Tuesday, 9 June 2015

जानिये, क्‍यों है इस्रायल भारत के लिए महत्‍वपूर्ण.....
हथियारों की खरीद के लिए इजरायल भारत का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत है। पिछले एक दशक में भारत ने इजरायल से 10 अरब डॉलर से अधिक हथियार खरीदे हैं। स्टैनफोर्ड जर्नल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के मुताबिक, 1962 के भारत-चीन युद्ध में इजरायल ने भारत की सहायता की थी। 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध में भी इजरायल ने भारत की सहायता की थी। इसी के मुताबिक, भारत ने भी 1967 में छह दिवसीय युद्ध में विमानों के पुर्जे भेजकर इजरायल की सहायता की थी। कारगिल युद्ध के दौरान जब गोला-बारूद की कमी पड़ गई थी, तब भी इजरायल ने भारत की सहायता की थी। भारत ने लगभग सभी मानवरहित विमान इजरायल से खरीदे हैं। इजरायल ने रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया मिशन में भी भारत की सहायता करने का वादा दिया है।
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सेंट्रल बोर्ड में उर्दू के शामिल होने पर ओवेसी ने ख़ुशी जताई और कहा की पढाई का कोई मजहब नहीं होता और जैसे ही हरियाणा सरकार ने संस्कृत को कोर्स में शामिल किया ओवेसी जी विरोध पर उतर गए ।।
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अल तकिया मुसलमानो का सबसे घातक हथियार है
इसी ने इनको सबसे ज्यादा जीत दिलाई -
अल तकिया - इनके मजहब का वो नियम है
जो कहता है कि इस्लाम फैलाने के लिये सब कुछ जायज है।
जिहाद में पकड़े जाने पे हम बहादुरी से मौत को गले लगाने में धर्म समझते हैं
लेकिन इनको मजहब कहता है कि पकड़े जाने पर गिड़गिड़ाओ .दया की भीख मांगो , हिन्दुओ को उनके धर्म की दुहाई दो ,झूठ बोलो ,कसम खाओ - किसी भी तरह खुद को छुड़ाओ फिर पूरी तैयारी होने पे फिर जोरदार आक्रमण करो- रात में करो जब वे सो रहे हों- छुप कर करो- बच्चों महिलाओं की आड़ से करो - काफिरों को धोखे से मारो
यानि किसी भी तरह जीत हासिल करो यही जिहाद है।
1200 साल से हिन्दू इस को समझ नही पाया और आगे भी भोले हिन्दू इन चालों में फंसते जा रहे हैं।
इनकी चालें इतनी शातिराना हैं कि हमे तो हारने के बाद भी समझ नही आतीं।
सेक्युलरिस्म का मोटा काला चस्मा वैसे भी कुछ दिखने नही देता।

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