हमारे हिंदुस्तान मे ऐसा कयो नहीं ?
१. मलेशिया भले ही मुस्लिम राष्ट्र हैं, लेकिन वहाँ के मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आज भी "उरुसान सेरी पादुका धुली बगींदा" कहकर शपथ लेते हैं. अर्थात "भरत की तरह राम जी की पादुका की धुली की शपथ लेकर ही वे शासन करते हैं."
२. मलेशिया के सुल्तान को "राजा परमेश्वर" उनकी बेगम को "परमेश्वरी" और उनके दुसरेपुत्र को "लक्ष्मण" कहा जाता हैं.
३. यह केवल मलेशिया की ही नहीं विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम राष्ट्रइंडोनेशिया की भी हैं. वहाँ के नामो पर गौर करिये....
राष्ट्रपति "मेघवती सुकर्णो पुत्री"
प्रधानमंत्री "महातीर" सांसद "कार्तिकेय"
उपराष्ट्रपति रहे "वीर हरी".
वहाँ के एयरलाइनस का नाम "गरुड़" हैं.
४. एक बार इंडोनेशिया की व्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गयी. वहाँ के राष्ट्रिय आर्थिक
चिंतको ने बहुत विचार मंथन कर बीस हजार का एक नया नोट जारी किया, जिस पर विघ्नहर्ता "गणेश जी" का चित्र छापा गया. अब वहाँ की अर्थवयवस्था मजबूत हैं.
४. वहाँ की पार्लियामेंट दजाकार्ता के सामने कृष्ण-अर्जुन संवाद वाली गीता उपदेश
की विशाल प्रतिमा लगाई गयी हैं.
हमारे हिंदुस्तान मे ऐसा कयो नहीं ?
१. मलेशिया भले ही मुस्लिम राष्ट्र हैं, लेकिन वहाँ के मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आज भी "उरुसान सेरी पादुका धुली बगींदा" कहकर शपथ लेते हैं. अर्थात "भरत की तरह राम जी की पादुका की धुली की शपथ लेकर ही वे शासन करते हैं."
२. मलेशिया के सुल्तान को "राजा परमेश्वर" उनकी बेगम को "परमेश्वरी" और उनके दुसरेपुत्र को "लक्ष्मण" कहा जाता हैं.
३. यह केवल मलेशिया की ही नहीं विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम राष्ट्रइंडोनेशिया की भी हैं. वहाँ के नामो पर गौर करिये....
राष्ट्रपति "मेघवती सुकर्णो पुत्री"
प्रधानमंत्री "महातीर" सांसद "कार्तिकेय"
उपराष्ट्रपति रहे "वीर हरी".
वहाँ के एयरलाइनस का नाम "गरुड़" हैं.
४. एक बार इंडोनेशिया की व्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गयी. वहाँ के राष्ट्रिय आर्थिक
चिंतको ने बहुत विचार मंथन कर बीस हजार का एक नया नोट जारी किया, जिस पर विघ्नहर्ता "गणेश जी" का चित्र छापा गया. अब वहाँ की अर्थवयवस्था मजबूत हैं.
४. वहाँ की पार्लियामेंट दजाकार्ता के सामने कृष्ण-अर्जुन संवाद वाली गीता उपदेश
की विशाल प्रतिमा लगाई गयी हैं.
हमारे हिंदुस्तान मे ऐसा कयो नहीं ?
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