वरिष्ठजनों [ बुजर्गों ] के चरण [पैर ] क्यों दबाने चाहिए ?
वृद्धावस्था में शरीर में वायु तत्व प्रधान हो जाता है | हमारे शरीर में वायु का स्थान घुटने से नीचे पैरों तक होता है अतः टाँग व पैर दबाने तथा तेल मलने से कुपित वायु निकल जाती है तथा वायु जन्य रोगों में आराम मिलता है | अतः वरिष्ठजनों सेवा करना सभी का परम कर्तव्य है |
ज्यादा दौड़ने -भागने के कारण भी शरीर में वायु बढ़ जाती है तब वज्रासन में बैठने से तथा पैरों को दबाने से व तेल मालिश से बहुत लाभ होता है | कई बार मौसम बदलने से भी शरीर में वायु का प्रकोप बढ़ जाता है तब कई बार शरीर में सूजन महसूस होती है या अचानक वजन बढ़ जाता है या अन्य वात-जन्य व्याधियाँ घेर लेती हैं तब पैरों को दबाने से तथा गुनगुने तेल की मालिश करने से लाभ होता है | मालिश के लिए कोई भी अनुकूल तेल प्रयोग किया जा सकता है |
वृद्धावस्था में शरीर में वायु तत्व प्रधान हो जाता है | हमारे शरीर में वायु का स्थान घुटने से नीचे पैरों तक होता है अतः टाँग व पैर दबाने तथा तेल मलने से कुपित वायु निकल जाती है तथा वायु जन्य रोगों में आराम मिलता है | अतः वरिष्ठजनों सेवा करना सभी का परम कर्तव्य है |
ज्यादा दौड़ने -भागने के कारण भी शरीर में वायु बढ़ जाती है तब वज्रासन में बैठने से तथा पैरों को दबाने से व तेल मालिश से बहुत लाभ होता है | कई बार मौसम बदलने से भी शरीर में वायु का प्रकोप बढ़ जाता है तब कई बार शरीर में सूजन महसूस होती है या अचानक वजन बढ़ जाता है या अन्य वात-जन्य व्याधियाँ घेर लेती हैं तब पैरों को दबाने से तथा गुनगुने तेल की मालिश करने से लाभ होता है | मालिश के लिए कोई भी अनुकूल तेल प्रयोग किया जा सकता है |
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