Tuesday, 9 June 2015

मुस्लिम शासक कैसे राज कर पाये भारत में ??
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यह तो सभी जानते है की भारत पर अरब के मुसलमनो ने आक्रमण लिया और उसे गुलाम बनाया , परन्तु भारत को गुलाम बनाना बिना स्थानीय सहायता के संभव हो ही नहीं सकता था ।
अरबी मुसलमनो को भारत में शासन करने और यंहा टिके रहने के लिए स्थानीय मदद यंहा के उच्च वर्ग कहे जाने वाले हिन्दुओ ने की ।
मुस्लिम आक्रमणकारि शासको ने भारत में अपने राज्य को चलाने के लिए गद्दार हिंदुओं को अपनी सेना और प्रशासन में नियुक्त किया और देश पर राज किया ।
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आज भी ऐसे ही गद्दार हिन्दू देश को ग़ुलाम बनाने में लगे है। जिनमे कोंग्रेसी, आपिए, लालू, मुलायम, मायावती इत्यादि का नाम उल्लेखनीय है।
आइए गद्दारी का इतिहास देखें :
1- 711 में मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर आक्रमण किया और राजा दाहिर के राज्य को नष्ट किया , पर कासिम की सहायता करने वाला दाहिर का ब्राह्मण मंत्री सिस्कार था जिसे कासिम ने सिंध का टेक्स कलेक्टर बनाया । बाद मेंउसके इस्लाम अपनाने के बाद सिंध का उच्च मंत्री बनाया ।
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2- महमूद गजनवी ने भारत में आक्रमण किया , भारी क़त्ल और लूटपाट किया । उसकी सेना में भारी तादात में उच्च वर्ग के हिन्दू थे , उसकी सेना में तीन डिवीजन हिन्दू सैनिको की थी जो ब्राह्मण और राजपूतो के आधीन थी जिनके नाम थे सुन्दर, नाथ और तिलक।
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3- कुतुबुद्दीन और इलतुत्तमिश की शासन में ब्राह्मण ज्योतिष सलाहकार था ।
4- रजिया सुल्ताना को जब उसके मंत्रियो ने गद्दी से उतार दिया तो उसने पंजाब के जाटो और खोखरो की सेना तैयार कर दिल्ली पर हमला कर तख्ता पलटना चाहा।
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5- गयासुद्दीन बलबन ने अपने शासन में बड़ी संख्या में राजपूतो और ब्राह्मणो को रेबन्यू कलक्टर और न्यायाधीश नियुक्त किया जो हिन्दुओ के मामले में फैसले लेते थे ।
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6- मुहम्मद तुगलक ने श्रीराज को अपने राज्य का नाजिर नयुक्त किया । श्री मेहता को करनाल का प्रशासक और रतन को सिंध का सूबेदार बनाया।
तुगलक ने नरसिंह देव तथा यार्चिक देव नामक राजपूतो को अपना सलाहकार बनाया । राजशेखरन, भीम, मंत्रीमनक, महेंद्र सूरी, भट्टारक ,सिंहकीर्ति, सोमतिलक सूरी आदि भी मुस्लिम सुल्तानों ली सेवा में रहे ।
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7- तैमूर लंग द्वारा भारत में स्थापित उसके राज्य के विस्तार और काम काज में भी हिन्दुओ ने काफी मदद की । सिकंदर लोधी के समय राज मान सिंह तोमर और उसका बेटा विक्रमादित्य उच्चाधिकारी था । विक्रमादित्य इब्राहिम लोधी का इतना स्वामिभक्त था की पानीपत के प्रथम युद्ध में वह बाबर की सेना द्वारा लड़ते हुए मारा गया था ।
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इसके आलावा कुछ प्रसिद्ध उच्च वर्ण के हिंदू जिन्होंने विदेशी मुसलामन शासको की भारत में मदद की -
1- भगवंत दास- यह अम्बर का राजा था और राजा भारमल का बड़ा पुत्र था ,यह अकबर की ओर से राणा प्रताप से लड़ा था।
2- भारमल- भारमल पुत्र पृथ्वीराज , इसने अपनी पुत्री हरखा का विवाह 1596 में अकबर से साथ करदिया और अम्बर का शासक बना।
3- बीरबल - इसका नाम महेश दास था , आजीवन अकबर के दरबार में मंत्री रहे और अकबर की दीने इलाही कबूल करने वाले पहले व्यक्ति । अकबर की तरफ से लड़ते हुए अफगान युद्ध में मृत्यु।
4- मान सिंह - आजीवन अकबर की सेवा में रहा और और अपनी पुत्री मान बाई का विवाह भी मुस्लिम से किया ।
5- राम सिंह - यह बीकानेर के जागीरदार रामकल्याण का बेटा था । 1572 में अकबर ने राणा प्रताप के विरुद्ध युद्ध करने के लिए जोध पुर सीमा पर तैनात किया। इसने अपनी लड़की की शादी सलीम के साथ कर दी ।
6- टोडरमल - आरम्भ में यह शेरशाह की नौकरी करता था ,बाद में अकबर की सेवा में आ गया और रेवन्यू अधिकारी पद पर कार्य किया तथा हिन्दुओ से लगान एकत्रित कर अकबर को देता था ।
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इसके आलावा सैकड़ो हजारो नाम और मिल जायेंगे जिन्होंने विदेशियो की सहायता और सेवा की और अपने ही देश को गुलाम बनाने में मदद की ।

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