विज्ञान
हल्दी में है डायबिटीज का हल
हल्दी में मौजूद एक रसायन डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है. थाइलैंड में हुए एक रिसर्च से पता चला है कि रोज थोड़ी हल्दी खाने से मधुमेह को खतरनाक होने को रोका जा सकता है.
हल्दी में कुरकूमिन नाम का एक रसायन होता है. रिसर्च से पता चला है कि इस रसायन से सूजन को कम किया जा सकता है और शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सिडेशन से बचाया जा सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इन दोनों परेशानियों से सबसे ज्यादा टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा होता है. रिसर्च टीम के प्रमुख सोमलक चुएंगसमार्न ने कहा, "इसके फायदों और नुकसानरहित होने की वजह से हमारा मानना है कि कुरकूमिन को उन लोगों के इलाज में इस्तेमाल हो जिन्हें डायबिटीज होने का खतरा है."
240 ऐसे थाई नागरिकों को, जिनमें डायबिटीज होने के लक्षण दिखाई दे रहे थे, इस रिसर्च के लिए चुना गया. इनमें से 119 को कुरकूमिन दिया गया और बाकियों को बिना किसी दवा वाली गोलियां दी गईं. कुरकूमिन लेने वाले 119 लोगों में से किसी को भी डायबिटीज नहीं हुआ जबकि सामान्य गोलियां लेने वाले 116 मरीजों में से 19 को डायबिटीज टाइप 2 हो गया था.
शोधकर्ताओं का कहना है कि कुरकूमिन से बीटा कोशिकाओं का प्रदर्शन बेहतर हो गया. यह कोशिकाएं पैन्क्रियास में होती हैं. पैन्क्रियास ग्रंथि से ही इंसुलिन निकलता है जिससे खून में चीनी की मात्रा सामान्य रहती है. टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन की कमी हो जाती है और खून में चीनी की मात्रा बहुत बढ़ जाती है. बीटा कोशिकाओं को नुकसान होने पर पैन्क्रियास में इंसुलिन बनना कम हो जाता है.
हालांकि आलोचकों का कहना है कि इस रिसर्च को लेकर अब भी कई सवाल बचे हैं. आम तौर पर माना जाता है कि खाने की आदतों को बदलने, व्यायाम करने और मोटापा कम करने से डायबिटीज को नियंत्रण में रखा जा सकता है और कुछ मामलों में डाबिटीज को रोका भी जा सकता है.
एमजी/ एनआर (रॉयटर्स)
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