माँ की ममता नस्ल नही देखती ....
अहमदाबाद के बाहरी इलाके में साबरमती नदी पर बने सिंचाई विभाग के बेराज के पास एक मोरनी के कुछ अंडे दिए थे ... लेकिन उस मोरनी को कुत्तो ने मार दिया ... तो बेराज पर काम करने वाले नानूभाई देसाई ने एक मुर्गी को उन अन्डो के पास ले गये ... मुर्गी ने जैसे ही अन्डो को देखा उसके अंदर मौजूद माँ की ममता जाग उठी और वो मुर्गी मृत मोरनी के अन्डो को सेने लगी ...
फिर उन अन्डो में से मोरनी के बच्चे निकले और वो मोरनी के बच्चे मुर्गी को ही अपनी माँ समझते है और वो मुर्गी मोरनी के बच्चों को माँ का प्यार देती है ...
धन्य है माँ की ममता ...
अहमदाबाद के बाहरी इलाके में साबरमती नदी पर बने सिंचाई विभाग के बेराज के पास एक मोरनी के कुछ अंडे दिए थे ... लेकिन उस मोरनी को कुत्तो ने मार दिया ... तो बेराज पर काम करने वाले नानूभाई देसाई ने एक मुर्गी को उन अन्डो के पास ले गये ... मुर्गी ने जैसे ही अन्डो को देखा उसके अंदर मौजूद माँ की ममता जाग उठी और वो मुर्गी मृत मोरनी के अन्डो को सेने लगी ...
फिर उन अन्डो में से मोरनी के बच्चे निकले और वो मोरनी के बच्चे मुर्गी को ही अपनी माँ समझते है और वो मुर्गी मोरनी के बच्चों को माँ का प्यार देती है ...
धन्य है माँ की ममता ...
No comments:
Post a Comment