इस बिहारी ने बिहार का मतलब बदल दिया
हिंदुस्तान में बड़े बड़े कद की तो बहुत सी हस्तियाँ है ...लेकिन दिल किसी का भी अनिल अग्रवाल से बड़ा नही है.
दुनिया में मेटल किंग के नाम से मशहूर वेदांता ग्रुप के मालिक अनिल अग्रवाल ने जीवन की सारी कमाई का 75 प्रतिशत धन देश के गरीबों को दान करने का एलान किया है. लन्दन मे बसे अग्रवाल
का ये दान भारतीय करेंसी के अनुसार 21000 करोड़ रूपए है. ये अब तक किसी भी भारतीय के हाथों दान की जाने वाली सबसे बड़ी रकम है.
अनिल अग्रवाल बिहार से हैं और कबाड़ के धंधे से छोटा व्यापार शुरू करके माइंस और मेटल के सबसे बड़े कारोबारी बने. उन्होंने कल लन्दन में अपने परिवार की सहमति के बाद एलान किया कि वो अपनी कमाई की 75 फीसदी रकम यानि 21 हज़ार करोड़ रूपए भारत में निशुल्क शिक्षा के कई बड़े प्रोजेक्ट में दान देना चाहते है. वे भारत में ऑक्सफ़ोर्ड से बड़ी कई यूनिवर्सिटी बनाना चाहते है जो "नो प्रॉफिट नो लॉस" के नियम पर चलेंगी. अग्रवाल ने कहा की वो कई सालों से चैरिटी की दिशा में बढ़ रहे थे और आखिरकार अपने परिवार की सहमति के बाद ये रकम देश को समर्पित करने में सफल हुए.
कलमाड़ीयों, चौटालाओ, राजाओं, लालुओं और ललिताओं के इस दौर में अनिल अग्रवाल को प्रणाम. देश के नेताओं और संपादकों के लिए ये खबर भले ही छोटी हो लेकिन एफबी के मित्रों से गुजारिश है कि इस खबर को देश दुनिया तक पहुंचा दें.
दुनिया में मेटल किंग के नाम से मशहूर वेदांता ग्रुप के मालिक अनिल अग्रवाल ने जीवन की सारी कमाई का 75 प्रतिशत धन देश के गरीबों को दान करने का एलान किया है. लन्दन मे बसे अग्रवाल
का ये दान भारतीय करेंसी के अनुसार 21000 करोड़ रूपए है. ये अब तक किसी भी भारतीय के हाथों दान की जाने वाली सबसे बड़ी रकम है.
अनिल अग्रवाल बिहार से हैं और कबाड़ के धंधे से छोटा व्यापार शुरू करके माइंस और मेटल के सबसे बड़े कारोबारी बने. उन्होंने कल लन्दन में अपने परिवार की सहमति के बाद एलान किया कि वो अपनी कमाई की 75 फीसदी रकम यानि 21 हज़ार करोड़ रूपए भारत में निशुल्क शिक्षा के कई बड़े प्रोजेक्ट में दान देना चाहते है. वे भारत में ऑक्सफ़ोर्ड से बड़ी कई यूनिवर्सिटी बनाना चाहते है जो "नो प्रॉफिट नो लॉस" के नियम पर चलेंगी. अग्रवाल ने कहा की वो कई सालों से चैरिटी की दिशा में बढ़ रहे थे और आखिरकार अपने परिवार की सहमति के बाद ये रकम देश को समर्पित करने में सफल हुए.
कलमाड़ीयों, चौटालाओ, राजाओं, लालुओं और ललिताओं के इस दौर में अनिल अग्रवाल को प्रणाम. देश के नेताओं और संपादकों के लिए ये खबर भले ही छोटी हो लेकिन एफबी के मित्रों से गुजारिश है कि इस खबर को देश दुनिया तक पहुंचा दें.
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