ध्यान से सुनो अमेरिकी एजेंट मनमोहन कि कहानी !!!!
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ऐसे ऐसे समझोते किये globalization के नाम पर कि आप चोंक जाये गये !
एक समझोते के कहानी सुने बाकि विडियो में है !
एक देश उसका नाम है होललैंड वहां के सुअरों का गोबर (टट्टी) वो भी 1 करोड़ टन भारत लाया जायेगा ! और डंप किया जायेगा !
जब मनमोहन सिंह को पूछ गया के यह समझोता क्यूँ किया ????
तब मनमोहन सिंह ने कहा होललैंड के सुअरों का गोबर (टट्टी) quality में बहुत बढ़िया है !
फिर पूछा गया कि बताये quality में कैसे बढ़िया है ???
तो मनमोहन सिंह ने कहा कि होललैंड के सूअर सोयाबीन खाते है इस लिए बढ़िया है !!
जैसे भारत में हम लोग गाय को पालते है ऐसे ही हालेंड के लोग सूअर पालते
है वहां बड़े बड़े रेंच होते है सुअरों कि लिए !!!
फिर पूछा ये सोयाबीन जाता कहाँ से है ???
तो पता चला भारत से जाता है !! मध्यपरदेश से जाता है !!!
पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कहते अगर किसी खेत में 10 साल सोयाबीन उगाओ तो 11 वे साल आप वहां कुछ नहीं उगा सकते
अब दिखिए इस मनमोहन सिंह ने क्या किया !???
होललैंड के सुअरों को सोयाबीन खिलाने के लिए पहले मध्यप्रदेश में सोयाबीन कि खेती करवा सैंकड़ो एकड़ जमीन बंजर कर दी !
और अब होललैंड के सूअर सोयाबीन खाकर जो गोबर (टट्टी) करेगे वो भारत में लाई जाएगी !
वो भी एक करोड़ टन सुअरों का गोबर(टट्टी )
और ये समझोता एक ऐसा आदमी करता है जिसको इस देश में best finance minster का आवार्ड दिया जाता है !!
और लोग उसे बहुत भारी अर्थशास्त्री मानते है !!
शायद मनमोहन सिंह के दिमाग में भी यही गोबर भरा है !!
एक कमेटी ऐसी नहीं है भारत में जो इस बात कि जांच करती ho क्या समझोता हुआ है और उसके क्या परिणाम होने वाला है !! एक कमेटी ऐसी नहीं है!
और सुनो दोस्तो इस मनमोहन सिहं नो गौ माता का मांस निर्यात करने वाले देशो मे भारत को 3 नमबर का देश बना दिया है ।
कितनी शर्म की बात है रोज हमारे देश कत्लखानो मे 50 हजार गाय काट दी जाती है ।
गौ माता को काट कर निर्यात किया जा रहा है और सुअर का गौबर भारत मे लाने के समझोते किये जा राहे है ।
और एक खास बात दोस्तो ।
आपके घर मे अगर दादा -दादी हो तो उनसे पुछे ।
क्या उन्होने अपने बचपन मे कभी सोयाबीन खाया या अपने घर में बनाया ? ? 100% उनका जवाब होगा नही ।
कारण क्या ? ?
कारण यही है भारत सोयबीन की खेती 25,30 साल पहले शुरु की और इसका बीज विदेशो से मंगवाया गया । क्यों बाहर के देशो को सोयाबीन अपने देश में पैदा कर अपनी जमीन को खराब नही करना था । इसलिये उन्होने भारत सरकार समझोता किया । और एज़ेंट मनमोहन सिहं ने इसकी खेती भारत मे करवानी शुरु ।
ताकि अपनी जमीन खराब कर उनके सुअरो के लिये सोयाबीन भेजा जाये और उनको खाकर उनके सुअर जो गोबर (ट्टी) करे उसके भारत लाया जाये ।
और हम मूर्ख लोग बिना कुछ जाने समझे इधर उधर की बाते सुनकर इसको बहुत भारी अर्थशास्त्री कहें ।
सोयबीन में जो फ़ैट है वो इतना भारी और खतरनाक है एक बार शरीर के अंदर जाये अंदर ही जमा हो जाता है । और बीमारिया पैदा करता है । सिर्फ़ इसकी खेती भारत में शुरु करवाने के लिये झुठा प्रचार किया गया । कि सोयाबीन में य़े है वो है और पता नही क्या क्या है ।
सोयबीन का तेल कितना खतरनाक है जानने के लिये यहां click करे ।
http://www.youtube.com/watch?v=sQPOAjKpLdM&feature=plcp
http://www.youtube.com/watch?v=lZOHx8hRJM4
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ऐसे ऐसे समझोते किये globalization के नाम पर कि आप चोंक जाये गये !
