मैगी में लेड और एमएसजी की मौजूदगी ने बेशक चौंकाया हो मगर देश और दुनिया में इससे पहले भी कई फास्ट फूड ब्रैंड्स सवालों के घेरे में आ चुके हैं। बड़े ब्रैंड्स के ये विवाद क्या थे, आइए जानें :
कैडबरी में कीड़े
साल 2003 में महाराष्ट्र में कैडबरी की डेरी मिल्क चॉकलेट में कीड़े मिलने की कुछ घटनाएं सामने आई थीं। महाराष्ट्र के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन ने तुरंत पुणे प्लांट में बने चॉकलेट के स्टॉक को जब्त कर लिया। कैडबरी ने जवाब दिया कि दुकानों में स्टोरेज की लापरवाही से कीड़े पड़े होंगे, यह तर्क एफडीए के गले नहीं उतरा। उसने कहा कि पैकेजिंग इतनी कमजोर रखी ही क्यों गई? इसके बाद कैडबरी ने पैकेजिंग सुधारी और लोगों में दोबारा विश्वास जगाने के लिए जबर्दस्त ऐड कैंपेन शुरू किया।
कोला में पेस्टिसाइड
दुनिया के सबसे लोकप्रिय शीतलपेय ब्रैंड कोकाकोला में साल 2006 में कीटनाशकों की मौजूदगी का मामला सामने आया था। दिल्ली के एक एनजीओ- सीएसई का आरोप था कि कोक में हानिकारक कीटनाशकों की ज्यादा मात्रा थी। भारत के छह राज्यों में इस पर प्रतिबंध लगाया गया था। पेप्सी में भी हानिकारक कीटनाशकों की ज्यादा मौजूदगी का आरोप और कई राज्यों में प्रतिबंध लगा।
सबवे का चिकन टिक्का
अमेरिकी कंपनी- सबवे के चिकन सैंडविच में कीड़े मिलने का मामला सामने आया था। 2011 मुंबई के चेंबुर में एक ग्राहक ने जब सबवे से चिकन टिक्का लिया तो उसमें कीड़े थे। पिछले साल नवंबर 2014 में जालंधर के मॉडल टाउन स्थित सबवे रेस्टॉरेंट से एक दंपती ने बर्गर खरीदा और उसे घर ले जाकर देखा तो उसमें कीड़े थे।
केएफसी
अमेरिकी फास्ट फूड कंपनी- केएफसी की डिश पर भी सवाल उठे। फ़ूड सेफ्टी अथॉरिटी ने जनवरी 2013 से अक्टूबर 2014 के बीच की जांच में दिल्ली के एक आउटलेट से लिए चावल के नमूने में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल की बात पाई। हालांकि कंपनी ने इस आरोप से इनकार किया।
ओएसआई कंपनी
22 जुलाई 2014 को चीन में मैकडोनल्ड और केएफ़सी जैसी कई फास्ट फूड चेन्स ने अमेरिकी कंपनी की फूड सप्लाई यूनिट ओएसआई की शाखा शंघाई हूसी पर पुराने मांस को प्रोसेस कर सप्लाई करने का आरोप लगाया। आरोप था कि वह मीट में एंटीबायोटिक डालती है। इन आरोपों के मद्देनजर कंपनी ने अपने शंघाई प्लांट को ही बंद कर दिया था।
आर्जिमॉन का मामला
1998 में एनडीडीबी ने अपने ब्रैंड- धारा सरसों तेल को मार्केट से वापस ले लिया था। इसके कुछ गैर रिफाइंड सैंपलों में आर्जिमॉन मिलने की बात सामने आई थी। आर्जिमॉन से ड्रॉप्सी नाम की बीमारी होती है। इसके बाद एनडीडीबी ने एहतियातन रिफाइंड सरसों तेल की बिक्री ही रोक दी थी। जांच में यह सामने आया था कि एनडीडीबी ने ट्रेडर्स से सरसों का तेल खरीदने के वक्त जरूरी जांच नहीं की थी जिससे तेल में मिलावट आ गई।
McD के अनचाहे सरप्राइज
मैकडोनल्ड के कनाडा के फेडरिक्टन स्थित रेस्टारेंट में एक ग्राहक ने जब कॉफी खरीदी और पीने के बाद उसने देखा कि कॉफी के गिलास में एक चूहा मरा पड़ा था। यह मामला अक्टूबर 2014 का है। इसी तरह इसी साल जनवरी में जापान के टोकियो में मैकडोनल्ड के रेस्टॉरेंट में दिसंबर 2014 में आइसक्रीम में प्लास्टिक का टुकड़ा निकला था, जिससे बच्चे के मुंह में चोट लग गई थी। अन्य मामले में पिछले साल अगस्त में बिग मैक का सेट खरीदने वाले एक ग्राहक को फ्राइस में दांत मिले थे।
