शाकाहारी भोजन के लाभ
1.शाकाहारी भोजन का पाचन जल्द हो जाता है। यह आपके मस्तिष्क को सचेत रखते हुए आपको बुद्धिमान बनाता है। इसके विपरीत माँसाहारी भोजन को पचने में कम से कम 36-60 घंटे लगते हैं।
2.सब्जियों में प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट और वसा के साथ-साथ और भी बहुत से आवश्यक तत्व होते हैं। विटामिन, एंटीऑक्सीडेन्ट, अमीनो एसिड आदि जैसे तत्व भी शामिल होते हैं, जो कैंसर जैसी घातक बीमारी के बचाव में सहायक होते हैं।
3.शाकाहारी भोजन में फायबर भी अधिक मात्रा में होते हैं जो पाचन क्रिया में सहायक होते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि शाकाहारी भोजन, सही मात्रा में कैलोरीज नहीं प्रदान करता लेकिन यह सही नहीं है। अगर शाकाहारी भोजन में सभी जरूरी पदार्थ शामिल हों तो सही मात्रा में कैलोरीज भी मिल जाती हैं।
माँसाहार जिन असाध्य रोगोंको जन्म देता है उस पर अन्य ताज़ा खोजों के परिणाम निम्न हैं—
· रक्त् वाहिनियों की भीतरी दीवारों पर कोलेस्ट्रोल की तहों का जमना हृदयरोग तथा उच्च रक्त चाप का मुख्य कारण है। कोलेस्ट्रोल का सर्वाधिक प्रमुख स्रोत अंडा है फिर माँस, मलाई, मक्खन और घी होते हैं।
· मिर्गी (एपीलेप्सी)—यह संक्रमित माँस व बगैर धुली सब्जियां खाने से होता है।
· आंतों का अल्सर, एपेन्डीसाइटिस, आंतों और मलद्वार का कैंसर--ये भी शाकाहारियों की अपेक्षा माँसाहारियों में अधिक होते हैं।
· गुर्दे की बीमारियाँ—अधिक प्रोटीन युक्त भोजन गुर्दे खराब करता है। शाकाहारी भोजन फैलावदार व पेलेटेविल होने से पेट जल्दी भरता है अत:उससे मनुष्य आवश्यकता से अधिक प्रोटीन नहीं ले पाता है जब कि माँसाहार से आसानी से आवश्यकता से अधिक प्रोटीन खाया जाता है।
· संधिवात, गठिया व अन्य वात रोग—माँसाहार खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ाता है जिसके जोडों पर जमाव होने के कारण ये रोग उत्पन्न होते हैं। ये देखा गया है कि माँस, अंडा, चाय, काफी आदि छोड-ने पर इस प्रकार के रोगियों को लाभ पहुँचा।
· रक्त धमनियों का मोटा होना—इसका कारण भोजन में पोलीसेच्युरेटेड फेट, कोलेस्ट्रोल व केलोरीज का आधिक्य है। माँसाहारी भोजन में इन पदार्थों की अधिकता रहती है जब कि शाकाहारी भोजन में बहुत कम। सब्जी, फल इत्यादि में ये पदार्थ न के बराबर होते हैं। अत: शाकाहारी भोजन इस रोग से बचाने में सहायक है।
· कैंसर—यह जानलेवा रोग माँसाहरियों की अपेक्षा शाकाहारियों में बहुत कम पाया जाता है।
· आंतों का सड़ना—अंडा, माँस आदि खाने से पेचिश, मंदाग्नि आदि बीमारियाँ घर कर जाती हैं, आमाशय कमज़ोर हो जाता है व आंतों में सड़न होने लगती है।
· त्वक रोग, मुहाँसे आदि—त्वचा की रक्षा के लिये विटामिन ए का सर्वाधिक महत्व है जो गाजर, टमाटर, हरी सब्जियों आदि में ही बहुतायत में होता है, यह शाकाहारी पदार्थ जहाँ त्वचा की रक्षा करते हैं वहीं माँस, अंडे, शराब आदि त्वचा रोगों को बढावा देते हैं।
· अन्य रोग—जैसे माइग्रेन, इंफेक्शन से होने वाले रोग, स्त्रियों के मासिक धर्म सम्बन्धी रोग आदि भी माँसाहारियों में अधिक पाये जाते हैं।
सारांश यह है कि जहाँ शाकाहारी भोजन प्राय: प्रत्येक रोग को रोकता है वहीं माँसाहारी भोजन प्रत्येक रोग को बढावा देता है। शाकाहार आयु बढ़ाता है तो माँसाहार आयु घटाता है।
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