Monday, 1 June 2015

naya itihas

This is the truth of stock market... ...
एक बार एक आदमी ने गांववालों से कहा की वो 100 रु में एक बन्दर खरीदेगा , ये सुनकर सभी गांव वाले नजदीकी जंगल की और दौड़ पड़े और वहां से बन्दर पकड़ पकड़ कर 100 रु .में उस आदमी को बेचने लगे .......
कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम हो गयी ....... फिर उस आदमी ने कहा की वो एक एक बन्दर के लिए 200 रु .देगा , ये सुनकर लोग फिर बन्दर पकड़ने में लग गये , लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर ठंडा हो गया ....
अब उस आदमी ने कहा की वो बंदरों के लिए 500 रु . देगा , लेकिन क्यूंकि उसे शहर जाना था उसने इस काम के लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया ........
500 रु .सुनकर गांव वाले बदहवास हो गए , लेकिन पहले ही लगभग सारे बन्दर पकडे जा चुके थे इसलिए उन्हें कोई हाथ नही लगा ..तब उस आदमी का असिस्टेंट उनसे आकर कहता है " आप लोग चाहें तो सर के पिंजरे मेंसे 400 - 400 रु . में बन्दर खरीद सकते हैं , जब सर आ जाएँ तो 500 -500 में बेच दीजियेगा "... गांव वालों को ये प्रस्ताव भा गया और उन्होंने सारे बन्दर 400 - 400 रु .में खरीद लिए .....
अगले दिन न वहां कोई असिस्टेंट था और न ही कोई सर ..बस बन्दर ही बन्दर
This is the truth of stock market... ...
😜

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सरदार पटेल: नेहरूजी आइए रिक्शा मे बैठ लीजिए।
नेहरू: नही पटेलजी, हम खान साहब से जरूरी बाते कर रहे है।
सरदार पटेल: ऐसी क्या जरूरी बाते है?
नेहरू: यह पाकिस्तान जाने की जिद किए हुए है हम चाहते है कि भारत मे ही रहे।
सरदार पटेल: तो जाने क्यो नही देते, फिर पाकिस्तान बनवाया ही किसलिए?
नेहरू: लेकिन इनके साथ पांच लाख मुस्लिम और पाकिस्तान चले जाएंगे।
सरदार पटेल: तो जाने दीजिए।
नेहरू: लेकिन दिल्ली तो खाली हो जाएगी।
पटेल: जो लाहौर से हिन्दू आएंगे उनसे भर जाएगी।
नेहरू: नही उन्हे मुस्लिमो के घर हम नही देंगे, वक्फ बोर्ड को सौंप देंगे।
सरदार पटेल: और लाहौर मे जो अभी से मंदिर और डीएवी स्कूल कब्जाकर उनके नाम इस्लामिक रख दिए है?
नेहरू: पाकिस्तान से हमे क्या लेना-देना।
सरदार पटेल: लेकिन देश का बंटवारा तो धर्म के आधार पर हुआ है। अब यह हिन्दुस्तान हिन्दुओ का है।
नेहरू: नहीं यह देश कांग्रेस का है कांग्रेस जैसा चाहेगी वैसा होगा।
सरदार पटेल: इतिहास बदलता रहता है, अंग्रेज भी जा रहे है फिर कांग्रेस की हस्ती ही क्या है?
नेहरू: ऐसा कभी नही होगा।
सरदार पटेल: जरूर होगा, आप मुगल सोच त्याग दे।
(रिक्शाचालक, धर्मसिंह तोमर की डायरी के आधार पर)
- Via we Support Narendra Modi

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