Monday, 15 June 2015

क्यों दुनिया अब शाकाहार अपना रही है.
मांसाहारियों को जो तत्व मांसाहार से मिलते है, शाकाहारी भोजन में भी वे सभी तत्व अधिक मात्रा मौजूद होते हैं। शाकाहारी ोजन अधिक पोषक होते हैं, इसलिए आज दुनिया के अनेक पहलवान और खिलाड़ी शाकाहारी बन चुके हैं.भारत के सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त आदि के इलावा पाकिस्तान के भी अधिकतर पहलवान शाकाहार अपना चुके हैं। शाकाहारी भोजन में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। मांस में मिलने वाले तत्वों के कारण मांसाहार का पाचन जल्द नहीं किया जा सकता, जबकि शाकाहार भोजन का पाचन जल्दी किया जा सकता हैं। आइए जानें शाकाहार भोजन के फायदों के बारे में।
• शाकाहार भोजन के अतिरिक्ति प्रभाव नहीं है। यह जल्दी खाना पचाने में मदद करता है, साथ ही यह मस्तिष्क को सचेत रखते हुए उसे बुद्घिमान बनाता है।
• सब्जियों में बहुत से आवश्यक तत्व जैसे विटामिन, एंटी ऑक्सीडेंट, अमीनो एसिड इत्यादि पाया जाता है जिससे कई घातक बीमारियों से बचा जा सकता हैं।
• शाकाहारी भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसायुक्तट पदार्थ पाएं जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
• शाकाहार भोजन में फाइबर भी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है।
• शाकाहारी भोजन में शरीर की जरूरत के हिसाब से कैलोरीज और विटामिन पाएं जाते है।
• शाकाहारी भोजन में विभिन्न प्रकार के रोगों से भी आपको बचाता है।
• शुद्घ शाकाहार भोजन करने वाले व्यक्तियों को हृदय से संबंधित रोग होने की संभावना कम ही रहती है।
• शाकाहारियों में उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं कम ही देखने को मिलती है।
• शाकाहार का सेवन करने वाले व्यक्तियों में कई प्रकार के कैंसर रोगों जैसे फेफड़ों का कैंसर, आंत का कैंसर इत्यादि की संभावनाएं भी कम होती हैं।
• शोधों में भी ये बात साबित हो चुकी है कि शाकाहार का सेवन करने वाले व्यक्तियों में स्तंन कैंसर का खतरा भी कम होता है।
• गुर्दे की समस्या या इससे होने वाले रोगों में भी शाकाहारी भोजन लाभकारी है।
• शाकाहार लेने वाले व्यक्तियों के जीवनकाल की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
• शाकाहार भोजन करने वाले व्यक्ति कम अवसादग्रस्त रहते हैं और तरोताजा महसूस करते हैं।
तो अब तो पशु पक्षियों की बद दुआएं लेना बंद करें और शाकाहार अपनाएं.
=========================
जानवरों की हड्डियों से युक्त कैल्शियम से भरे हुए बिस्किट और रस खाना बंद करो .
.
मुरादाबाद की बिस्किट और रस की फैक्ट्री से मिली हड्डियों के ढेर ,,
अब भी समय है जाग जाओ हिन्दुओं ये इस्लामिक जिहादी अब आपके खाने को भी दूषित कर रहे हैं ,,
बहिष्कार करो इनके द्वारा बनाये हुए खाध्य पदार्थों का,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
घंटा "
"स्टेटिक डिस्चार्ज यंत्र"
मंदिर में प्रवेश करते समय बड़ा घंटा बंधा होता है। प्रवेश करने वाला
प्रत्येक भक्त पहले घंटानाद करता है और मंदिर में प्रवेश करता
है। क्या वैज्ञानिक कारण है इसके पीछे ?
इसका एक वैज्ञानिक कारण है जब हम बृहद घंटा के
नीचे खडे रहकर सर ऊंचा करके हाथ उंठाकर घंटा
बजाते है तब प्रचंड घंटानाद होता है। यह ध्वनी
330 मिटर प्रती सेकंड इस वेग से अपने उद्गम स्थान
से दुर जाती है ध्वनि की यही
शक्ति कंपन के माध्यम से प्रवास करती है। आप उस
वक्त घंटा के नीचे खडे़ होते हैं।
अतः ध्वनि का नाद आपके सहस्रारचक्र (ब्रम्हरंध्र, सर के
ठीक ऊपर) में प्रवेश कर शरीर मार्ग से
भूमी मे प्रवेश करता है। यह ध्वनि प्रवास करते
समय आपके मन में (मस्तक में ) चलने वाले असंख्य विचार, चिंता,
टेंशन, उदासी, स्ट्रेस, इन नकारात्मक विचारों को अपने
साथ ले जाती हैं और आप निर्विकार अवस्था में
परमेश्वर के सामने जाते हैं।
तब आपके भाव शुद्धता पूर्वक परमेश्वर को समर्पित होते हैं व
घंटा के नाद की तरंगों की अत्यंत
तीव्र के आघात से आस-पास के वातावरण के व हमारे
शरीर के सूक्ष्म कीटाणुओं का नाश होता
है, जिससे वातावरण मे शुद्धता रहती है व हमें
भी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
इसीलिए मंदिर मे प्रवेश करते समय घंटानाद जरुर करें
और थोडा समय घंटे के नीचे खडे रह कर घंटा नाद का
आनंद जरूर लें। आप चिंतामुक्त व शुचिर्भूत बनेगें। मस्तिष्क ईश्वर
की दिव्य ऊर्जा ग्रहण करने हेतू तैयार होगा। ईश्वर
की दिव्य ऊर्जा व मंदिर गर्भ की दिव्य
ऊर्जा शक्ति आपका मस्तिष्क ग्रहण करेगा। आप प्रसन्न होंगे
और शांति मिलेगी



No comments:

Post a Comment