1998-99 मे जब भारत ने 5 परमाणु परीक्षण किये थे तो अमेरिका विधवा विलाप करने लगा की भारत अशांति फैलाना चाहता है और भारत पर उसने आर्थिक पाबंदी लगा दी ! अब गौर करने वाली बात ये है की हमने 5 परमाणु परीक्षण किए और हम पर आर्थिक पाबंदी लगा दी गई !
जब की अमेरिका ने 1047 परमाणु परीक्षण किए है !
तो हमने अगर 5 परमाणु परीक्षण करे और अमेरिका ने हम पर आर्थिक पाबंदी लगाई तो भारत को भी उस पर आर्थिक पाबंदी क्यों नहीं लगनी चाहिए थी ?? क्योंकि अमेरिका ने तो 1047 परमाणु परीक्षण किए है ! और उसने केवल परीक्षण ही नहीं किये बल्कि अणु बंब भी बनाये है और कितने अणु बंब बनाये है 20000(बीस हजार ) !
और इस लियी भी अमेरिका पर आर्थिक पाबंदी होनी चाहिए की उसने केवल अणु बंब बनाये ही नहीं बल्कि दूसरे देशो पर अणु बंब गिराये भी हैं 6 अगस्त 1945 हीरोशिमा पर गिराया और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर गिराया लाखो -लाखो जापानी मारे गए ! बंब गिराने का सिलसिला यहाँ खत्म नहीं हुआ ! 1960 मे अमेरिका ने वियतनाम पर बंब गिराये ! लाखो वियतनामी मर गए फिर 1970 मे कोरिया के ऊपर बंब गिराये कितने ही लोग वहाँ मर गए ! 1980 मे ईरान -ईरक के ऊपर बंब गिराये ! और फिर 1990 मे केवल ईराक पर बम गिराये और 80 लाख ईराकी उसमे मारे गए ! फिर एक दिन अफगानिस्तान पर बम गिराये ! एक दिन सुडान पर बम गिराये और किसी दिन भारत पर भी गिरा देगा! कोई भरोसा नहीं है इसका !!
इसलिए अगर अमेरिका ने भारत पर आर्थिक पाबंदी लगाई तो भारत को भी अमेरिका पर आर्थिक पाबंदी लगानी चाहिए थी ! इससे अमेरिका दो मिनट मे सीधा हो जाता ! क्योंकि अमेरिका मे सिर्फ एक ही चीज है जिसकी सबसे ज्यादा पुजा होती है वो है डालर ! जिस दिन अमेरिका को भारत के कारण डालर का नुकसान होना शुरू हो गया उसी दिन अमरीकी सरकार दो मिनट मे सैरन्डर कर देगी !!
अमेरिका सिर्फ कागजी शेर है कोई खास दम नहीं है इसमे ! चीन वाले अकसर अमेरिका से सैरंडर करवा लेते है सिर्फ एक डालर की धमकी पर ! चीन की सरकार क्या करती है की जो चीन से डालर अमेरिका जाता है उस पर पाबंदी लगा देती है दो मिनट मे अमेरिका का राष्ट्रपति सीधा हो जाता है और दौर कर जाता है चीन मे समझोता करने के लिए ! कुछ वर्ष पहले बिलकलिंटन गया था चीन पूरे 1000 लोगो को लेकर जैसे दूल्हे की बारात जाती है !
आप पूछेंगे क्या करने गया था ? दरअसल हुआ ये था की चीन की सरकार ने एक कानून बना दिया था वो कानून ये था की कोई भी अमरीकी कंपनी चीन आएगी पूंजी निवेश करेगी वहाँ तक तो ठीक है लेकिन अमेरिका की कंपनी चीन से पूंजी ले जाएगी उस पर पाबंदी है ! तो वो कहते है ले आओ पैसा लगा दो हमारे देश मे पर वापिस ले जाने पर पाबंदी ! और दूसरा कानून ये बना दिया मान लो अमेरिका की किसी कंपनी ने चीन मे 1 अरब डालर का मुनाफा कमाया और उसे चीन से अमेरिका ले जाने की कोशिश करेगी तो उसके लिए कानून ये है की पहले आप चीन का 1 अरब डालर का माल अमेरिका ले जाइए उसे वहाँ बेचकर आइये फिर एक अरब डालर चीन से अमेरिका ले जाइये !
