भारतीय मुसलमान 'हिन्दू सनातनी सांस्कृतिक विरासत' पर गर्व करने की कला#इंडोनेशिया के मुसलमानों से सीख सकते हैं :-
विश्व के सर्वाधिक #मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया का प्राचीन धार्मिक इतिहास#हिन्दू रहा है, और इस सनातनी सांस्कृतिक विरासत पर इंडोनेशिया के मुसलमानो को आज भी गर्व है । जब इंडोनेशिया में #इस्लाम गया, तो वहाँ के लोगों ने हिन्दू संस्कृति को इस्लाम के साथ ऐसा अच्छे ढंग से मिला लिया कि आज वहाँ का 90 प्रतिशत आदमी मुसलमान होने के बाद भी #रामायण , #महाभारत को अपना सांस्कृतिक ग्रन्थ कहता है ।
आज इन्डोनेशिया का हर मुसलमान खुद को भगवान #राम और #कृष्ण का अपना वंशज मानकर चलता है । संस्कृत-निष्ठ नाम रखता है - सुकर्ण , सुहृद , रत्नावली आदि । मेघवती सुकर्णपुत्री वहाँ की उपराष्ट्रपति रह चुकी है । जब आप JAKARTA जायेंगे , तो एयरपोर्ट के ठीक बाहर #भगवान श्रीकृष्ण का #गीता उपदेश देने वाला पूरा रथ बना हुआ है , जिसे बड़े गौरव के साथ वहाँ देखा जाता है । वहाँ के विश्वविद्यालय के नाम है , अमितजय विश्वविद्यालय , त्रिपति विश्वविद्यालय ।उनका मत परिवर्तन तो हो गया लेकिन उन्होंने अपना सांस्कृतिक परिवर्तन न होने दिया ।
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लेकिन भारत में #गांधी और #नेहरू द्वारा शुरू की गई सांप्रदायिक तुष्टीकरण की नीतियों के कारण देश भी सांम्प्रदायिक आधार पर बट गया और मुस्लिमों मे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद कभी जन्म न ले सका । पर #Muslim तुष्टीकरण मे व्यस्त राजनीतिक पार्टियों ने मुस्लिम समाज मे अपनी विरासत पे गर्व वाली अनुभूति को कभी पनपने ही नहीं दिया । अब खण्डित भारत के धर्मांतरित मुस्लिम समाज को ही भारत की अस्मिता , अपने मूल भारतीय पूर्वजों , भाषा , संस्कृति आदि के बारे में सोचना पडेगा ।
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जब इंडोनेशिया के मुस्लिम नागरिक अपनी सांस्कृति आस्था के अनुसार #शिव की पूजा कर सकते है , अपनी कब्रों पर रामायण की पंक्तियां खुदवा सकते है तथा तुर्की वाले अपने तुर्की भाषा #अल्लाह को 'तारी' के नाम से पुकार सकते है , तो तुम अल्लाह को ईश्वर के नाम से क्यों नहीं पुकार सकते ? तो भारतीय मुसलमान अरबी के स्थान पर #संस्कृत को क्यों नहीं अपना सकते ?
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भारत का मुसलमान तो यहीं का है , जब इन्डोनेशिया के लोग रामायण , महाभारत को मानते हैं , आप क्यों नहीं मान सकते ? जब वे राम , कृष्ण को अपना पूर्वज मानते है तो आप क्यों नहीं मान सकते ? तुम मानोगे, तो इस धरती से जुड़ जाओगे और जो आदमी धरती से जुड़ जायेगा , वह राष्ट्र का अपना बन जायेगा ।
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भारत का मुसलमान अगर यह सोचता है की वह केवल मुसलमान है , इस आधार पर वह किसी दूसरे मुस्लिम देश में स्थान नहीं पा सकता । हाँ आप हज करने #अरब जा सकते हैं, पर आप वहाँ बस नहीं सकते । अकेले सऊदी अरब से 22 हजार बंगलादेशी मुसलमानों को निकाल बाहर किया गया । आखिर मुसलमान थे न । मुसलमान भाई हैं , फिर क्यों निकाला ?