कॉम्प्लान में बादाम नहीं
कॉम्पलान पिस्ता बादाम के बारे में एफएसएसएआई के एक अधिकारी ने बताया कि इसके डिब्बे पर पिस्ता और बादाम को प्रमुखता से दिखाया जाता है, जबकि उत्पाद में ये न्यूनतम मात्रा में होते हैं। पैक पर दी गई सामग्री सूची के अनुसार इसमें बादाम महज 0.4 फीसदी और पिस्ता 0.3 फीसदी रहता है। इसे ग्राहकों को भ्रमित करने का मामला माना गया।
केलॉग्स में मीठा
केलॉग्स से भी उसके उत्पाद- केलॉग्स ओट्स ऐंड हनी पर स्पष्टीकरण मांगा गया। खाद्य नियामक ने पूछा कि इसमें चीनी की खासी मात्रा होने के बावजूद कंपनी किस आधार पर इन्हें वजन घटाने में मददगार बता रही है। एफएसएसएआई के अधिकारी ने कहा कि इतनी अधिक मात्रा में चीनी होने के बावजूद यह वजन कैसे कम कर सकता है?
Foie Gras पर बैन
जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्थाओं ने फोइ ग्रास की शिकायत की थी जिसके बाद भारत ने इसके इंपोर्ट को बैन कर दिया। एक्टिविस्ट्स का आरोप था कि बतख के लिवर से तैयार होने वाली Foie Gras के निर्माण में जानवर से क्रूरता की जाती है। चूंकि देश के फैंसी रेस्तरां इसे बड़े पैमाने पर प्रमोट कर रहे हैं इसलिए इस पर बैन लगाया जाए। आरोप था कि लिवर का आकार बढ़ाने के लिए बतख को जबरन खाना खिलाया जाता है जो कि उसके लिए दर्दनाक होता है। Foie Gras का उत्पादन जर्मनी, डेनमार्क, फिनलैंड में बैन है।
कैडबरी में कीड़े
साल 2003 में महाराष्ट्र में कैडबरी की डेरी मिल्क चॉकलेट में कीड़े मिलने की कुछ घटनाएं सामने आई थीं। महाराष्ट्र के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन ने तुरंत पुणे प्लांट में बने चॉकलेट के स्टॉक को जब्त कर लिया। कैडबरी ने जवाब दिया कि दुकानों में स्टोरेज की लापरवाही से कीड़े पड़े होंगे, यह तर्क एफडीए के गले नहीं उतरा। उसने कहा कि पैकेजिंग इतनी कमजोर रखी ही क्यों गई? इसके बाद कैडबरी ने पैकेजिंग सुधारी और लोगों में दोबारा विश्वास जगाने के लिए जबर्दस्त ऐड कैंपेन शुरू किया।
कोला में पेस्टिसाइड
दुनिया के सबसे लोकप्रिय शीतलपेय ब्रैंड कोकाकोला में साल 2006 में कीटनाशकों की मौजूदगी का मामला सामने आया था। दिल्ली के एक एनजीओ- सीएसई का आरोप था कि कोक में हानिकारक कीटनाशकों की ज्यादा मात्रा थी। भारत के छह राज्यों में इस पर प्रतिबंध लगाया गया था। पेप्सी में भी हानिकारक कीटनाशकों की ज्यादा मौजूदगी का आरोप और कई राज्यों में प्रतिबंध लगा।
सबवे का चिकन टिक्का
अमेरिकी कंपनी- सबवे के चिकन सैंडविच में कीड़े मिलने का मामला सामने आया था। 2011 मुंबई के चेंबुर में एक ग्राहक ने जब सबवे से चिकन टिक्का लिया तो उसमें कीड़े थे। पिछले साल नवंबर 2014 में जालंधर के मॉडल टाउन स्थित सबवे रेस्टॉरेंट से एक दंपती ने बर्गर खरीदा और उसे घर ले जाकर देखा तो उसमें कीड़े थे।
केएफसी