और जिस दिन चीन ने कानून बनाया अमेरिका की पैंट डीली हो गई ! रोज समझोता करने बिलकलिंटन वहाँ पहुँच जाता था ! पहले अमेरिका ने कोशिश की चीन के राष्ट्रपति को अपने देश मे बुला लें ! लेकिन उसने साफ मना कर दिया उसने कहा हमको जरूरत नहीं है आपको आना हो आइये झक मारके ! और ये बिलकलिंटन जो अक्सर कहता था चीन बहुत अत्याचारी देश है ! वहाँ लोकतन्त्र नहीं है ! ऐसा है वैसा है ! हेनान चौंक पर एक बार कुछ हत्याकांड हुआ कुछ युवको को मर दिया गया था तब से अमेरिका ने चीन को black list किया हुआ था !चीन ने उसी हेनान मन चौंक पर लाकर खड़ा कर दिया बिल कलिंटन को और कहा झुक के सलाम करो ! और बिलकलिंटन को सलाम ठोकना पड़ा वहाँ !
और ऐसे जो जो चीनी सरकार कहती गई बिलकलिंटन करता गया करता गया की शायद मेरी भी एक बात ये लोग मन लेंगे और चीन से डालर आना शुरू हो जाएगा ! और अंत मे चीन ने कहा की हवाई जहाज मे बैठिए और चले जाइये यहाँ से ! और इतने अपमान जनक तकरीके से बिल कलिंटन अमेरिका पहुंचा ! उसकी अपनी पार्टी के लोगो ने उसकी आलोचना की किया लेकर आए चीन से ??
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तो राजीव भाई का मानना था की अगर अमेरिका की बाजू मचोड़ना हमने शुरू किया तो ये हमारे आगे भी सैरंडर कर देता ! लेकिन अगर इसकी गीदड़भकी मे आकर हमने सैरंडर किया तो ये हमको खा जाएगा ! उसके लिए रास्ता है की अगर चीन से डालर अमेरिका नहीं जाएगा तो भारत से भी डालर अमेरिका नहीं जाएगा ! भारत सरकार को भी ये कानून बनाना चाहिए ! और ऐसा नहीं राजीव भाई ने खुद कुछ नहीं किया ! अमेरिका ने जैसे ही भारत पर आर्थिक पाबंदी लगाई थी उसके तुरंत बाद ही राजीव भाई ने पूरा ड्राफ्ट बनाकर अटल बिहारी वाजपायी की सरकार को भेजा थी की किस किस तरह हम अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनियाँ कोका कोला ,पेप्सी ,IBM ,colgate ,P & G , जॉन्सन एंड जॉन्सन आदि कंपनियाँ और इसके साथ साथ अमरीकी बैंक citi bank ,स्टंडेर्ड चर्टेड ! आदि को भगाये तो हमारा तो कुछ ज्यादा नुकसान नहीं होगा वहाँ से केवल 200 करोड़ डालर आना बंद होगा जबकि हमारा हजारो- हजारो करोड़ रुपया वहाँ जाना रुक जाएगा और अमेरिका दो मिनट मे सीधा हो जाएगा !! लेकिन अटल सरकार ने कुछ नहीं किया !!
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राजीव भाई का कहना था की मुझे सबसे बड़ा अफसोस इस बात का है की इस सरकार मे तीन ऐसे बड़े मंत्री है जिन्होने एक समय मे कोका कोला ,को भगाया था IBM को भगाया था 1977 मे ! 1977 मे मुरार जी भाई प्रधान मंत्री बने थे !
और उस सरकार मे श्री अटल बिहारी वाजपायी विदेश मंत्री बने थे ,
और उसी सरकार मे जार्ज फिराण्डिस उद्योग मंत्री बने थे
और लाल कृष्ण आडवाणी सूचना एंव प्रसारण मंत्री बने थे !
और उस सरकार ने मात्र 24 घंटे के अंदर कोका कोला को नोटिस दिया था की या तो आप 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ दो वरना आपकी सारी संपति जपत कर ली जाएगी ! और 24 घंटे के अंदर कोका कोला भागा उसके पीछे पीछे IBM कंपनी भागी ऐसी ही और कंपनियाँ भागने वाले थी पर दुर्भागय से सरकार गिर गई ! तो राजीव भाई ने कहा की मुझे उम्मीद थी की जिन लोगो ने 1977 मे कोका कोला को भगाया जब वे दुबारा मंत्री बनेगे तो फिर यही कार्य करेंगे ! लेकिन सरकार आई और चली गई ना तो कोका कोला भागी ना ही अन्य और कंपनियाँ !!
