Friday, 25 September 2015

कितनी अजीब मूर्खता है हमारी , एक ओर विज्ञानं को और विकसित करने के लिए अमेरिका का सबसे बड़ा अन्तरिक्ष संस्थान "नासा" भारत की अत्यंत प्राचीन संस्कृत में लिखी हुई साठ हजार से अधिक पाण्डुलिपियों पर गहन शोध करने में व्यस्त है और अधिकतर भारतीय संस्कृत को पुरानी या ब्राह्मणों की भाषा मान कर दुत्कारने में व्यस्त है. हमे और हमारी सरकारों को धिक्कार है जो अभी तक हर भारतीय को अंग्रेजी जैसी फालतू और अवैज्ञानिक भाषा समझाने में तो एडी छोटी का जोर लगाती रही पर संस्कृत जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण, वैज्ञानिक और अपने देश की ही भाषा का महत्व तक नही समझा सके. जब तक संस्कृत शिक्षा में नही आयेगी तब तक लोगों को इसका महत्व और तर्कसन्गतता का पता चलना कठिन है. देश को आग बढ़ाना है तो संस्कृत की जरूरत है अंग्रेजी कि नही.

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