया पेटेन्ट दिये जायेंगे। स्वयं प्रजनित पौधों और पशुओं को छोड़कर जो जीव या पौधे प्रयोगशाला में जैव तकनीक द्वारा विकसित होंगे (अनुच्छेद 3.इ) उन पर भी पेटेन्ट लागू होगा। जिन जीवों को पेटेन्ट से मुक्त रखा गया है, उन पर भी चार साल बाद (समझौता लागू होने के) पुर्नविचार किया जाएगा।
ट्रिप्स समझौते के तहत खण्ड 1 के अनुच्छेद 3, 4 और 5 का कथन है कि विदेशियों की बौद्धिक सम्पति के साथ भी, अपनी ही सम्पत्ती जैसा राष्ट्रीय व्यवहार करना होगा।
नई पेटेन्ट प्रणाली के तहत औद्योगिक तकनीकी के सभी क्षेत्रों में हरेक अन्वेषण को उत्पाद और प्रक्रिया पेटेन्ट देने ही होंगे (ट्रिप्स का अनुच्छेद-27)। पेटेन्ट संरक्षण की अवधि 20 वर्ष होगी (ट्रिप्स का अनुच्छेद-33) यह नई पेटेन्ट प्रणाली अमेरिकी पेटेन्ट प्रणाली से भी अधिक दुःसह होगी। नई प्रणाली के कारण 20 वर्ष तक उत्पाद पेटेन्ट और अगले 20 वर्ष तक प्रक्रिया पेटेन्ट अधिकार होंगे। अमेरिका की तरह दवाइयों के नये कम्बीनेशनों पर, नई डोसेज पर, नये उपयोग रूपों पर भी पेटेन्ट अधिकार लागू होंगे। और ये केवल नये उत्पादों पर ही नहीं, वर्तमान उत्पादों पर भी लागू होंगे। अमेरिका में आज 85% से 90% फीसदी उत्पादों को किसी न किसी प्रकार का पेटेंट संरक्षण मिला हुआ है। इसी प्रकार भारत में भी पेटेंट और इसी तरह का संरक्षण किसी न किसी रूप में हमारे दवा उत्पादों के कम से कम 70% से 80% फीसदी पर 20 वर्ष से ज्यादा लम्बी अवधि के लिये लगाने होगें।
परिणामस्वरूप एकछत्र उत्पाद पेटेंट एकाधिकार कायम हो जाने से दवाइयो के दाम दस गुना से ज्यादा यानि 1000 फीसदी तक बढ़ जाने की सम्भावना है। जिन देशों में उत्पाद पेटेन्ट प्रणाली लागू है उनके उदाहरण से इस बात को समझा जा सकता है। मान लीजिए रेनीटीडीन - जैनेटिक दवाई ग्लैक्सो नामक बहुराष्ट्रीय कम्पनी बनाती है और इसका दस गोली का पत्ता पाकिस्तान में 260 रू. में, अमेरिका में 744.65 रूपये में, इंग्लैण्ड में 481.31 रूपये में बेचा जाता है। इन सभी देशों में उत्पाद पेटेंट प्रणाली लागू है जबकि भारत में यही दवा मात्र 29.03 रूपये में मिलती है। (यहां अभी उत्पाद पेटेंट प्रणाली लागू नहीं है) इसी तरह बहुराष्ट्रीय कम्पनी सीबा गाइगी, डाइक्लो फिनाक-वोवरान नामक दवाई की दस गोली पाकिस्तान में 55.80 रूपये, इग्लैण्ड में 95.84 रूपये, अमेरिका में 239.47 रूपये और भारत में 5.96 रूपये में बेचती है। ग्लैक्सो तथा सीबा गाइगी भारत के विपरीत अन्य तीन देशों में दस गुना से चालीस गुना यानि 1000 से 4000 फीसदी ज्यादा कीमत वसूल रही हैं। भारत में इन कम्पनियों के अतिरिक्त और भी कई कम्पनियाँ इन दवाइयों को बनाती है और इस प्रकार कीमतों में मुकाबला होने के कारण इन दवाइया की कीमतें बहुत कम हैं । अन्य तीनों देशों में केवल यही दो बहुराष्ट्रीय कम्पनियां इन दो दवाइयों को बेच रही हैं। नई प्रणाली के अन्र्तगत भारत की पेटेंट व्यवस्था भी अमेरिका, इंग्लैण्ड और पाकिस्तान जैसी हो जायेगी तथा एकाधिकार होने के कारण दवाइयों की कीमतें कई गुना (लगभग 1000 से 4000 फीसदी तक) बढ़ जायेंगी।
यह असर सिर्फ नई दवाइयों पर ही नहीं बल्कि वर्तमान दवाइयों के कम्बीनेशनों, डोसेज रूपों पर भी होगा और उनके दाम भी उसी अनुपात में बढ़ जायेंगे।
लेखक : श्री राजीव दीक्षित
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पाकिस्तान की साजिश है ! कि 1971 में भारत ने पाकिस्तान से बांग्लादेश अलग करवा दिया !
