Monday, 22 June 2015

येचुरी साहब के नाम में ही "सीताराम" है, लेकिन योग की तुलना इन्होंने "कुत्ते" से की है... प्रकारान्तर से येचुरी साहब कहना चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से लेकर राजपथ पर योग कर रहे 35,000 लोग कुत्ते की तरह बर्ताव कर रहे थे... 

इस आदमी को योग की बजाय, गरीबी की चिंता है, जबकि इनके भाई-बन्दों ने पश्चिम बंगाल को तीस साल में इतना गरीब बना डाला, कि उन्हीं गरीबों ने इन्हें वहाँ से लतिया दिया... 

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 बेटा सांसद बन गया पर जुत्तियां बनानी नहीं छोड़ी ....
भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया का परिवार सत्ता में होने के बावजूद आज भी ईमानदारी की एक नई मिसाल पैदा करके गरीबी में अपना गुजारा कर रहा है। 
लाडवा निवासी ज्योति राम पिछलें कईं वर्षों से चमड़े की जूती बनाने का काम करते है और उनकी इस मेहनत से आज भी परिवार का गुजारा चलता है।  रतनलाल ने अपने जीवन में शिक्षा और राजनीति को ही महत्व दिया। अब मेरा सांसद पुत्र मुझे अपने पास बुलाता है, लेकिन मेरा लाडवा में ही मन लगता है, इसलिए मैं मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करता हूं। अक्सर रतनलाल मेरे पास आता रहता है और घर के हर सुख-दुख में भी शामिल होता है। उनके अनुसार मैं और मेरा परिवार भाजपा नेताओं और अंबाला की जनता के अभारी है कि उन्होंने एक दलित परिवार में जन्में गरीब के पुत्र को भारी बहुमत से चुनाव जीताकर अपना सांसद चुना।
 रतनलाल कटारिया ने सांसद बनने से पहले अपना पूरा जीवन गरीबी में बिताया, रतनलाल के परिवार ने कभी भी ईमानदारी का दामन नहीं छोड़ा और अब इसी रास्ते पर रतनलाल भी अपने पिता के दिखाए रास्ते पर चल रहे है, जिसके कारण आज भी लाडवा क्षेत्र की जनता में उनकी छवि एक ईमानदार नेता के रूप में देखी जाती है।
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DIGITAL LOCKER 
अब  important documents साथ लेकर घूमने की जरूरत नही 
 सरकार ने Digital Locker लांच कर दिया है। जहां आप जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं। आधार का नंबर फीड कर आप DIGITAL LOCKER अकाउंट खोल सकते हैं। एक बार लॉकर में अपने DOCUMENTS अपलोड करने के बाद आपको कहीं भी अपने सर्टिफिकेट की मूल कॉपी देने की जरूरत नहींहोगा।इसके लिए आपके DIGITAL LOCKER का लिंक ही काफी होगा।  डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (डीईआईटीवाई) ने डिजिटल लॉकर का बीटा वर्जन लॉन्च किया है।
कैसे मिलेगा :
Digital locker को खोलने के लिए आपको https://digitallocker.gov.in/ वेबसाइट पर जाकर अपनी आईडी बनानी होगी। आईडी बनाने के लिए आपको अपना आधार कार्ड नंबर से लॉगिन करना होगा। लॉगिन होने के बाद आपसे जो इन्फॉर्मेंशन मांगी जाए उसे भरें। इसके बाद आपका अकाउंट बन जाएगा। अकाउंट खुलने के बाद आप कभी भी इस पर अपने पर्सनल डॉक्युमेंट्स अपलोड कर सकेंगे।
क्या है खासियत ?
आप कहीं भी और कभी भी अपने डॉक्युमेंट्स इसके जरिए जमा कर सकते हैं। डिजिटल लॉकर स्कीम में हर भारतीय एजुकेशनल, मेडिकल, पासपोर्ट और पैन कार्ड डिटेल्स को डिजिटल फॉर्म में रख सकता है।
वेबसाइट में कहा गया है, 'डिजिटल लॉकर अधिकृत उपभोक्ताओं/ एजेंसियों को किसी भी समय और कहीं भी अपने दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से अपलोड और साझा करने की सहूलियत देंगे।

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भारत मे हिन्दू-मुस्लिम एकता की बात करने वाले मूर्खो जरा इराक-सीरिया मे जाकर शिया-सुन्नी एकता के प्रवचन तो दे आओ
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"परिवार में"- कायदा नही परन्तु व्यवस्था होती है।
"परिवार में"- सूचना नहीं परन्तु समझ होती है। 
"परिवार में"- कानून नहीं परन्तु अनुशासन होता है।
"परिवार मे"- भय नहीं परन्तु भरोसा होता है।
"परिवार मे"- शोषण नहीं परन्तु पोषण होता है।
"परिवार मे"- आग्रह नही परन्तु आदर होता है।
"परिवार मे"- सम्पर्क नही परन्तु सम्बन्ध होता है ।
"परिवार मे"- अर्पण नही परन्तु समर्पण होता है।
यही सच्चा परिवार है..

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दिल्ली के राजपथ पर पहले इंटरनेशनल योग दिवस के मौके पर किए गए योग आयोजन के नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 2 रिकॉर्ड दर्ज हुए है। राजपथ पर आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में एक साथ 35, 985 लोगों ने हिस्सा लिया, साथ ही यहां 84 देशों के नागरिक भी शामिल हुए।
इससे पहले 19 नवंबर 2005 को ग्वालियर में 29,973 लोगों ने एक साथ योगाभ्यास किया था, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड बनकर 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हुआ था। बता दें कि इसका आयोजन विवेकानंद केंद्र ने किया था।

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