Monday, 8 September 2014

ससुर को पति और पति को बेटा कबूल करने की मजबूरी?

लखनऊ। यह उस बदनसीब महिला की कहानी है जो इंसाफ के लिए न केवल अपने ससुर के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है बल्कि उसे उन लोगों से भी जंग लड़नी पड़ रही है जो उसे ससुर को पति और पति को बेटा मानने के लिए मजबूर कर रहे हैं।  यूपी के मुजफ्फरनगर में ससुर के हाथों ज्यादती की शिकार हुई 28 वर्षीय मुस्लिम महिला की,जो इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। पीडिता गर्भ में पल रहे सात माह के बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती। बच्चा ससुर से है इसलिए वह गर्भपात करवाना चाहती है,इसके लिए उसने जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा से अनुमति मांगी लेकिन उसकी गुहार पर कोई विचार नहीं किया गया। यही नहीं पीडिता ने रेप के आरोपी ससुर को गिरफ्तार करवाने के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। 
मीडिया में मामला उछला तो नसीहत देने पहुंचे मौलवी

मीडिया में मामला सामने आया तो मौलाना और मौलवी शरीया कानून का हवाला देकर महिला पर पति को बेटा कबूल करने की नसीहत देने के आगे आ गए। जमीयत उलेमा ए हिंद के मौलाना मोहम्मद नजर ने रेप के आरोपी ससुर के खिलाफ तो कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन शरीया कानून का हवाला देते हुए कहा कि महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा उसके पति का भाई है। पति को उसे तलाक देना चाहिए,भले ही उसका पिता उसकी पत्नी को कामुक दृष्टि से देखता हो। 

पीडिता ने कहा,मेरा सबसे बुरा डर सच होने वाला है

पीडिता ने मुजफ्फरनगर में मीडिया से बातचीत में कहा,मेरा सबसे बुरा डर सच होने वाला है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने मेरी अर्जी प्राप्त कर ली है। पुलिस ने अभी तक मेरे ससुर के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया है। दूसरी ओर मेरे पति ने कहा है कि वह मुझे तलाक दे देगा। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शर्मा ने कहा,गर्भपात के मसले पर राय के लिए मैंने पीडिता की अर्जी चीफ मेडिकल ऑफिसर को फॉरवर्ड कर दी है। 

रेप के आरोपी ससुर को सबके सामने मारा जाए

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर का आरोप है कि सरकार और मौलवी महिला विरोधी हैं। पीडिता को परेशान करने की कोशिश की जा रही है। यह बलात्कार का मामला है। ससुर को गिरफ्तार करना चाहिए और सभी के सामने उसको मार डालना चाहिए। ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड को भंग कर देना चाहिए क्योंकि यह महिलाओं को न्याय दिलाने में विफल रहा है। मैंने कुछ मौलवियों को यह कहते हुए सुना है कि पीडिता के पति को बेटे के रूप में ट्रीट किया जाना चाहिए,क्योंकि महिला के ससुर से संबंध थे। वे शरीया को गलत रूप में पेश कर रहे हैं। इस्लामिक कानून के मुताबिक निकाह वह होता है जिसमें काजी के सामने महिला और पुरूष एक दूसरे को बीवी और शौहर के रूप में कबूल करते हैं। लेकिन ये मौलवी यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि किसी भी महिला से बलात्कार कर उसे अपनी बीवी बनाया जा सकता है। यह न केवल बकवास है बल्कि रेपिस्ट का समर्थन करने के चलते यह आपराधिक कार्य है। 

