राजा के पास एक लंगड़ा मदद के लिये आया, राजा उसके पैर का इलाज कराने जा रहा था ,तभी राजा के खास मंत्री ने राजा के कान में कहा "महाराज अगर आप इसका पैर ठीक करा देंगे तो ये कभी हमारे
चरणों में नहीं आयेगा... इसे बस मुद्रा देते रहिये...ताकि ये हमेशा हमारा मोहताज रहे और हमेशा हमारी जयजयकार करता रहे...
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राजा को बात समझ में आ गई, फिर उन्होने लंगड़े को मुद्रा-अनाज देकर विदा कर दिया और प्रसन्न लंगड़ा "महाराज की जय हो!महाराज की जय हो" के नारे लगाते हुए वहां से चला गया..
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वो कहते हैं न कि किसी को बिठाकर मछली खिलाने से अच्छा है कि उस बंदे को मछली पकड़ना सिखा दो ताकि वो ये सीखकर खुद अपना पेट भर सके ..
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लेकिन अपने देश की सत्ता भी उस राजा की तरह पिछले 68 सालों से यहाँ की जनता को सस्ता और मुफ्त का माल देकर जनता को खुद पर आश्रित बनाने में लगी है।
मुफ्त का गेहूँ ले लो,चावल ले लो,लैपटॉप ले लो,खाना ले लो.. बेरोजगारी भत्ता ले लो... परंतु कोई सरकार युवाओ और बालक बालिकाओं को योग्य बनाने पे ध्यान नहीं देती...
बेरोजगारी भत्ता तो देती है, पर रोजगार का सृजन नहीं करती...
ये लो दस हजार ये लो एक हजार ये लो पाँच सौ... लेकिन किसी गरीब के बच्चे को ना तो कोई सरकार प्रोफेशनल कोर्स कराती है ना उसके रोजगार में मदद करती है...
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आजादी के बाद से ही वामपंथी नेहरू और इसकी कान्ग्रेस के समाजवाद ने देश को पन्गु,सुस्त, ढीलाढाला बनाकर रख दिया है.... इसलिए इस देश में सस्ता और मुफ्त के माल पर सब्सिडी और तुष्टीकरण पर ढेर सारा पैसा खर्च होता हैं, पर skill development और रिसर्च प्रोजेक्ट में बहुत कम .. ..
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यही वजह हैं आजादी के 68 साल बाद भी देश के 75% लोग गरीबी रेखा में है, जिनको सस्ता अनाज और सब्सिडिया देने के लिए लाखों करोड़ खर्च होते है... अगर देश की तकदीर बदलनी हैं तो अपने लोगों को काबिल बनाना होगा... हम हमेशा इतनी बड़ी आबादी को सस्ता और मुफ्त का माल नहीं खिला सकते, क्योंकि किसी देश की आबादी ही उस देश के लिए assets या liability होती हैं,, इसलिए हमे इस 75% गरीब आबादी को काबिल बनाकर टैक्स पेयिंग मिडिल क्लास के दायरे में लाना होगा ताकि ये 75% गरीब आबादी liability से assets बन जाएं......
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जरा देखिए सन् 1979 तक चीन और भारत की स्थिति लगभग एक सी थी, लेकिन तभी चीन ने long term ठोस एक्शन प्लान लागू किया और पन्द्रह साल में अपने साठ करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल लिया...
हमे भी ऐसे ही एक ठोस एक्शन प्लान की जरूरत है तभी इस देश की तस्वीर बदल सकती हैं
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