शूरवीर हिंदूओ के 11 महान सत्य अवश्य पढियेगा...
1. जयमाल मेड़तिया ने एक ही झटके में
हाथी का सिर काट डाला था.
हाथी का सिर काट डाला था.
2. करौली के जादौन राजा अपने सिंहासन पर बैठते वक़्त अपने दोनो हाथ जिन्दा शेरो पर रखते थे.
3. जोधपुर के यशवंत सिंह के 12 साल के पुत्र पृथ्वी सिंह ने हाथो से औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला था.
4. राणा सांगा के शरीर पर छोटे-बड़े 80 घाव थे,
युद्धों में घायल होने के कारण उनके एक हाथ नही था एक पैर नही था, एक आँख
नहीं थी उन्होंने अपने जीवन-काल में 100 से भी अधिक युद्ध लड़े थे
युद्धों में घायल होने के कारण उनके एक हाथ नही था एक पैर नही था, एक आँख
नहीं थी उन्होंने अपने जीवन-काल में 100 से भी अधिक युद्ध लड़े थे
5. एक राजपूत वीर जुंझार जो मुगलो से लड़ते वक्त शीश कटने के बाद भी घंटो लड़ते रहे आज उनका सिर बाड़मेर में है, जहा छोटा मंदिर हैं और धड़ पाकिस्तान में है.
6. रायमलोत कल्ला का धड़ शीश कटने के बाद लड़ता-लड़ता घोड़े पर पत्नी रानी के पास पहुंच गया था तब रानी ने गंगाजल के छींटे डाले तब धड़ शांत हुआ उसके बाद
रानी पति कि चिता पर बैठकर सती हो गयी थी.
रानी पति कि चिता पर बैठकर सती हो गयी थी.
7. चित्तोड़ में अकबर से हुए युद्ध में जयमाल राठौड़ पैर जख्मी होने कि वजह से
कल्ला जी के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे, ये देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को
चतुर्भुज भगवान की याद आयी थी, जंग में दोनों के सर काटने के बाद भी धड़ लड़ते
रहे और राजपूतो की फौज ने दुश्मन को मार गिराया अंत में अकबर ने उनकी वीरता
से प्रभावित हो कर जैमल और पत्ता जी की मुर्तिया आगरा के किलें में लगवायी थी.
कल्ला जी के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे, ये देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को
चतुर्भुज भगवान की याद आयी थी, जंग में दोनों के सर काटने के बाद भी धड़ लड़ते
रहे और राजपूतो की फौज ने दुश्मन को मार गिराया अंत में अकबर ने उनकी वीरता
से प्रभावित हो कर जैमल और पत्ता जी की मुर्तिया आगरा के किलें में लगवायी थी.
8. राजस्थान पाली में आउवा के ठाकुर खुशाल सिंह 1877 में अजमेर जा कर अंग्रेज अफसर का सर काट कर ले आये थे और उसका सर अपने किले के बाहर लटकाया था तब से आज दिन तक उनकी याद में मेला लगता है.
9. महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो था और कवच का वजन 80 किलो था और कवच, भाला, ढाल, और हाथ मे तलवार का वजन मिलाये तो 207 किलो था.
10. सलूम्बर के नवविवाहित रावत रतन सिंह चुण्डावत जी ने युद्ध जाते समय
मोह-वश अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर
युद्ध में मेरे मोह के कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के तौर पे अपना सर काट
के दे दिया था, अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका औरंगजेब की सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए शहीद हो
गये थे.
मोह-वश अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर
युद्ध में मेरे मोह के कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के तौर पे अपना सर काट
के दे दिया था, अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका औरंगजेब की सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए शहीद हो
गये थे.
11. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और अकबर की और से
85000 सैनिक थे फिर भी अकबर की मुगल सेना पर राजपूत भारी पड़े थे.
85000 सैनिक थे फिर भी अकबर की मुगल सेना पर राजपूत भारी पड़े थे.
घन्य थे वो हिन्दू... क्या आज भी ऐसे हिन्दू हे हिन्दुस्तान में ??
No comments:
Post a Comment