सबसे ज्यादा जो तकलीफ की बात थी वो ये की जो अटल बिहारी वाजपेयी 1977 ने विदेश मंत्री थे वो 1999 मे प्रधानमंत्री बने !
जो लाल कृष्ण आडवाणी पहले सूचना और प्रसारण मंत्री थे 1999 मे ग्रह मंत्री बने !
जो जॉर्ज फराडिंस 1977 मे उद्योग मंत्री थे 1999 मे रक्षा मंत्री बने !
अर्थात तीनों मंत्रियो का ही परमोशन हुआ था ! और तीनों की ही ताकत पहले से ज्यादा है ! प्रधानमंत्री, ग्रह मंत्री,रक्षा मंत्री ये तीनों ही मंत्रालय 1 ,2 ,3 नंबर के होते है ! तो 1 ,2 ,3 नमबर पर तीनों वो लोग थे जिन्होने एक जमाने मे कोकाकोला को भगाया ! लेकिन बाद मे उनके जमाने मे ही कोका कोला गाँव गाँव बिका ! सबसे ज्यादा अफसोस की बात ये है !
और इससे यही नतीजा निकलता है की सत्ता के अंदर जाकर चरित्र हीनता कैसे पनपती है उसका ये एक सबसे बड़ा उदाहरण है ! सत्ता के अंदर जाकर सिद्धांतों के कैसे फेंक दिया जाता है सत्ता के अंदर जाकर सिद्धांतों को कैसे बलि चढ़ा दिया जाता है उसका ये सबसे नंगा उदाहरण है इस देश मे !
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और अंत सिर्फ एक उम्मीद ही की जा सकती है की अगर 2014 मे मोदी प्रधानमंत्री बनते है ! तो ऐसा दोहरा चरित्र नहीं दिखाएंगे ! सत्ता मे आने के बाद भी उन बातों का विरोध करेंगे जिनका विरोध आज कर रहे है !! खैर है तो ये के सिर्फ आशा ही ! भरोसा नहीं किया जा सकता ! क्योंकि सरकारें बिक सकती है ,नेता बिक सकते हैं ,सत्ता और कुर्सी के लालच मे आकार वो गंदे से गंदा समझोता कर सकते है ! दिल्ली चुनाव के बाद ये बात बिलकुल clear हो गई है !
पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
यहाँ जरूर click करे !
http://www.youtube.com/watch?v=KDmueKcsKj4
जब की अमेरिका ने 1047 परमाणु परीक्षण किए है !
तो हमने अगर 5 परमाणु परीक्षण करे और अमेरिका ने हम पर आर्थिक पाबंदी लगाई तो भारत को भी उस पर आर्थिक पाबंदी क्यों नहीं लगनी चाहिए थी ?? क्योंकि अमेरिका ने तो 1047 परमाणु परीक्षण किए है ! और उसने केवल परीक्षण ही नहीं किये बल्कि अणु बंब भी बनाये है और कितने अणु बंब बनाये है 20000(बीस हजार ) !
और इस लियी भी अमेरिका पर आर्थिक पाबंदी होनी चाहिए की उसने केवल अणु बंब बनाये ही नहीं बल्कि दूसरे देशो पर अणु बंब गिराये भी हैं 6 अगस्त 1945 हीरोशिमा पर गिराया और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर गिराया लाखो -लाखो जापानी मारे गए ! बंब गिराने का सिलसिला यहाँ खत्म नहीं हुआ ! 1960 मे अमेरिका ने वियतनाम पर बंब गिराये ! लाखो वियतनामी मर गए फिर 1970 मे कोरिया के ऊपर बंब गिराये कितने ही लोग वहाँ मर गए ! 1980 मे ईरान -ईरक के ऊपर बंब गिराये ! और फिर 1990 मे केवल ईराक पर बम गिराये और 80 लाख ईराकी उसमे मारे गए ! फिर एक दिन अफगानिस्तान पर बम गिराये ! एक दिन सुडान पर बम गिराये और किसी दिन भारत पर भी गिरा देगा! कोई भरोसा नहीं है इसका !!