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केवल #मजहब जोड़ता नहीं है , धरती जोड़ती है । इसलिए हमारा कहना है कि भारत का मुसलमान जो इस धरती पर पैदा हुआ है , उसको अपना माने , उसको अपनी माँ कहे । उसको वन्दे मातरम् कहने में तकलीफ क्यों होती है ? गर्व से कहना चाहिए , हाँ , यह हमारी माता है , हम इसके पुत्र है । अपने सारे पूर्वजों को मान लो । यहाँ की संस्कृति कहती है , सत्य एक है इसी को विभिन्न नामों से पुकारते है , उस संस्कृति को स्वीकार कर लो , तो झगड़ा कुछ नहीं रहेगा , आप धरती से जुड़ जाओगे तो यह देश अपना हो जायेगा ।
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लेकिन भारत में #गांधी और #नेहरू द्वारा शुरू की गई सांप्रदायिक तुष्टीकरण की नीतियों के कारण देश भी सांम्प्रदायिक आधार पर बट गया और मुस्लिमों मे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद कभी जन्म न ले सका । पर #Muslim तुष्टीकरण मे व्यस्त राजनीतिक पार्टियों ने मुस्लिम समाज मे अपनी विरासत पे गर्व वाली अनुभूति को कभी पनपने ही नहीं दिया । अब खण्डित भारत के धर्मांतरित मुस्लिम समाज को ही भारत की अस्मिता , अपने मूल भारतीय पूर्वजों , भाषा , संस्कृति आदि के बारे में सोचना पडेगा ।
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जब इंडोनेशिया के मुस्लिम नागरिक अपनी सांस्कृति आस्था के अनुसार #शिव की पूजा कर सकते है , अपनी कब्रों पर रामायण की पंक्तियां खुदवा सकते है तथा तुर्की वाले अपने तुर्की भाषा #अल्लाह को 'तारी' के नाम से पुकार सकते है , तो तुम अल्लाह को ईश्वर के नाम से क्यों नहीं पुकार सकते ? तो भारतीय मुसलमान अरबी के स्थान पर #संस्कृत को क्यों नहीं अपना सकते ?
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भारत का मुसलमान तो यहीं का है , जब इन्डोनेशिया के लोग रामायण , महाभारत को मानते हैं , आप क्यों नहीं मान सकते ? जब वे राम , कृष्ण को अपना पूर्वज मानते है तो आप क्यों नहीं मान सकते ? तुम मानोगे, तो इस धरती से जुड़ जाओगे और जो आदमी धरती से जुड़ जायेगा , वह राष्ट्र का अपना बन जायेगा ।
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भारत का मुसलमान अगर यह सोचता है की वह केवल मुसलमान है , इस आधार पर वह किसी दूसरे मुस्लिम देश में स्थान नहीं पा सकता । हाँ आप हज करने #अरब जा सकते हैं, पर आप वहाँ बस नहीं सकते । अकेले सऊदी अरब से 22 हजार बंगलादेशी मुसलमानों को निकाल बाहर किया गया । आखिर मुसलमान थे न । मुसलमान भाई हैं , फिर क्यों निकाला ?
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केवल #मजहब जोड़ता नहीं है , धरती जोड़ती है । इसलिए हमारा कहना है कि भारत का मुसलमान जो इस धरती पर पैदा हुआ है , उसको अपना माने , उसको अपनी माँ कहे । उसको वन्दे मातरम् कहने में तकलीफ क्यों होती है ? गर्व से कहना चाहिए , हाँ , यह हमारी माता है , हम इसके पुत्र है । अपने सारे पूर्वजों को मान लो । यहाँ की संस्कृति कहती है , सत्य एक है इसी को विभिन्न नामों से पुकारते है , उस संस्कृति को स्वीकार कर लो , तो झगड़ा कुछ नहीं रहेगा , आप धरती से जुड़ जाओगे तो यह देश अपना हो जायेगा ।
1) इन्डोनेशिया सरकार ने अमेरिका को माँ सरस्वती की मूर्ति भेंट की :- लिंकhttps://www.facebook.com/hashtag/thehindu…
2)इन्डोनेशिया की करेंसी मे गणेश जी के चित्र :- http://bit.ly/1Auosvg
3) इंडोनेशिया एयरपोर्ट के बाहर भगवान श्री कृष्ण :- http://bit.ly/19PsuWo
4) इंडोनेशिया यूनिवर्सिटी मे गणेश जी प्रतीक के रूप मे :- http://www.itb.ac.id/
5) L.K. Adwani जी का ब्लॉग इन्डोनेशिया मे सनातनी विरासत :-http://bit.ly/1DIoP7L
फेसबुक पर इडोनेशिया के मुस्लिम जनता के नाम और सरनेम देख चकित रह जाएंगे । मित्रों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये और मुस्लिम समाज को भारतीय संस्कृत और परंपरा से जुडने के लिए उन्हे प्रेरित करें ।
2)इन्डोनेशिया की करेंसी मे गणेश जी के चित्र :- http://bit.ly/1Auosvg
3) इंडोनेशिया एयरपोर्ट के बाहर भगवान श्री कृष्ण :- http://bit.ly/19PsuWo
4) इंडोनेशिया यूनिवर्सिटी मे गणेश जी प्रतीक के रूप मे :- http://www.itb.ac.id/
5) L.K. Adwani जी का ब्लॉग इन्डोनेशिया मे सनातनी विरासत :-http://bit.ly/1DIoP7L
फेसबुक पर इडोनेशिया के मुस्लिम जनता के नाम और सरनेम देख चकित रह जाएंगे । मित्रों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये और मुस्लिम समाज को भारतीय संस्कृत और परंपरा से जुडने के लिए उन्हे प्रेरित करें ।
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