संस्कृत वाक्य अभ्यासः
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तस्य दूरवाण्या: क्रमांकं कुत्र लिखितवान् अहम्
= उसका फोन नम्बर मैंने कहाँ लिख दिया ।
= उसका फोन नम्बर मैंने कहाँ लिख दिया ।
ओह , न मिलति
= ओह , नहीं मिल रहा है ।
= ओह , नहीं मिल रहा है ।
तदानीमेव सरक्षणीयम् आसीत्
= उसी समय save करना चाहिए था
= उसी समय save करना चाहिए था
कुत्र अपि न लिखितवान् अहम्
= कहीं पर भी नहीं लिखा मैंने ।
= कहीं पर भी नहीं लिखा मैंने ।
तस्मै कथं सूचनां ददामि ?
= उसको कैसे सूचना दूँ ?
= उसको कैसे सूचना दूँ ?
हुँ ......ऊँ......
आम् , सः ह्यः सायं सार्ध चतुर्वादने दूरवाणीम् कृतवान्
= हाँ , उसने कल शाम साढ़े चार बजे फोन किया था ।
= हाँ , उसने कल शाम साढ़े चार बजे फोन किया था ।
अधुना चलभाष-यन्त्रे पश्यामि
= अभी मोबाइल में देखता हूँ ।
= अभी मोबाइल में देखता हूँ ।
ओह , कति क्रमांकाः मया न संरक्षिताः
= ओह , कितने सारे नंबर मैंने save नहीं किये हैं ।
= ओह , कितने सारे नंबर मैंने save नहीं किये हैं ।
आम् ..... प्राप्तः , तस्य क्रमांकः प्राप्तः
= हाँ ..... मिल गया , उसका नंबर मिल गया ।
= हाँ ..... मिल गया , उसका नंबर मिल गया ।
अधुना तस्मै सूचनां ददामि
= अभी उसको सूचना देता हूँ ।
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= अभी उसको सूचना देता हूँ ।
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संस्कृत वाक्य अभ्यासः
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पितामहः - अहं तव कार्यालयं द्रष्टुम् आगतवान् अस्मि
= मैं तुम्हारा कार्यालय देखने आया हूँ ।
= मैं तुम्हारा कार्यालय देखने आया हूँ ।
पौत्रः - स्वागतम् , पितामह , आगच्छतु
= स्वागत है दादाजी , आईए
= स्वागत है दादाजी , आईए
पितामहः - तव कार्यालयः तु काचेन निर्मितः अस्ति
= तुम्हारा कार्यालय तो काँच से बना है ।
= तुम्हारा कार्यालय तो काँच से बना है ।
पौत्रः - आम् , काचस्य भित्तयः सन्ति
= हाँ काँच की दीवालें हैं
= हाँ काँच की दीवालें हैं
पौत्रः - काचस्य द्वाराणि सन्ति
= काँच के दरवाजे हैं ।
= काँच के दरवाजे हैं ।
पितामहः - त्वं कुत्र उपविशसि
= तुम कहाँ बैठते हो
= तुम कहाँ बैठते हो
पौत्रः - अहम् अत्र काचस्य पृष्ठे उपविशामि
= मैं यहाँ काँच के पीछे बैठता हूँ ।
= मैं यहाँ काँच के पीछे बैठता हूँ ।
पौत्रः - काचस्य अग्रे जवनिका अस्ति
= काँच के आगे पर्दा है ।
= काँच के आगे पर्दा है ।
पितामहः - अतः बहिष्टात् कोsपि न दृश्यते
= इसलिए बाहर से कोई नहीं दिखता है ।
= इसलिए बाहर से कोई नहीं दिखता है ।
पौत्रः - अहम् इतः सर्वान् दृष्टुम् शक्नोमि
= मैं यहाँ से सबको देख सकता हूँ
= मैं यहाँ से सबको देख सकता हूँ
पितामहः - एवं वा ?
= ऐसा क्या ?
= ऐसा क्या ?
पितामहः - तव कार्यालये तु बहु शान्तिः अस्ति
= तुम्हारे कार्यालय में तो बहुत शान्ति है ।
= तुम्हारे कार्यालय में तो बहुत शान्ति है ।
पौत्रः - आम् , अत्र सर्वे सर्वदा कार्यमग्नाः एव भवन्ति
= हाँ यहाँ सभी हमेशा काम में मगन रहते हैं ।
= हाँ यहाँ सभी हमेशा काम में मगन रहते हैं ।
पौत्रः - अत्र कोलाहलः कदापि न भवति
= यहाँ आवाज़ कभी नहीं होती है ।
= यहाँ आवाज़ कभी नहीं होती है ।
पितामहः - तव कार्यालयः मह्यम् अरोचत्
= तुम्हारा कार्यालय मुझे अच्छा लगा ।
= तुम्हारा कार्यालय मुझे अच्छा लगा ।
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