इसलिए अगर अमेरिका ने भारत पर आर्थिक पाबंदी लगाई तो भारत को भी अमेरिका पर आर्थिक पाबंदी लगानी चाहिए थी ! इससे अमेरिका दो मिनट मे सीधा हो जाता ! क्योंकि अमेरिका मे सिर्फ एक ही चीज है जिसकी सबसे ज्यादा पुजा होती है वो है डालर ! जिस दिन अमेरिका को भारत के कारण डालर का नुकसान होना शुरू हो गया उसी दिन अमरीकी सरकार दो मिनट मे सैरन्डर कर देगी !!
अमेरिका सिर्फ कागजी शेर है कोई खास दम नहीं है इसमे ! चीन वाले अकसर अमेरिका से सैरंडर करवा लेते है सिर्फ एक डालर की धमकी पर ! चीन की सरकार क्या करती है की जो चीन से डालर अमेरिका जाता है उस पर पाबंदी लगा देती है दो मिनट मे अमेरिका का राष्ट्रपति सीधा हो जाता है और दौर कर जाता है चीन मे समझोता करने के लिए ! कुछ वर्ष पहले बिलकलिंटन गया था चीन पूरे 1000 लोगो को लेकर जैसे दूल्हे की बारात जाती है !
आप पूछेंगे क्या करने गया था ? दरअसल हुआ ये था की चीन की सरकार ने एक कानून बना दिया था वो कानून ये था की कोई भी अमरीकी कंपनी चीन आएगी पूंजी निवेश करेगी वहाँ तक तो ठीक है लेकिन अमेरिका की कंपनी चीन से पूंजी ले जाएगी उस पर पाबंदी है ! तो वो कहते है ले आओ पैसा लगा दो हमारे देश मे पर वापिस ले जाने पर पाबंदी ! और दूसरा कानून ये बना दिया मान लो अमेरिका की किसी कंपनी ने चीन मे 1 अरब डालर का मुनाफा कमाया और उसे चीन से अमेरिका ले जाने की कोशिश करेगी तो उसके लिए कानून ये है की पहले आप चीन का 1 अरब डालर का माल अमेरिका ले जाइए उसे वहाँ बेचकर आइये फिर एक अरब डालर चीन से अमेरिका ले जाइये !
और जिस दिन चीन ने कानून बनाया अमेरिका की पैंट डीली हो गई ! रोज समझोता करने बिलकलिंटन वहाँ पहुँच जाता था ! पहले अमेरिका ने कोशिश की चीन के राष्ट्रपति को अपने देश मे बुला लें ! लेकिन उसने साफ मना कर दिया उसने कहा हमको जरूरत नहीं है आपको आना हो आइये झक मारके ! और ये बिलकलिंटन जो अक्सर कहता था चीन बहुत अत्याचारी देश है ! वहाँ लोकतन्त्र नहीं है ! ऐसा है वैसा है ! हेनान चौंक पर एक बार कुछ हत्याकांड हुआ कुछ युवको को मर दिया गया था तब से अमेरिका ने चीन को black list किया हुआ था !चीन ने उसी हेनान मन चौंक पर लाकर खड़ा कर दिया बिल कलिंटन को और कहा झुक के सलाम करो ! और बिलकलिंटन को सलाम ठोकना पड़ा वहाँ !
और ऐसे जो जो चीनी सरकार कहती गई बिलकलिंटन करता गया करता गया की शायद मेरी भी एक बात ये लोग मन लेंगे और चीन से डालर आना शुरू हो जाएगा ! और अंत मे चीन ने कहा की हवाई जहाज मे बैठिए और चले जाइये यहाँ से ! और इतने अपमान जनक तकरीके से बिल कलिंटन अमेरिका पहुंचा ! उसकी अपनी पार्टी के लोगो ने उसकी आलोचना की किया लेकर आए चीन से ??
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तो राजीव भाई का मानना था की अगर अमेरिका की बाजू मचोड़ना हमने शुरू किया तो ये हमारे आगे भी सैरंडर कर देता ! लेकिन अगर इसकी गीदड़भकी मे आकर हमने सैरंडर किया तो ये हमको खा जाएगा ! उसके लिए रास्ता है की अगर चीन से डालर अमेरिका नहीं जाएगा तो भारत से भी डालर अमेरिका नहीं जाएगा ! भारत सरकार को भी ये कानून बनाना चाहिए ! और ऐसा नहीं राजीव भाई ने खुद कुछ नहीं किया ! अमेरिका ने जैसे ही भारत पर आर्थिक पाबंदी लगाई थी उसके तुरंत बाद ही राजीव भाई ने पूरा ड्राफ्ट बनाकर अटल बिहारी वाजपायी की सरकार को भेजा थी की किस किस तरह हम अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनियाँ कोका कोला ,पेप्सी ,IBM ,colgate ,P & G , जॉन्सन एंड जॉन्सन आदि कंपनियाँ और इसके साथ साथ अमरीकी बैंक citi bank ,स्टंडेर्ड चर्टेड ! आदि को भगाये तो हमारा तो कुछ ज्यादा नुकसान नहीं होगा वहाँ से केवल 200 करोड़ डालर आना बंद होगा जबकि हमारा हजारो- हजारो करोड़ रुपया वहाँ जाना रुक जाएगा और अमेरिका दो मिनट मे सीधा हो जाएगा !! लेकिन अटल सरकार ने कुछ नहीं किया !!