यह है मामला 

पीडिता का पति पिछले दो साल से दुबई में काम कर रहा है। इसका फायदा उठाते हुए ससुर 2013 से बंदूक की नोंक पर उससे बलात्कार करता रहा। ससुर ने बहू पर यौन हमले का वीडियो भी बना लिया। आरोपी ससुर ने बहू को धमकी दी कि अगर अपना मुंह खोला तो वीडियो सार्वजनिक कर देगा। जब पीडिता ने अपने पति को ससुर की करतूत के बारे में बताया तो पति ने साथ देने की बजाय उस पर ही झूठे आरोप लगाने की तोहमत मढ़ दी। यही नहीं ससुर ने अपनी बहू को जान से मारने की धमकी भी दी इसलिए वह इतने दिनों तक चुप रही। थक हारकर महिला ने अपने पीहर वालों को पूरी कहानी बताई। मां-बाप ने अपनी लाड़ली को कानूनी जंग लड़ने के लिए कहा,इसके बाद पीडिता मीडिया के सामने आई।
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लव जेहाद: मोबाइल से खुली पति की पोल 
 लव जेहाद का यह सनसनीखेज मामला संभल के नखासा थाना क्षेत्र के एक गांव का है।
गाजेबाजे से बारात आई और सात फेरे लेकर मुस्लिम युवक ने सात जन्मों तक पत्नी का साथ निभाने की कसमें भी खाईं। इसके बाद वह चार महीने तक ससुराल में घर जमाई बनकर रहता रहा।  पति के मोबाइल पर फीड नंबरों पर फोन करने पर पत्नी को पता लगा कि उसका पति मुस्लिम है तो हंगामा हो गया। युवती की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। 
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि साढ़े तीन साल पहले एटा में साकार विश्व हरि के सत्संग में जाते समय उसकी मुलाकात गजरौला में किराए पर रहने वाले युवक से हुई थी। युवक ने अपना नाम गुड्डू पुत्र हरदयाल निवासी दिल्ली बताया। इसके बाद दोनों में मुलाकातें होने लगीं। नजदीकियां बढ़ीं तो युवती ने युवक की मुलाकात अपने परिजनों से कराई। इसके बाद युवती के परिवार वाले शादी के लिए तैयार हो गए।
11 मई 2014 को गाजेबाजे के साथ गुड्डू बारात लेकर आया। उसमें उसके साथी व रिश्तेदार भी थे। हिंदू रीति रिवाज से शादी हुई। लड़की के घरवालों ने दहेज भी दिया। इसके बाद युवक पत्नी को गजरौला ले गया। लेकिन बाद में युवती, जिद करके पति को अपने मायके ले आई। गुड्डू घर जमाई बनकर रहने लगा।इस दौरान वह हिंदू परंपरा के अनुसार सत्संग जाता और मंदिर में पूजा अर्चना करने लगा।

 युवती का पति से झगड़ा हुआ। तब युवती ने बाइक की चाबी ले ली। युवक ने झगड़े के दौरान कुछ ऐसी बातें कहीं, जिससे पत्नी को संदेह हुआ। उसने पति का मोबाइल देखा और उसमें फीड नंबरों पर फोन किया तो गुड्डू की हकीकत उजागर हुई। पता लगा कि गुड्डू का असली नाम मुख्तियार उर्फ बब्बू निवासी मनौटा थाना असमोली है। तब युवती ने हंगामा कर दिया। थाने पहुंचकर तहरीर भी दी। पुलिस ने तत्काल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
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इस्लाम में कुछ भी हराम नहीं है, सब गैर मुस्लिमो को और हिन्दुओ को धोखा देने की चाल है जिससे अपने को महान साबित किया जा सके...इस्लाम में दुसरे की बहु-बेटियों की इज्जत लेना "हराम" क्यों नहीं बनाया गया...?
१-इस्लाम में तिलक लगाना हराम है (हलाकि यह कही नहीं लिखा है) लेकिन मुस्लिम लडके हिन्दू लड़कियों को धोखा देने के लिए तिलक लगते हैं जिससे लव जेहाद में मदद मिले.
२-कलावा बांधना हराम है लेकिन हिन्दू लड़कियों को फसाने के लिए यह धोखा भी चलेगा,
३-इस्लाम में संगीत हराम है लेकिन जेहाद फैलाने में मशगुल सभी लोग भारत के संगीत जगत में कब्ज़ा किये हुए हैं जहा से हिन्दुओ की बेइज्जती वाली फिल्मे बनती हैं.
४-सुना है इस्लाम में शराब हराम है लेकिन जेहाद में लगे हुए सभी लोग शराब और ड्रग्स का धंधा भी कर रहे हैं और सेवन भी.
इस्लाम में कुछ भी हराम नहीं है बशर्ते की वह चीज हिन्दुओ और गैरमुस्लिमो को धोखा देने में मदद करे.....इस्लाम में दुसरे की बहु-बेटियों की इज्जत लेना "हराम" क्यों नहीं बनाया गया...?
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