तो अब वो भारत का जम्मु और कश्मीर अलग करवाना चाहता है ! इसी लिए 1971 के बाद पाकिस्तान में जितने भी शासक हुए उन्हों ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया हे !
औरआज आतंकवाद वहाँ इतना बढ़ चूका हे की अब तक हमारे 1 lakh से ज्यादा जवान उसमे शहीद हो चुके हे| जम्मु कश्मीर हमारे देश में रहे इसके लिए हमारे देश में संविधान बदल गया है |
संविधान में एक Article 370 दाखिल किया गया..उसके तहत जम्मु कश्मीर को एक देश का दरज्जा दिया गया है |
भारत का सुप्रीम कोर्ट कोई भी फैसला सुनाये जम्मु कश्मीर में वो लागु नहीं होता |
भारत की संसद जो भी कानून बनाये जम्मु कश्मीर में वो लागु नहीं होता |
हमारी संसद जो कानून बनाती हे उस कानून का जब आप पहला पन्ना पढेंगे उसमे पहले ही वाक्य में कहा जाता हे Except Jammu and Kashmir. मतलब ये कानून बनाया जा रहा हे जम्मु कश्मीर को छोड़कर|
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हमारी सरकार ने आज़ादी के 64 साल बाद ऐसे कई कानून बनाये हे जो आप पर लागु है ,
हम पर लागु हे,सारे देश पर लागु है लेकिन जम्मु कश्मीर के ऊपर लागु नहीं है |
उनके कानून उनकी संसद में जिनको वो Assembly कहते हे वहाँ बनते है |
भारत की संसद मे नहीं बनते !
आपको शायद मालूम नहीं होगा की आज़ादी के कई सालो बाद तक जम्मु कश्मीर के मुख्यमंत्री को “सदरे रियासत “ कहा जाता था जिसको हिंदी में प्रधानमंत्री कहते है |
उनका झंडा अलग हे भारत का झंडा अलग हे |
उनका कानून अलग है भारत का कानून अलग है |
उनका संविधान अलग हे भारत का संविधान अलग हे |
फिर हमारी सरकार कहती हे की, “Jammu and Kashmir is the INTEGRAL PART OF INDIA (जम्मु कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हे )”
यह भारत सरकार हमें मुर्ख बनाने के लिए कह रही है ताकि की हम जम्मु कश्मीर को भारत मे विलय के लिए बगावत ना करे |
आपको सुनकर हेरानी होगी की भारत सरकार आपके लिए कोई भी खर्चा करे उसकी पाई पाई का हिसाब CAG (Controller Auditor General of India) रखता है !
लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगो के ऊपर हजारों साल से करोडो रुपये खर्च होता है उसका हिसाब किसी के पास नहीं है !!
क्योकि जम्मू कश्मीर का हिसाब दिल्ली में नहीं रखा जाता उनका हिसाब जम्मू कश्मीर की सरकार के पास रखा जाता है |
CAG (Controller Auditor General of India)को जब पूछा गया कि जम्मू कश्मीर कि सरकार ने आजतक कितना पैसा कहाँ खर्च किया है इसका हिसाब दो ???
तो जवाब आया हमारे पास नहीं है कश्मीर की सरकार को पूछो !!
और जब कश्मीर की सरकार को चिठी लिखी गई ! तब वहाँ से जवाब आया !कि हम किसी भारतवासी को अपना हिसाब बताने के लिए मजबूर नहीं है !!
वो मानते ही नहीं की हम भारत का अंग है ....हम जबर दस्ती कहते हे की यह भारत का अंग है |
पाकिस्तान वहा जबरदस्ती आतंकवादी भेजता हे,उनके लिए पैसे उपलब्ध कराता रहता हे|आपको क्या लगता हे पाकिस्तान (जो खुद भुखमरी के कगार पर खड़ा हे) ! जिसका 95 % बजट विदेशी कर्जे पर बनता है !! जो सुई भी खुद नहीं बना सकता !
उसमे में उतनी ताकत हे की वो 60 सालो तक आतंकवादी ओ को पैसा भेज सके?????
