"वैदिक काल में ही हम उड़ाते थे हवाई जहाज"
we were flying airplane in vedic times
1/5/2015 1:50:04 PM
मुंबई। मुंबई में चले रहे विज्ञान कांग्रेस समारोह में वैज्ञानिक कैप्टन आनंद जे बोडास ने कहा कि विमान की खोज हमने वैदिक काल में ही कर ली थी। भारत में 7,000 साल पहले विमान बना लिए गए थे और हम एक देश से दूसरे देश तथा एक ग्रह से दूसरे ग्रह उन विमान के माध्यम से ही जाया करते थे। वैसे प्लेन का खोज साल 1903 में राइट ब्रदर्स ने की थी। कांग्रेस में दिए गए बोडास के बयान पर कई वैज्ञानिक ने ऎतराज भी जताया।
केरल के एक पायलट ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल पद से रिटायर हुए कैप्टन बोडास ने विमानन तकनीकी के अपने व्याख्यान में कहा कि "विमान के शोध के बारे में दो इतिहास हैं जिसमें एक औपचारिक है और दूसरा अनौपचारिक। औपचारिक इतिहास में सिर्फ इतना दर्ज किया गया है कि राइट ब्रदर्स ने 1903 में पहले विमान का अविष्कार किया था और उसे उड़ाया था। उन्होंने अपनी इस बात का आधार भारद्वाज ऋषि के वैमानिकी तकनीक को बताया।
व्याख्यान के बाद नासा से आए वैज्ञानिकों ने उनके इस व्याख्यान में कही गई बात को गलत ठहराते हुए इंडियन साइंस कांग्रेस में वैमानिकी तकनीकी पर होने वाले व्याख्यान को रोकने के लिए एक ऑनलाइन पिटीशन भी शुरू कर दिया है। जिसमें 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों का साथ मिल चुका है। ऑनलाइन पिटीशन के बारे में बोडास ने कहा कि उनको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में जानकारी मिलने पर वे इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करूंगा। बोडास का सर्मथन करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्राचीन भारत का विज्ञान तर्कसंगत है इसलिए इसे सम्मान से देखा जाना चाहिए।
केरल के एक पायलट ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल पद से रिटायर हुए कैप्टन बोडास ने विमानन तकनीकी के अपने व्याख्यान में कहा कि "विमान के शोध के बारे में दो इतिहास हैं जिसमें एक औपचारिक है और दूसरा अनौपचारिक। औपचारिक इतिहास में सिर्फ इतना दर्ज किया गया है कि राइट ब्रदर्स ने 1903 में पहले विमान का अविष्कार किया था और उसे उड़ाया था। उन्होंने अपनी इस बात का आधार भारद्वाज ऋषि के वैमानिकी तकनीक को बताया।
व्याख्यान के बाद नासा से आए वैज्ञानिकों ने उनके इस व्याख्यान में कही गई बात को गलत ठहराते हुए इंडियन साइंस कांग्रेस में वैमानिकी तकनीकी पर होने वाले व्याख्यान को रोकने के लिए एक ऑनलाइन पिटीशन भी शुरू कर दिया है। जिसमें 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों का साथ मिल चुका है। ऑनलाइन पिटीशन के बारे में बोडास ने कहा कि उनको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में जानकारी मिलने पर वे इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करूंगा। बोडास का सर्मथन करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्राचीन भारत का विज्ञान तर्कसंगत है इसलिए इसे सम्मान से देखा जाना चाहिए।
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