विश्व क़ी सबसें ख़तरनाक इसरायल द्वारा निर्मीत गन। प्रति सेकंड पांच सो गोलियां छोड़ती है। जरा भी आवाज़ नही करती। ईसे इन्सान द्वारा ऑपरेट नही किया जाता मगर रोबोटीक प्रणाली से चलती है। सिर्फ़ तिन बन्दूक अकेले ५ किमी विस्तार क़ी हज़ारो दुश्मन सैनिकों से रक्षा करने में समर्थ है।
मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत यह बन्दुक क़ी फेक्टरी भारत में लगाएँगे इसरायली वैज्ञानिक। इसका उपयोग सिर्फ़ और सिर्फ़ भारत क़ी सरहदी रक्षा हेतु किया जाएंगा। किसी भी दाम में इसे अन्य देशों क़ो बेचा नही जाएगा।
मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत यह बन्दुक क़ी फेक्टरी भारत में लगाएँगे इसरायली वैज्ञानिक। इसका उपयोग सिर्फ़ और सिर्फ़ भारत क़ी सरहदी रक्षा हेतु किया जाएंगा। किसी भी दाम में इसे अन्य देशों क़ो बेचा नही जाएगा।
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Suresh Chiplunkar
जब मीडिया बिका हुआ और राजदीप-रवीश टाईप "हिन्दू विरोधी" हो तो आपको मोदी के अमेरिका दौरे के समय गुजरात दंगों का विरोध करते लोग दिखाई दे जाएँगे, लेकिन वेटिकन द्वारा गोवा में किए गए नरसंहारों का विरोध करते हुए ये पोस्टर नहीं दिखाई देंगे...
संक्षिप्त इतिहास :- 1560 से 1812 तक अर्थात लगभग 250 वर्ष से अधिक समय तक गोवा में कोई भी स्त्री-पुरुष-बच्चा किसी भी प्रकार की हिन्दू प्रार्थना नहीं गा सकता था, किसी भी घर में कोई मूर्ति नहीं रखी जा सकती थी. इस कालखंड में वेटिकन द्वारा "संत"(??) की पदवी से विभूषित "फ्रांसिस ज़ेवियर" ने सर्वाधिक कहर बरपाया, लगभग 17,000 हिंदुओं की हत्या हुई. 1567 से 1583 के बीच लगभग 300 मंदिरों को ध्वस्त किया गया तथा 15 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी पुरुषों को प्रतिदिन प्रातः ईसाई प्रार्थनाएँ सुनना अनिवार्य कर दिया गया था. 1620 में सभी हिंदुओं को विवाह संस्कार घर में ही करने तथा 1684 तक कोंकणी भाषा के स्थान पर पुर्तगाली भाषा बोलने का क़ानून लागू कर दिया गया.
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चूँकि अधिकाँश मूर्ख हिंदुओं को इतिहास की जानकारी नहीं होती और जिन्हें होती है उन्हें भूलने की गंदी आदत होती है... ऐसे में जब सेकुलरों की छाती पर चढ़कर गोवा में ही "सनातन" जैसी संस्था हिंदुओं को जागृत करने का प्रयास करे तो ज़ाहिर है कि खबरंडियों के पेटदर्द और कथित प्रगतिशील बुद्धिजीवियों को माईग्रेन होना स्वाभाविक है...
चूँकि अधिकाँश मूर्ख हिंदुओं को इतिहास की जानकारी नहीं होती और जिन्हें होती है उन्हें भूलने की गंदी आदत होती है... ऐसे में जब सेकुलरों की छाती पर चढ़कर गोवा में ही "सनातन" जैसी संस्था हिंदुओं को जागृत करने का प्रयास करे तो ज़ाहिर है कि खबरंडियों के पेटदर्द और कथित प्रगतिशील बुद्धिजीवियों को माईग्रेन होना स्वाभाविक है...
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#आनन्द_शर्मा_ने_मोदी_के_भावुक_होने_का_बनाया_मज़ाक
खुल गयी खुद की पोल !!
खुल गयी खुद की पोल !!
आनन्द शर्मा की खुद की बीवी और बेटे ब्रिटिश ईसाई नागरिक है, ज़्यादातर उनका समय लगभग हर तीसरा दिन विदेशो मैं गुजरता है,सोनिया के आजकल विदेशी काम भी यही चाटुकार करता है,साउथ अफ्रीका मैं माइनिंग व्यवसाय है,
आज जब ये लुटेरे ऐसी बातें करते हैं तो कसम से एक ही बात कहूँगा~ गद्दार हिन्दू हैं !!
अपनी माँ के तो हुये नहीँ लेकीन उस विदेशी रांड के तलवे ज़रूर चाटते हैं सूवर मादरचोद ! 60 साल से एक ही खानदान की चाट रहें हैं !
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