Saturday, 27 June 2015

vyang

हर भारतीय पत्नी जिंदगी में कम से कम
एक बार तो अपने
पति को ये उलाहना जरूर देती है...
.
""भगवान् का शुक्र करो कि मेरी जैसी
सीधी-सादी पल्ले
पड़ी है....कोई तेज-तर्रार मिलती
ना..अक्कल ठिकाने आ
जाती"""".
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इसके बाद पति बेचारा पूरा दिन इसी
डरावनी कल्पना में
निकाल देता है कि अगर ये सीधी-
सादी है तो फिर तेज-
तर्रार कैसी होती होगी ???

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एक बार भगवान दुविधा में पड़ गए।
लोगों की बढ़ती साधना वृत्ति से वह
प्रसन्न तो थे पर इससे उन्हें व्यावहारिक मुश्किलें आ
रही थीं। कोई
भी मनुष्य जब मुसीबत में पड़ता,
तो भगवान के पास भागा-भागा आता और
उन्हें अपनी परेशानियां बताता। उनसे कुछ न कुछ
मांगने लगता। भगवान इससे दुखी हो गए थे।
अंतत: उन्होंने इस समस्या के निराकरण के लिए देवताओं
की बैठक बुलाई
और बोले- “देवताओं, मैं मनुष्य की रचना करके कष्ट
में पड़ गया हूं। कोई
न कोई मनुष्य हर समय शिकायत
ही करता रहता है, जिससे न तो मैं
कहीं शांति पूर्वक रह सकता हूं, न
ही तपस्या कर सकता हूं। आप लोग मुझे
कृपया ऐसा स्थान बताएं जहां मनुष्य नाम
का प्राणी कदापि न पहुंच सके।“ प्रभू के
विचारों का आदर करते हुए देवताओं ने अपने-अपने विचार प्रकट
किए।
गणेश जी बोले- “आप हिमालय पर्वत
की चोटी पर चले जाएं।“
भगवान ने कहा- “यह स्थान तो मनुष्य की पहुंच
में है। उसे वहां पहुंचने में
अधिक समय नहीं लगेगा।“
इंद्रदेव ने सलाह दी कि “वह
किसी महासागर में चले जाएं। वरुण देव बोले ‘आप
अंतरिक्ष में चले जाइए।“ भगवान ने कहा- “एक दिन मनुष्य
वहां भी अवश्य पहुंच जाएगा।“
भगवान निराश होने लगे थे। वह मन ही मन सोचने
लगे- “क्या मेरे लिए कोई
भी ऐसा गुप्त स्थान नहीं है, जहां मैं
शांतिपूर्वक रह सकूं।“
अंत में सूर्य देव बोले- “ प्रभू! आप ऐसा करें कि मनुष्य के
हृदय में बैठ
जाएं। मनुष्य अनेक स्थान पर आपको ढूंढने में सदा उलझा रहेगा।
पर वह
यहाँ आपको कदापि न तलाश करेगा।“ ईश्वर को सूर्य देव
की बात पसंद आ गई। उन्होंने
ऐसा ही किया। वह
मनुष्य के हृदय में जाकर बैठ गए।
उस दिन से मनुष्य अपना दुख व्यक्त करने के लिए ईश्वर
को ऊपर ,नीचे,
दाएं, बाएं, आकाश, पाताल में ढूंढ रहा है पर वह मिल
नहीं रहे। मनुष्य अपने
भीतर बैठे हुए ईश्वर को नहीं देख
पा रहा है

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एक महिला के भाई नहीं था। एक दिन वह नारियल , मिठाई व राखी के लेकर आई।
पति ने पूछा -- तेरे भाई तो नहीं है फिर यह सब किस के लिए ?
पत्नी बोली--- मैंने सलीम आप के दोस्त को धर्म भाई बनाया है।

पति बोला --- तुम सलीम को पूछ कर आओ की शादी के पहले उसकी पत्नी उसके क्या लगती थी।
पत्नी सलीम के पास गयी और उसको पूछा की शादी के पहले तुम्हारी पत्नी रेहाना तुम्हारे क्या लगती थी ?
सलीम बोला -- मेरे चाचा की बेटी बहिन थी। घर आई और पति को बताया।
पति बोला --- भागवान ! जब उसने अपनी चचेरी बहिन को भी नहीं छोड़ा तो तुझे क्या छोड़ेगा ?
पत्नी को बात समझ में आ गयी और उसने नारियल , मिठाई व राखी मंदिर में चढ़ा दी।
बात बात पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाने वाली सेकुलरो को समर्पित।
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