अमेरिकी फास्ट फूड कंपनी- केएफसी की डिश पर भी सवाल उठे। फ़ूड सेफ्टी अथॉरिटी ने जनवरी 2013 से अक्टूबर 2014 के बीच की जांच में दिल्ली के एक आउटलेट से लिए चावल के नमूने में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल की बात पाई। हालांकि कंपनी ने इस आरोप से इनकार किया।
ओएसआई कंपनी
22 जुलाई 2014 को चीन में मैकडोनल्ड और केएफ़सी जैसी कई फास्ट फूड चेन्स ने अमेरिकी कंपनी की फूड सप्लाई यूनिट ओएसआई की शाखा शंघाई हूसी पर पुराने मांस को प्रोसेस कर सप्लाई करने का आरोप लगाया। आरोप था कि वह मीट में एंटीबायोटिक डालती है। इन आरोपों के मद्देनजर कंपनी ने अपने शंघाई प्लांट को ही बंद कर दिया था।
आर्जिमॉन का मामला
1998 में एनडीडीबी ने अपने ब्रैंड- धारा सरसों तेल को मार्केट से वापस ले लिया था। इसके कुछ गैर रिफाइंड सैंपलों में आर्जिमॉन मिलने की बात सामने आई थी। आर्जिमॉन से ड्रॉप्सी नाम की बीमारी होती है। इसके बाद एनडीडीबी ने एहतियातन रिफाइंड सरसों तेल की बिक्री ही रोक दी थी। जांच में यह सामने आया था कि एनडीडीबी ने ट्रेडर्स से सरसों का तेल खरीदने के वक्त जरूरी जांच नहीं की थी जिससे तेल में मिलावट आ गई।
McD के अनचाहे सरप्राइज
मैकडोनल्ड के कनाडा के फेडरिक्टन स्थित रेस्टारेंट में एक ग्राहक ने जब कॉफी खरीदी और पीने के बाद उसने देखा कि कॉफी के गिलास में एक चूहा मरा पड़ा था। यह मामला अक्टूबर 2014 का है। इसी तरह इसी साल जनवरी में जापान के टोकियो में मैकडोनल्ड के रेस्टॉरेंट में दिसंबर 2014 में आइसक्रीम में प्लास्टिक का टुकड़ा निकला था, जिससे बच्चे के मुंह में चोट लग गई थी। अन्य मामले में पिछले साल अगस्त में बिग मैक का सेट खरीदने वाले एक ग्राहक को फ्राइस में दांत मिले थे।
कॉम्प्लान में बादाम नहीं
कॉम्पलान पिस्ता बादाम के बारे में एफएसएसएआई के एक अधिकारी ने बताया कि इसके डिब्बे पर पिस्ता और बादाम को प्रमुखता से दिखाया जाता है, जबकि उत्पाद में ये न्यूनतम मात्रा में होते हैं। पैक पर दी गई सामग्री सूची के अनुसार इसमें बादाम महज 0.4 फीसदी और पिस्ता 0.3 फीसदी रहता है। इसे ग्राहकों को भ्रमित करने का मामला माना गया।
केलॉग्स में मीठा
केलॉग्स से भी उसके उत्पाद- केलॉग्स ओट्स ऐंड हनी पर स्पष्टीकरण मांगा गया। खाद्य नियामक ने पूछा कि इसमें चीनी की खासी मात्रा होने के बावजूद कंपनी किस आधार पर इन्हें वजन घटाने में मददगार बता रही है। एफएसएसएआई के अधिकारी ने कहा कि इतनी अधिक मात्रा में चीनी होने के बावजूद यह वजन कैसे कम कर सकता है?
Foie Gras पर बैन
जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्थाओं ने फोइ ग्रास की शिकायत की थी जिसके बाद भारत ने इसके इंपोर्ट को बैन कर दिया। एक्टिविस्ट्स का आरोप था कि बतख के लिवर से तैयार होने वाली Foie Gras के निर्माण में जानवर से क्रूरता की जाती है। चूंकि देश के फैंसी रेस्तरां इसे बड़े पैमाने पर प्रमोट कर रहे हैं इसलिए इस पर बैन लगाया जाए। आरोप था कि लिवर का आकार बढ़ाने के लिए बतख को जबरन खाना खिलाया जाता है जो कि उसके लिए दर्दनाक होता है। Foie Gras का उत्पादन जर्मनी, डेनमार्क, फिनलैंड में बैन है।
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