एक समझोते के कहानी सुने बाकि विडियो में है !
एक देश उसका नाम है होललैंड वहां के सुअरों का गोबर (टट्टी) वो भी 1 करोड़ टन भारत लाया जायेगा ! और डंप किया जायेगा !
जब मनमोहन सिंह को पूछ गया के यह समझोता क्यूँ किया ????
तब मनमोहन सिंह ने कहा होललैंड के सुअरों का गोबर (टट्टी) quality में बहुत बढ़िया है !
फिर पूछा गया कि बताये quality में कैसे बढ़िया है ???
तो मनमोहन सिंह ने कहा कि होललैंड के सूअर सोयाबीन खाते है इस लिए बढ़िया है !!
जैसे भारत में हम लोग गाय को पालते है ऐसे ही हालेंड के लोग सूअर पालते
है वहां बड़े बड़े रेंच होते है सुअरों कि लिए !!!
फिर पूछा ये सोयाबीन जाता कहाँ से है ???
तो पता चला भारत से जाता है !! मध्यपरदेश से जाता है !!!
पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कहते अगर किसी खेत में 10 साल सोयाबीन उगाओ तो 11 वे साल आप वहां कुछ नहीं उगा सकते
अब दिखिए इस मनमोहन सिंह ने क्या किया !???
होललैंड के सुअरों को सोयाबीन खिलाने के लिए पहले मध्यप्रदेश में सोयाबीन कि खेती करवा सैंकड़ो एकड़ जमीन बंजर कर दी !
और अब होललैंड के सूअर सोयाबीन खाकर जो गोबर (टट्टी) करेगे वो भारत में लाई जाएगी !
वो भी एक करोड़ टन सुअरों का गोबर(टट्टी )
और ये समझोता एक ऐसा आदमी करता है जिसको इस देश में best finance minster का आवार्ड दिया जाता है !!
और लोग उसे बहुत भारी अर्थशास्त्री मानते है !!
शायद मनमोहन सिंह के दिमाग में भी यही गोबर भरा है !!
एक कमेटी ऐसी नहीं है भारत में जो इस बात कि जांच करती ho क्या समझोता हुआ है और उसके क्या परिणाम होने वाला है !! एक कमेटी ऐसी नहीं है!
और सुनो दोस्तो इस मनमोहन सिहं नो गौ माता का मांस निर्यात करने वाले देशो मे भारत को 3 नमबर का देश बना दिया है ।
कितनी शर्म की बात है रोज हमारे देश कत्लखानो मे 50 हजार गाय काट दी जाती है ।
गौ माता को काट कर निर्यात किया जा रहा है और सुअर का गौबर भारत मे लाने के समझोते किये जा राहे है ।
और एक खास बात दोस्तो ।
आपके घर मे अगर दादा -दादी हो तो उनसे पुछे ।
क्या उन्होने अपने बचपन मे कभी सोयाबीन खाया या अपने घर में बनाया ? ? 100% उनका जवाब होगा नही ।
कारण क्या ? ?
कारण यही है भारत सोयबीन की खेती 25,30 साल पहले शुरु की और इसका बीज विदेशो से मंगवाया गया । क्यों बाहर के देशो को सोयाबीन अपने देश में पैदा कर अपनी जमीन को खराब नही करना था । इसलिये उन्होने भारत सरकार समझोता किया । और एज़ेंट मनमोहन सिहं ने इसकी खेती भारत मे करवानी शुरु ।
ताकि अपनी जमीन खराब कर उनके सुअरो के लिये सोयाबीन भेजा जाये और उनको खाकर उनके सुअर जो गोबर (ट्टी) करे उसके भारत लाया जाये ।
और हम मूर्ख लोग बिना कुछ जाने समझे इधर उधर की बाते सुनकर इसको बहुत भारी अर्थशास्त्री कहें ।
सोयबीन में जो फ़ैट है वो इतना भारी और खतरनाक है एक बार शरीर के अंदर जाये अंदर ही जमा हो जाता है । और बीमारिया पैदा करता है । सिर्फ़ इसकी खेती भारत में शुरु करवाने के लिये झुठा प्रचार किया गया । कि सोयाबीन में य़े है वो है और पता नही क्या क्या है ।
सोयबीन का तेल कितना खतरनाक है जानने के लिये यहां click करे ।
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