Saturday, 27 June 2015



तम्बाकू की लत डालने में मुख्य भूमिका अदा करता है।
निकोटिन हृदय पर प्रभाव डालता है जिसके कारण हृदय दर व
ब्लड्प्रेशर बढ़ जाता है और हृदय को अपना कार्य करने में
परेशानी होती है। हृदय का कार्य सारे
शरीर में रक्त पहुँचाना है। निकोटिन के कारण हृदय
की नलिकाओं में सिकुड़न पैदा होती है।
जिसके कारण शरीर के अंगों में रक्त दौरा
ठीक प्रकार से नहीं हो पाता।
2. टार- यह हमारे फेफड़ों के अंदर ऐसी कालिख
की परत पोत देता है जैसे कि चिमनी के धुंए
के कारण चिमनी के उपर काले रंग की परत
चढ़ी होती है। इस कारण से फेफड़ों को
साँस लेने में दिक्कत होती है। तम्बाकू में मौजूद टार के
अंदर काफी संख्या में ऐसे रसायनिक तत्व होते हैं जो
कैंसर का कारण बनते हैं।
3. कार्बन मोनो ऑक्साईड- तम्बाकू के धुएं में इस गैस के कारण
हृदयगति बढ़ जाती है। रक्त में जो
ऑक्सीजन पाई जाती है उसके स्थान पर
यह गैस भर जाती है, जिसकी वजह से
शरीर के विभिन्न अंगों को पूरी
ऑक्सीजन की मात्रा नहीं
मिल पाती।
नाइट्रोजन ऑक्साइड, हाइड्रोजन सायनाइड, आर्सोनिक (व्हाइट
ऑट पाइजन), अमोनिया (फ्लोर क्लीनर), फिनेल (पेंट्स),
नैफथलीन (मॉथ बॉल्स), केडमिथम (कार
बैटरीज), युरेथेन, एसीटोन (पेंट
स्ट्रीपर), कार्बन मानोऑक्साइड (कार एक्जाहॉस्ट),
डीडीटी
(इन्सेक्टीसाइड) व ब्यूटेन (लाइटर फयूल), ये सारे
विषाक्त तत्व धूम्रपान करने वाले और पैसिव स्मोकर (जो धूम्रपान तो
नहीं कर रहा मगर उसके श्वास द्वारा धुंआ अंदर जा
रहा हो) दोनों के ही शरीर के अंदर
धूम्रपान के धुएं के साथ पहुँच जाते हैं।,,,,,,,,,,,,,,,,
कुमार अवधेश सिंह

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