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राजीव भाई का कहना था की मुझे सबसे बड़ा अफसोस इस बात का है की इस सरकार मे तीन ऐसे बड़े मंत्री है जिन्होने एक समय मे कोका कोला ,को भगाया था IBM को भगाया था 1977 मे ! 1977 मे मुरार जी भाई प्रधान मंत्री बने थे !
और उस सरकार मे श्री अटल बिहारी वाजपायी विदेश मंत्री बने थे ,
और उसी सरकार मे जार्ज फिराण्डिस उद्योग मंत्री बने थे
और लाल कृष्ण आडवाणी सूचना एंव प्रसारण मंत्री बने थे !
और उस सरकार ने मात्र 24 घंटे के अंदर कोका कोला को नोटिस दिया था की या तो आप 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ दो वरना आपकी सारी संपति जपत कर ली जाएगी ! और 24 घंटे के अंदर कोका कोला भागा उसके पीछे पीछे IBM कंपनी भागी ऐसी ही और कंपनियाँ भागने वाले थी पर दुर्भागय से सरकार गिर गई ! तो राजीव भाई ने कहा की मुझे उम्मीद थी की जिन लोगो ने 1977 मे कोका कोला को भगाया जब वे दुबारा मंत्री बनेगे तो फिर यही कार्य करेंगे ! लेकिन सरकार आई और चली गई ना तो कोका कोला भागी ना ही अन्य और कंपनियाँ !!
सबसे ज्यादा जो तकलीफ की बात थी वो ये की जो अटल बिहारी वाजपेयी 1977 ने विदेश मंत्री थे वो 1999 मे प्रधानमंत्री बने !
जो लाल कृष्ण आडवाणी पहले सूचना और प्रसारण मंत्री थे 1999 मे ग्रह मंत्री बने !
जो जॉर्ज फराडिंस 1977 मे उद्योग मंत्री थे 1999 मे रक्षा मंत्री बने !
अर्थात तीनों मंत्रियो का ही परमोशन हुआ था ! और तीनों की ही ताकत पहले से ज्यादा है ! प्रधानमंत्री, ग्रह मंत्री,रक्षा मंत्री ये तीनों ही मंत्रालय 1 ,2 ,3 नंबर के होते है ! तो 1 ,2 ,3 नमबर पर तीनों वो लोग थे जिन्होने एक जमाने मे कोकाकोला को भगाया ! लेकिन बाद मे उनके जमाने मे ही कोका कोला गाँव गाँव बिका ! सबसे ज्यादा अफसोस की बात ये है !
और इससे यही नतीजा निकलता है की सत्ता के अंदर जाकर चरित्र हीनता कैसे पनपती है उसका ये एक सबसे बड़ा उदाहरण है ! सत्ता के अंदर जाकर सिद्धांतों के कैसे फेंक दिया जाता है सत्ता के अंदर जाकर सिद्धांतों को कैसे बलि चढ़ा दिया जाता है उसका ये सबसे नंगा उदाहरण है इस देश मे !
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और अंत सिर्फ एक उम्मीद ही की जा सकती है की अगर 2014 मे मोदी प्रधानमंत्री बनते है ! तो ऐसा दोहरा चरित्र नहीं दिखाएंगे ! सत्ता मे आने के बाद भी उन बातों का विरोध करेंगे जिनका विरोध आज कर रहे है !! खैर है तो ये के सिर्फ आशा ही ! भरोसा नहीं किया जा सकता ! क्योंकि सरकारें बिक सकती है ,नेता बिक सकते हैं ,सत्ता और कुर्सी के लालच मे आकार वो गंदे से गंदा समझोता कर सकते है ! दिल्ली चुनाव के बाद ये बात बिलकुल clear हो गई है !
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