देश के मीडिया, साहित्य और शिक्षा पर शुरू से ही वामपंथियो का कब्जा रहा है और अपनी विचारधारा व एजेंडे को देश में बनाए रखने के लिए ये वामपंथी लोग समय समय पर अपनी विचारधारा के व्यक्तियों को महापुरुष बनाकर जनता में प्लांट करते रहे हैं.......
यही वजह हैं कि गांधी को देश का "बापू", नेहरू को देश का "चाचा" और अब टेरेसा को "मदर" की उपाधि देकर देश के पूरे तंत्र पर स्थापित किया है और सालों तक इन फर्जी लोगों का ऐसा जबरदस्त प्रचार किया गया है कि ये सब लोग सामान्य जनता के अवचेतन मानस पटल पर "महान आत्मा" के रूप में स्थापित हो चुके हैं ...............और
नयी पीढ़ी के लिए स्थापित किए गए वामपंथी पिट्ठुओ में ताजा नाम अरविंद केजरीवाल, कैलाश सत्यार्थी जैसे लोगों का है .
अब ये गांधी क्यों देश का पिता है और ईसाई साध्वी टेरेसा क्यों माता है...हमे नहीं पता....
संविधान में कहाँ लिखा है... नहीं पता....
मगर हम अभिशप्त हैं कि इन्हें पिता व माता माने और कहें भी....
बड़े दुख की बात है फर्जी राष्ट्रपिता, फर्जी चाचा,फर्जी मदर को कई पीढ़ियों से चलाया गया है...
लेकिन बोस, भगत सिंह, राजीव दीक्षित, नानाजी देशमुख, बाबा आमटे जैसे सच्चे राष्ट्र भक्तों को किनारे कर दिया गया है...
यही वजह हैं कि गांधी को देश का "बापू", नेहरू को देश का "चाचा" और अब टेरेसा को "मदर" की उपाधि देकर देश के पूरे तंत्र पर स्थापित किया है और सालों तक इन फर्जी लोगों का ऐसा जबरदस्त प्रचार किया गया है कि ये सब लोग सामान्य जनता के अवचेतन मानस पटल पर "महान आत्मा" के रूप में स्थापित हो चुके हैं ...............और
नयी पीढ़ी के लिए स्थापित किए गए वामपंथी पिट्ठुओ में ताजा नाम अरविंद केजरीवाल, कैलाश सत्यार्थी जैसे लोगों का है .
अब ये गांधी क्यों देश का पिता है और ईसाई साध्वी टेरेसा क्यों माता है...हमे नहीं पता....
संविधान में कहाँ लिखा है... नहीं पता....
मगर हम अभिशप्त हैं कि इन्हें पिता व माता माने और कहें भी....
बड़े दुख की बात है फर्जी राष्ट्रपिता, फर्जी चाचा,फर्जी मदर को कई पीढ़ियों से चलाया गया है...
लेकिन बोस, भगत सिंह, राजीव दीक्षित, नानाजी देशमुख, बाबा आमटे जैसे सच्चे राष्ट्र भक्तों को किनारे कर दिया गया है...
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