रक्का। इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चंगुल से छूटकर आई कुर्दिश महिलाएं और लड़कियां इन दिनों आजादी की सांस ले रही हैं। आईएसआईएस से उनकी नफरत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही वो कुर्दिश इलाके में पहुंचीं तो उन्होंने अपने बदन से काले हिजाब और बुर्के उतार कर फेंक दिए और आजादी का जश्न मनाया। महिलाओं का कहना है कि उन्हें जबरन ये कपड़े पहनाए जाते थे। इससे उन्हें गुलामी का अहसास होता था।
सीरिया स्थित फ्री-लान्स जर्नलिस्ट जैक शाहीन ने पूरे घटना का आंखों देखा हाल सुनाया। उन्होंने बताया कि कई गाड़ियों में पुरुष-महिलाएं और बच्चे आईएसआईएस के चंगुल के भागकर कुर्दिश वायपीजी (पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स) पहुंचे थे।। आजाद होने के बाद सभी महिलाएं काफी खुश लग रही थीं। इस पूरी घटना का कुर्दिश वायपीजी के प्रवक्ता और कैमरामैन शेरवान दर्विश ने वीडियो भी बनाया। गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट के बंधक के तौर पर कुर्दिश महिलाओं को शरिया कानून का पालन करना पड़ता था और उनके हिसाब से कपड़े पहनने पड़ते थे।
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