आपको शायद पता होगा की पाकिस्तान में इतना दम नहीं हे लेकिन पाकिस्तान को ये सब करने के लिए अमरीका उकसाता रहता है और हर साल उसको साहयता के नाम पर करोडो रूपये उपलब्ध कराता रहता है |
और पाकिस्तान वो पैसा जम्मू कश्मीर में भेजता है और आखिर वो पैसा लश्करे तैयबा,जैश ए मोहमद ,हिजबुल मुजाहिद्दीन जेसे खतरनाक आतंकवादी संगठनो को पैसा मिलता हे और वो पैसे से वो पैसे से सारे देश में बम ब्लास्ट करते है |
हमारी आर्मी की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर में जो भी सभी आतंकवादी गतिविधि करते हे वो सब विदेशो से घुसाए गए है !पाकिस्तान से और अफघानिस्तान से रोज आ रहे हैं ! और पेसो की लिए यह सब करते हे|
हमारी सरकार भी कैसी विचित्र है जम्मु कश्मीर में एक संगठन हे उसका नाम हे हुर्रियत कोन्फेरेंस यह छोटी छोटी पार्टियो का एक बड़ा समूह हे|इस हुर्रियत कोन्फेरेंस में एक आदमी हे उसका नाम हे यासीन मलिक आपने शायद टीवी पर देखा हो|उस यासीन मलिक को जानबूझ कर भारत सरकार ने सुपर हीरो बनाकर रखा है
क्यों????
भारत सरकार जब भी बातचीत करती है !यासीन मालिक से ही करती है !इन चक्करों में अखबारों में नाम आता है , टीवी की चर्चा में नाम आता है और वो चर्चा में चढ़ता ही चला जाता है वो चर्चा फिर अमरिका तक जाती हे और बाद में अमरीका की सब N.G.O. से सीधा पैसा उसको आना शरू हो जाता है !|
आप पूछेंगे की अमरीका को क्या Interest हे ?????
भारत का जो जम्मु कश्मीर हे वो अमरीका को चाहिए.....पाकिस्तान के लिए तो ये कुछ इतना काम का नहीं है | पाकिस्तान खुद अपने देश को संभाल नहीं पा रहा है ! जो हमारा छीना हुआ कश्मीर उसके पास है !वही उससे संभाला नहीं जो रहा ! जम्मु और कश्मीर को क्या संभालेगा|
अमरीका को इसलिए चाहिए क्योकि जम्मु कश्मीर की सीमा चीन से लगी हुई है |अमरीका और चीन का पुरानी दुश्मनी है |तो अमरीका की योजना हे की एक दिन चीन पर हमला करना हे जेसा इराक पे किया तो हमला करने के लिए अमरीका के जहाजों को एक ऐसा ग्राउंड चाहिए जहाँ से हवाई जहाज उड़े और चीन पर जाकर मिसाइल डाले और वो स्थान जम्मु में है !|
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आपके मन मे सवाल आएगा ! कि राजीव भाई किस आधार पर कहते है !????
कि अमेरिका को कश्मीर पर कब्जा कर वहाँ सनिक अड्डा बनाना है ????
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ध्यान से पढे !
कुछ साल पहले अमेरिका कि विदेश मंत्री हेलेरी कलिंटन भारत आई ! और हमारे यहाँ एक tv चैनल जिसका नाम आजतक है ! आजतक के प्रभु चावला ने उसका interview लिया !
और interview मे एक ऐसा सवाल पूछा ! जिसका जवाब गलती से हेलेरी कलिंटन सच बता दिया !!
(कई बार ऐसा हो जाता मुह से कोई छुपाने वाली बात सच निकाल जाती है !!)
प्रभु चावला ने पूछा !कि अमेरिका ने पिछले 50 साल मे united nation मे कश्मीर मुद्दे पर भारत का हमेशा विरोध किया है! पाकिस्तान का साथ दिया है क्यूँ ???
(आप जानते है 1952 -53 से जम्मू कश्मीर का मुद्दा नेहरू कि मूर्खता के कारण united nation मे है !
वरना युद्ध मे तो भारतीय सेनिकों ने बुरी रोंद दिया था पाकिस्तान को ! और दो दिन अगर और मिलते तो लाहोर भी भारत मे आ जाता ! तब नेहरू को internationalism याद आ गया ! और बिना मतलब के मुद्दा united nation मे ले गाया ! और तब से अमेरिका उसको दबा कर बैठा है ! और हमेशा भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देता गया !))
तो प्रभु चावला ने पूछा ! एक तरफ आप कहते है भारत से रिश्ते अच्छे बनाने है और ! आपने हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया है !
आखिर आप चाहते क्या है ?? ????????
तो हेलेरी कलिंटन ने गलती से बोल दिया कि हमारी अमेरिका की संसद मे प्रस्ताव पारित हुआ है ! कि जम्मू कश्मीर पर हमे सेनिक अड्डा बनाना है !
तो उससे पूछा प्रस्ताव कब पारित हुआ था ??
तो उसने कहा 1989 मे !!!
तो उससे पूछा प्रस्ताव नमबर ??!
तब एक दम हलेरी कलिंटन को लगा कुछ गलत बोल दिया है ! तो उसने बात को घूमा दिया !
और कहा मुझे ज्यादा नहीं मालूम ! बस ऐसा है वैसा है !!
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राजीव भाई वो interview सुन रहे थे ! तो उन्होने बिना देरी किए हुये अमेरिका मे अपने कुछ दोस्तो को फोन लगाया और कहा ! पता करो 1989 मे अमेरिका कि संसद मे ऐसा कौन सा प्रस्ताव पारित हुआ ??
जिसने कहा गया अमेरिका को जम्मू कश्मीर चाहीये वहाँ सेनिक अड्डा बनाने के लिए ??
तो पता चला प्रस्ताव का नंबर है 657 और 1989 को अमरीकी संसद मे पास हुआ !! और उसमे कहा गया है कि एक न दिन तो अमेरिका को जम्मू कश्मीर पर कब्जा कर सैनिक अड्डा बनाना ही है !
क्यूँ ??
कारण एक ही है ! जम्मू कश्मीर ही एक ऐसा area है ! जहां अमेरिका सैनिक अड्डा बनाकर चीन ,भारत और पाकिस्तान तीनों पर नजर रख सकता है ! और भविष्य मे कभी चीन हमला करना पड़े ! तो उससे बढ़िया को स्थान नहीं !
इसलिए अमरीका को ये चाहिए |
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तो अमरीका बंदूक चला रहा हे पाकिस्तान के कंधे पर रखके और ये बंदूक हे की जम्मु कश्मीर भारत से अलग हो जाये ! अपना खुद देश बना ले (जेसे बांग्लादेश बना )|अमरीका उसको सहाय देकर अपने प्रभाव में ले लेगा और वहा सैनिक अड्डा बनाएगा और वो सैनिक अड्डा एक दिन चीन के खिलाफ काम आयेगा|ये राजनीती चल रही हे भारत को बर्बाद करने के लिए |
अगर ये राजनीती चल रही हे भारत को बर्बाद करने के लिए !!!!
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अब आप कहेंगे कि हम क्या कर सकते है !! तो आपसे एक ही निवेदन है ! आप कुछ साल के लिए जम्मू कश्मीर जाना छोड़ दो !
आप कहेगे सारी ज़िंदगी इसी केलिए तो पैसा इख्ठा करते है कि जम्मू कश्मीर घूमने जाएँगे !
और आप कह रहे है वहाँ जाना छोड़ दो !??
मित्रो आपको मालूम नहीं ! जब आप वहाँ घूमने जाते है तो जितना tax भारत सरकार आपके ऊपर नहीं लगती उससे कई गुना ज्यादा tax जम्मू कश्मीर सरकार आपके ऊपर लगती है !!
और वो सारा पैसा कुछ हाथो से घूमता हुआ आतंकवादियो के पास जाता है ! और सरकार मे आतंकवादियो के आदमी बैठे हुई है !
वैष्णो देवी के मंदिर का सारा हिसाब किताब shrine bord संभालता है ! हर साल लाखो हिन्दू करोड़ो रुपए वहाँ चढ़ाते है !! और आप वहाँ कि सरकार से एक पैसे का हिसाब नहीं मांग सकते कि उन्होने कहाँ खर्च किया कितना खर्च किया !!!
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दोस्तो सेना जब युद्ध लड़ती है ! तो उसका मुख्य काम होता है ! दुश्मन की supply line काटना !और कश्मीर के आतंकवादियो कि supply line भारत सरकार के मिलने वाले पैसे के बाद हमारे हाथ से गुजर कर जाती है !! सिर्फ 2 या 3 साल के लिए ही हम सब भारत के लोग कश्मीर घूमने जाना छोड़ दे ! तो 100 % वहाँ सरकार कि आर्थिक कमड़ टूट जाएगी !! और जम्मू कश्मीर झकमार के हिंदुस्तान मे वापिस आ जाएगा !
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इसके इलावा आजकल वहाँ एक काम शुरू हुआ है ! कश्मीर से कुछ लोग आपके शहर आते है शाले बेचने ले किए ! आपको मालूम नहीं है कि कौन उनमे से आतंकवादी है कौन सच्चा भारतीय !! आप हाथ जोड़ कर उनको माना करे दे कि हम आपकी शाले तब तक नहीं खरीदेगे !
जब तक जम्मू कश्मीर घोषणा न कर दे ! कि वे भारत का अभिन्न अंग है !!!
यहाँ जरूर जरूर click कर देखें !!
http://youtu.be/2AbadmEh_vc
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